अवैध कब्जे और निर्माण आखिर क्यों नहीं रोक पा रहा कैंट बोर्ड
बुधवार को मछेरान में अतिक्रमण हटाने को लेकर हुए बवाल के बाद अब कैंट बोर्ड भी सवालों के घेरे में आ गया है। सरकारी भूमि में अवैध निर्माण को रोका नहीं जा पा रहा है।
By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 08 Mar 2019 11:14 AM (IST)Updated: Fri, 08 Mar 2019 11:14 AM (IST)
मेरठ,जेएनएन। अवैध कब्जे और निर्माण पर कैंट बोर्ड भी घेरे में आ गया है। भूसा मंडी में अवैध कब्जे और निर्माण ने सैकड़ों झुग्गियों को खाक में मिला दिया। अपने घरों की राख के बीच बैठे सैकड़ों लोग भले ही अवैध कब्जे और अवैध निर्माण के दोषी हैं,लेकिन इतना बड़ा कब्जा और निर्माण एक दिन में नहीं हुए। रक्षा संपदा विभाग के अधीन आने वाली इस सरकारी भूमि पर हुए अवैध कब्जे को रक्षा संपदा विभाग नहीं रोक पाया। कैंट बोर्ड भी शुरू में अवैध निर्माण पर शिकंजा नहीं कस पाया। आवासीय बंगले में अवैध कब्जे और निर्माण होते गए। बुधवार को हुए बवाल के बाद ऐसे कई सवाल हैं,जिनका जवाब और समाधान जिम्मेदार लोगों को देना है।
हर कब्जे बवाल कराने वाले
कैंट में भारत सरकार की जमीन पर कई जगह अवैध कब्जे और अतिक्रमण हैं। बंगला नंबर 210 बी भी रक्षा भूमि पर है। कैंट के नाक के नीचे इतना बड़ा निर्माण हो गया। नोटिस भेजने के बाद कैंट बोर्ड शुरुआत में कुछ नहीं कर पाया। जब आरआर माल तोड़ने गए तो मलबे में चार लोग दबकर मर गए। उस समय भी जमकर बवाल हुआ था। कुछ महीने पहले लालकुर्ती में भी कैंट बोर्ड अवैध कब्जे हटाने गया था तो लोगों ने भारी विरोध किया था। मछेरान में अवैध कब्जे करने वालों का सीधा आरोप था कि कैंट बोर्ड के कर्मचारी पैसे लेकर शुरू में अनुमति दे देते हैं फिर तोड़ने चले आते हैं।
बंगला नंबर 201 में बस गईं झुग्गियां
बुधवार को जिस मछेरान में अवैध हटाने को लेकर बवाल मचा। वह बंगला नंबर 201 का एक हिस्सा है। रक्षा संपदा कार्यालय में इसका रिकार्ड है। वेस्ट एंड रोड से लगा शांति फार्म हाउस भी बंगला नंबर 201 में है। इसी के हिस्से से मछेरान की झुग्गियों के लिए जगह निकली है। बंगले की सरकारी भूमि को तमाम लोगों ने अपने तरीके से खरीद फरोख्त की। रक्षा संपदा कार्यालय में पीपी एक्ट के तहत बंगला नंबर 201 को कई बार नोटिस भी भेजा जा चुका है। वर्ष 2014 में कैंट बोर्ड ने शांति फार्म हाउस में हुए निर्माण को तोड़ा था। इसमें कई गैराज और दीवार अवैध तरीके से बनाए गए थे। उस समय भी कैंट की टीम को लोगों ने दौड़ा दिया था। कैंट बोर्ड मछेरान में हुए बवाल के बाद रक्षा संपदा कार्यालय से मिलकर बेदखली की कार्रवाई करने के विषय में सोच रहा है।
छह बंगलों पर अवैध कब्जे
छावनी क्षेत्र में मछेरान भूसा मंडी के पास बंगला नंबर 201, 198, 199, 200, 202 और 272 पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। छह बंगले का क्षेत्रफल 40 एकड़ के करीब है। जिस पर हजारों परिवार रह रहे हैं। भारत सरकार की भूमि को लोग अपने तरीके से खरीद फरोख्त भी रहे हैं।
सभी पर निगरानी संभव नहीं
