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जब सावधानी हटेगी..तभी दुर्घटना घटेगी

सावधानी हटी-दुर्घटना घटी परिवहन निगम का चेतावनी भरा यह संदेश सड़कों पर आपने कई बार पढ़ा होगा। देशभर में जगह-जगह इसके होर्डिग भी लगाए गए हैं ताकि वाहन चलाते समय हर कोई चौकन्ना रहे और यातायात नियमों की अनदेखी न हो।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 09:15 AM (IST)
जब सावधानी हटेगी..तभी दुर्घटना घटेगी
जब सावधानी हटेगी..तभी दुर्घटना घटेगी

मेरठ, जेएनएन। 'सावधानी हटी-दुर्घटना घटी', परिवहन निगम का चेतावनी भरा यह संदेश सड़कों पर आपने कई बार पढ़ा होगा। देशभर में जगह-जगह इसके होर्डिग भी लगाए गए हैं, ताकि वाहन चलाते समय हर कोई चौकन्ना रहे और यातायात नियमों की अनदेखी न हो। लेकिन, इस चेतावनी पर अमल कितना होता है, ये किसी से छिपा नहीं है। आए दिन होने वाली सड़क दुर्घटनाएं इस बात की गवाही देती हैं कि वाहन चालक सरेआम यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं और पुलिस इन पर लगाम कसने में विफल है। बहरहाल, एक बात साफ है कि यातायात नियमों की अनदेखी, मतलब हादसे को न्योता।

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गलत दिशा में चलना आठ से दस फीसद खतरनाक

कई बार वाहन चालक शार्ट कट के चक्कर में गलत दिशा में आ जाते हैं। इससे रास्ता तो छोटा हो जाता है, लेकिन खतरा उतना ही बढ़ जाता है। आए दिन हो रहे हादसे इसकी बानगी भर हैं। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो कुल हादसों में से करीब आठ से दस फीसद गलत दिशा में वाहन चलाने से होते हैं। दुर्घटना और कार्रवाई के बारे में जानने के बाद भी लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं। परतापुर फ्लाईओवर पर दो पहिया वाहन चालक लंबी दूरी से बचने के लिए शार्ट कट ले रहे हैं। हादसों के बाद वहां पुलिस की ड्यूटी लगा दी गई है।

नादान हाथों में 'मौत का स्टीयरिग'

नादान हाथों में स्टीयरिग 'मौत' की तरह होता है। वह खुद के लिए भी घातक है और दूसरे के लिए भी। ऐसा करने वालों में छात्र तो हैं ही, नौसिखिये बड़े व्यावसायिक वाहन, टेंपो और ई-रिक्शा भी चला रहे हैं। हाईवे से लेकर गली-मोहल्ले और पाश कालोनियों में ऐसा नजारा दिखना आम बात है। पुलिस कभी कभार अभियान चलाकर इतिश्री कर लेती है। हालांकि व्यावसायिक वाहन और टेंपो-ई रिक्शा पर तो रोक लग सकती है, लेकिन कुछ जिममेदारी स्वजन की भी है। वहीं, कार्रवाई की बात करें तो नाबालिग के वाहन चलाने पर पेनाल्टी तीन तरह से लगती है। डीएल न होने पर पांच हजार का चालान होता है। साथ ही वाहन उसे देना जिस पर डीएल नहीं है, तो भी पांच हजार का चालान होता है। इसके बाद ऐसे व्यक्ति को वाहन देना, जो वाहन चलाने में सक्षम नहीं है, तो ढाई हजार का चालान होता है। कुल मिलाकर साढ़े 12 हजार रुपये का चालान होता है। यह 5/181 की धारा के तहत होता है।

ये लापरवाही, जान पर भारी

दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट और चार पहिया चलाते समय सीट बेल्ट पहनना सबसे महत्वपूर्ण है। हादसों में अधिकतर मरने वालों में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट वाले ही होते हैं। बात करें हेलमेट की तो मानक के अनुरूप यानी आइएसआइ मार्का हेलमेट तो बहुत ही कम लोग इस्तेमाल करते हैं, जबकि पुलिस कार्रवाई करना चाहे तो लोकल हेलमेट पर भी कर सकती है।

