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गंदा है तो क्या हुआ, हम मेरठ को बनाएंगे इंदौर

इंदौर से आई संयुक्त टीम ने मेरठ के पांच वार्डो का देखा हाल।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Apr 2018 10:18 AM (IST)Updated: Sun, 08 Apr 2018 10:18 AM (IST)
गंदा है तो क्या हुआ, हम मेरठ को बनाएंगे इंदौर
गंदा है तो क्या हुआ, हम मेरठ को बनाएंगे इंदौर

मेरठ। 'ओह..कैसे जी रहे हैं मेरठ के लोग..यहां इतनी गंदगी है..।' ये अल्फाज इंदौर की उस टीम के हैं जो मेरठ को इंदौर की भांति साफ सुथरा करने आई है। इंदौर देश का सर्वाधिक स्वच्छ शहर है। मेरठ सिटीजन फोरम ने शहर के पांच वार्डो में सफाई का यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। शनिवार को अभियान की शुरूआत हुई। संयुक्त टीम ने पांचों वार्डो का हाल देखा। गंदगी देख टीम परेशान तो हुई लेकिन यह भी बोली कि नगर निगम, सफाई कर्मियों तथा जनता ने साथ दिया तो मेरठ को इंदौर बना देंगे।

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टीम के पहले दिन के कामकाज से पहले यह जानना जरूरी है कि इंदौर की टीम शहर की फिजा बदलने क्यों आई है। दरअसल, शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार तथा उसे व्यवस्थित करने के लिए नगर निगम ने मेरठ सिटीजन फोरम के साथ अनुबंध किया है। फोरम ने इंदौर में काम कर रही हैदराबाद की एजेंसी मैसर्स बेसिक म्यूनिसिपल वेस्ट वेंचर लि. से सहयोग लिया है। इंदौर से एजेंसी की आठ सदस्यों की टीम शहर पहुंची है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह टीम तीन महीने में शहर के पांच वार्डो की सूरत बदल देगी। इसकी सफलता देखने के बाद एजेंसी को पूरे शहर में सफाई व्यवस्था देखने का काम सौंपने पर विचार होगा।

शनिवार सुबह सात बजे फोरम, एजेंसी, नगर निगम के अधिकारी तथा पार्षद आदि जनप्रतिनिधि हापुड़ अड्डा चौराहे पर एकत्र हुए। यहां से संयुक्त रूप से चयनित पांच वार्डो का दौरा शुरू करके वहां के हालात देखने का काम शुरू हुआ। सराय बहलीम, प्रहलाद नगर, पिलोखड़ी रोड, नौचंदी परिसर, अंसारपुरा, पूर्वी इस्लामाबाद, गोलाकुआं समेत टीम जहां भी पहुंची वहीं पर नालों में कूड़ा भरा था। नालियां सिल्ट से लबालब थीं। सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे थे। लोगों ने अपने घरों के सामने ही कूड़ा फेंक रखा था। नालियों का पानी सड़कों पर फैला था। आवारा पशु घूम रहे थे। हालात देख इंदौर की टीम के आठों सदस्य परेशान हो उठे। उनके मुंह से निकल पड़ा कि यहां हालात अच्छे नहीं हैं। जनता यहां कैसे रहती है। सफाई कर्मियों को देखा तो उनके हाथ में न ग्लब्स थे और न चेहरे पर मास्क। हाथ ठेली भी नहीं है। 15-15 दिन तक कूड़ा उठाने वाले वाहन नहीं आते।

लोगों की जागरूकता के बिना कुछ नहीं..

टीम के मुखिया व असिस्टेंट मैनेजर विजय बहादुर सिंह तथा सिटीजन फोरम के गौरांग संगल ने बताया कि इंदौर की तर्ज पर मेरठ को स्वच्छ बनाने के लिए बहुत बदलाव करने होंगे। डोर-टू-डोर कूड़ा उठाना होगा। लोगों को सूखा व गीला कूड़ा अलग रखने के लिए जागरूक करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि बहुत जल्द कंपनी के असिस्टेंट वाइस प्रेसीडेंट गोपाल जगताप भी मेरठ का जायजा लेने आएंगे। तीन माह में यहां नहीं दिखेगी गंदगी

वार्ड संख्या मोहल्ले

56 प्रहलाद नगर, महमूद नगर, बनी सराय, नीचा सद्दीक नगर, पिलोखड़ी रोड।

58 हनुमानपुरी, लक्ष्मीनगर, देवी नगर, आर्य नगर, सूरजकुंड रोड, गांधीनगर, रामबाग।

66 सराय बहलीम, पूर्वा अब्दुलवाली, नौगजा, शाहघासा।

67 नौचंदी परिसर, गढ़ रोड, राजेंद्र नगर, कैलाशपुरी, रामबाग, पंचवटी, प्रीत विहार, अंसारपुरा।

72 पूर्वी इस्लामाबाद, गोलाकुआं आजाद रोड, स्टेट बैंक कालोनी, बुनकर नगर, विकासपुरी।


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