रक्षा संपदा अधिकारी भावना सिंह का कहना है कि रक्षा संपदा के अंतर्गत सात कैंट आते हैं। अवैध कब्जे करने वाले लोगों पर पीपी एक्ट में कार्रवाई होती है। क्षेत्र बड़ा होने की वजह से अवैध कब्जों पर 24 घंटे निगरानी रखना आसान नहीं है। रक्षा संपदा भूमि पर अवैध निर्माण को हटाने के लिए कैंट बोर्ड स्वतंत्र हैं,वह कैंट एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकता है। कैंट बोर्ड के सीईओ प्रसाद चव्हाण का कहना है कि कैंट बोर्ड अब अवैध कब्जे और निर्माण पर शुरुआत में ही कार्रवाई कर रहा है। मछेरान में जो पक्का निर्माण हो रहा था,उसे तुरंत रोकने के लिए टीम भेजा गया। फिर भी निर्माण होता रहा। इसके बाद पुलिस फोर्स की मदद से अवैध निर्माण तोड़ा गया।
हर कब्जे बवाल कराने वाले
कैंट में भारत सरकार की जमीन पर कई जगह अवैध कब्जे और अतिक्रमण हैं। बंगला नंबर 210 बी भी रक्षा भूमि पर है। कैंट के नाक के नीचे इतना बड़ा निर्माण हो गया। नोटिस भेजने के बाद कैंट बोर्ड शुरुआत में कुछ नहीं कर पाया। जब आरआर माल तोड़ने गए तो मलबे में चार लोग दबकर मर गए। उस समय भी जमकर बवाल हुआ था। कुछ महीने पहले लालकुर्ती में भी कैंट बोर्ड अवैध कब्जे हटाने गया था तो लोगों ने भारी विरोध किया था। मछेरान में अवैध कब्जे करने वालों का सीधा आरोप था कि कैंट बोर्ड के कर्मचारी पैसे लेकर शुरू में अनुमति दे देते हैं फिर तोड़ने चले आते हैं।
बंगला नंबर 201 में बस गईं झुग्गियां
बुधवार को जिस मछेरान में अवैध हटाने को लेकर बवाल मचा। वह बंगला नंबर 201 का एक हिस्सा है। रक्षा संपदा कार्यालय में इसका रिकार्ड है। वेस्ट एंड रोड से लगा शांति फार्म हाउस भी बंगला नंबर 201 में है। इसी के हिस्से से मछेरान की झुग्गियों के लिए जगह निकली है। बंगले की सरकारी भूमि को तमाम लोगों ने अपने तरीके से खरीद फरोख्त की। रक्षा संपदा कार्यालय में पीपी एक्ट के तहत बंगला नंबर 201 को कई बार नोटिस भी भेजा जा चुका है। वर्ष 2014 में कैंट बोर्ड ने शांति फार्म हाउस में हुए निर्माण को तोड़ा था। इसमें कई गैराज और दीवार अवैध तरीके से बनाए गए थे। उस समय भी कैंट की टीम को लोगों ने दौड़ा दिया था। कैंट बोर्ड मछेरान में हुए बवाल के बाद रक्षा संपदा कार्यालय से मिलकर बेदखली की कार्रवाई करने के विषय में सोच रहा है।
छह बंगलों पर अवैध कब्जे
छावनी क्षेत्र में मछेरान भूसा मंडी के पास बंगला नंबर 201, 198, 199, 200, 202 और 272 पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। छह बंगले का क्षेत्रफल 40 एकड़ के करीब है। जिस पर हजारों परिवार रह रहे हैं। भारत सरकार की भूमि को लोग अपने तरीके से खरीद फरोख्त भी रहे हैं।
सभी पर निगरानी संभव नहीं
रक्षा संपदा अधिकारी भावना सिंह का कहना है कि रक्षा संपदा के अंतर्गत सात कैंट आते हैं। अवैध कब्जे करने वाले लोगों पर पीपी एक्ट में कार्रवाई होती है। क्षेत्र बड़ा होने की वजह से अवैध कब्जों पर 24 घंटे निगरानी रखना आसान नहीं है। रक्षा संपदा भूमि पर अवैध निर्माण को हटाने के लिए कैंट बोर्ड स्वतंत्र हैं,वह कैंट एक्ट के तहत कार्रवाई कर सकता है। कैंट बोर्ड के सीईओ प्रसाद चव्हाण का कहना है कि कैंट बोर्ड अब अवैध कब्जे और निर्माण पर शुरुआत में ही कार्रवाई कर रहा है। मछेरान में जो पक्का निर्माण हो रहा था,उसे तुरंत रोकने के लिए टीम भेजा गया। फिर भी निर्माण होता रहा। इसके बाद पुलिस फोर्स की मदद से अवैध निर्माण तोड़ा गया।
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