सड़क पर खड़े बेतरतीब वाहन हादसों की वजह

सड़क पर खड़े बेतरतीब वाहन हादसों की प्रमुख वजहों में से एक हैं। हालांकि इस ओर कम ही लोगों का ध्यान जाता है। यह परेशानी उन रास्तों पर अधिक होती है, जहां रास्ता तंग होता है और आवागमन अधिक। बाजारों में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है। हाईवे पर भी कभी-कभी सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहन हादसों का कारण बनते हैं। इसमें कई बार लोगों की जान चली जाती है। वहीं, दुर्घटनाओं के बाद लोगों में मारपीट तक हो जाती है।

नशे में वाहन चलाना सबके लिए खतरा

ड्रंक एंड ड्राइव के हादसे लगातार सामने आते रहते हैं। आंकड़ों की बात करें तो नशे में कुल हादसों का करीब 11 से 13 फीसद रहता है। इसमें रफ्तार भी जोड़ ली जाए तो औसत करीब 20 प्रतिशत का हो जाता है। बावजूद इसके पुलिस कार्रवाई के नाम पर खानापूरी करती है। चालान की ही बात करें तो तीन साल में संख्या तीन अंकों तक भी नहीं पहुंची है। वहीं, नशे के बाद हुए मामलों में इस साल अभी तक 21 मुकदमे ही दर्ज हुए हैं।

नशे में हुई कुछ घटनाएं

26 नवंबर 20 : गढ़ रोड स्थित भाग्यश्री अस्पताल के मालिक के बेटे ने साथियों के साथ सिविल लाइन क्षेत्र में इलाहाबाद हाईकोर्ट की महिला अधिवक्ता को कुचलने का प्रयास किया। पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार कर लिया। सभी शराब के नशे में धुत थे। कुछ समय पहले भी एक दारोगा के बेटे ने बर्थ-डे पर इसी तरह पाश कालोनी में गाड़ी दौड़ाते हुए लोगों को कुचलने का प्रयास किया था।

22 नवंबर 20 : सिवाया टोल प्लाजा पर टोल टैक्स को लेकर हंगामा हो गया। नशे में धुत कार सवारों ने टोल नहीं दिया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। इस दौरान जाम भी लग गया था। काफी देर बाद मामला शांत हुआ।

सात नवंबर 20 : दिल्ली रोड से रुड़की की तरफ जा रहे ट्रक चालक ने शराब के नशे में उत्पात मचाया। राहगीरों ने चालक का पीछा भी किया था, लेकिन चालक अंधेरे में फरार हो गया।

हादसों की ये भी वजह

सड़क दुर्घटना की तीन प्रमुख वजहें हैं। इनमें सबसे पहली नियमों की अनदेखी/चालक की कमी। दूसरी सड़क की कमी और तीसरी गाड़ी की कमी।

नियमों की अनदेखी/चालक की कमी

-नियमों की अनदेखी जानलेवा साबित होती है। दो पहिया वाहन पर तीन सवारी, हेलमेट नहीं लगाना, ज्यादा सामान रखकर चलना, तेज रफ्तार, चार पहिया में सीट बेल्ट नहीं पहनने के साथ ही चालक को नियमों की जानकारी नहीं होना। सिग्नल की अनदेखी। लापरवाही से गाड़ी चलाना। तेज रफ्तार के साथ ही नशे में वाहन चलाना आदि।

सड़क की कमी

-दूसरी प्रमुख वजह सड़क की खामी है। कई बार निर्माण में गड़बड़ी रहती है, जो जानलेवा साबित होती है जैसे- ब्लांइड कर्व यानी अंधा मोड़, तीव्र मोड़, अवैध कट, अधिक ढलान, अचानक से बड़ा ब्रेकर आना आदि। ऐसी स्थिति में सूचना पट का न होना हादसों का कारण होता है।

गाड़ी की कमी

वाहन चलाते समय पंक्चर हो जाना, ब्रेक या फिर स्टीयरिग का फेल हो जाना। इसके अलावा गाड़ी की सर्विस पर ध्यान न देने से भी हादसे हो जाते हैं।

वर्ष - दुर्घटनाएं - मृतक - घायल

2018 -1097 - 443- 678

2019 -956 - 414 - 644

2020 - 539 - 248 - 386

(इस वर्ष की संख्या एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक ट्रैफिक पुलिस के अनुसार है।)

साल 2018 में हादसे

दो पहिया

बाइक - 433

स्कूटी - 225

चार पहिया व भारी वाहन

कार :- 195

बस :- 95

ट्रक :- 39

साल 2019 में हादसे

दो पहिया

बाइक - 375

स्कूटी - 198

चार पहिया व भारी वाहन

कार :- 165

बस :- 70

ट्रक :- 51

साल 2020 में हादसे

दो पहिया

बाइक - 165

स्कूटी - 158

चार पहिया व भारी वाहन

कार :- 75

बस :- 60

ट्रक :- 26

2018 में हुए चालान

गलत दिशा में चलने पर- 1281

नशे में- 25

बिना हेलमेट- 28216

बिना सीट बेल्ट- 4914

बिना डीएल- 11246

नो पार्किंग- 296

2019 में हुए चालान

गलत दिशा में चलने पर- 1351

नशे में- 20

बिना हेलमेट- 29316

बिना सीट बेल्ट- 5142

बिना डीएल- 10865

नो पार्किंग- 243

2020 में हुए चालान

गलत दिशा में चलने पर- 1532

नशे में- 23

बिना हेलमेट- 29296

बिना सीट बेल्ट- 6562

बिना डीएल- 13461

नो पार्किंग- 243

2018 में हुए हादसे

नशे में- 142

तेज रफ्तार- 329

नो पाíकंग- 32

विपरीत दिशा से- 87

ओवर लोड वाहन से- 65

नींद से- 219

2019 में हुए हादसे

नशे में- 124

तेज रफ्तार- 286

नो पार्किंग- 28

विपरीत दिशा से- 76

ओवर लोड वाहन से- 57

नींद से- 191

2020 में हुए हादसे अक्टूबर तक

नशे में- 70

तेज रफ्तार- 161

नो पाíकंग- 18

विपरीत दिशा से- 43

ओवरलोड वाहन से - 32

नींद से- 107

कट रहे चालान, चल रहा अभियान : एसपी ट्रैफिक

एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गलत दिशा में वाहन चलाने वालों का चालान करने के साथ ही उनको सही दिशा में चलने के लिए प्रेरित किया जाता है। पुलिस ने कई अवैध कट भी बंद करवाए हैं, ताकि लोग गलत दिशा में ना जाएं। स्कूलों में जाकर बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। उनको बताया जाता है कि 16 साल तक के बच्चे बिना गेयर और 18 साल से अधिक के बच्चे ही गेयर वाला वाहन चलाएं। साथ ही स्वजनों को भी समझाने का प्रयास होता है। विभाग के पास ब्रीथ एनालाइजर मशीन है। कर्मचारियों को नियमित तौर पर नशे में वाहन चलाने वाले के प्रति कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। साथ ही हेलमेट, सीट बेल्ट और सड़कों पर बेतरतीब खड़े वाहनों के खिलाफ भी ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करती रहती है। ओवरलोड वाहन भी हादसों का कारण

थोड़े से लालच में लोग जिदगी से खेल रहे हैं। दिन से लेकर रात तक सड़कों पर ओवरलोड वाहन दौड़ते मिल जाएंगे। एक थाना क्षेत्र से निकलकर दूसरे और फिर तीसरे से लेकर गंतव्य तक पहुंच जाते हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूíत होती है। आरटीओ भी यदा-कदा ही अभियान चलाता है। इसका नतीजा यह होता है कि चालक बेखौफ होकर वाहन को दौड़ाता है। मेवाला फ्लाईओवर पर कई बार ओवरलोड वाहन पलट चुके हैं। करीब तीन माह में ही दो ट्रक हादसे का शिकार हो गए थे। बिजली बंबा बाईपास पर कई बार ओवलरलोड वाहन पलटने के साथ ही फाटक के हाइट गेज में अटक चुके हैं। बस कार्रवाई के नाम पर अभियान चलाने की बात होकर रह जाती है।

यातायात नियमों का उल्लंघन

यातायात नियमों के उल्लंघन में कार्रवाई तब होती है, जब किसी धारा के तहत अपराध ना बनता हो। इसमें ट्रैफिक पुलिस के रोकने पर नहीं रुकना, बिना डिपर दिए लेन को चेंज कर देना, स्कूल और हास्पिटल के पास हार्न बजाना, मार्गों पर लगे सूचना निर्देशों का पालन नहीं करना आदि।


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