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बुधवार को रही साप्ताहिक बंदी, प्रतिष्ठानों पर लटके ताले

बेकाबू कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए बुधवार को मवाना में भी साप्ताहिक बंदी शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 06:53 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 06:53 PM (IST)
बुधवार को रही साप्ताहिक बंदी, प्रतिष्ठानों पर लटके ताले
बुधवार को रही साप्ताहिक बंदी, प्रतिष्ठानों पर लटके ताले

मेरठ, जेएनएन। बेकाबू कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए बुधवार को मवाना में भी साप्ताहिक बंदी शुरू हो गई। पहली बंदी होने के कारण श्रम विभाग की स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर व्यापारी वर्ग में शंकाए रही लेकिन ज्यादातर प्रतिष्ठानों पर ताले लटके रहे।

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डीएम के. बालाजी द्वारा कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए साप्ताहिक बंदी को पूर्णत लागू करने श्रम विभाग को आदेश दिए थे। मेरठ महानगर के अलग-अलग हिस्से में साप्ताहिक बंदी रखी गयी तो मवाना में बुधवार का दिन तय किया गया। हालांकि यह पूर्व संध्या पर स्थिति स्पष्ट नहीं होने पर व्यापारी वर्ग में शंकाए रही और आलाधिकारी व श्रमविभाग अधिकारी से स्थिति स्पष्ट करने को फोन करते रहे। इसके बावजूद बुधवार सुबह से व्यापारियों ने दुकानें खोलने से गुरेज रखा। जिसके चलते बाजार सूने पड़े रहे। सुभाष बाजार, सर्राफा बाजार, पुरानी सब्जी मंडी, गोल मार्केट, गुड़मंडी व हस्तिनापुर रोड, क्षेत्र की दुकानें बंद रही। वहीं, प्रतिष्ठान बंद होने के कारण बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।

मेडिकल स्टोर, अस्पताल खुले रहे

शासनादेश के अनुसार साप्ताहिक बंदी में मेडिकल स्टोर, अस्पताल, दूध समेत अन्य आवश्यक सामान की दुकानें बाहर रही। यह पूरी तरह पूरे दिन खुली रही।

वाहन शोरूम में नहीं दिखा साप्ताहिक बंदी का असर

मवाना में ट्रैक्टर, गाड़ी, बाइक समेत अन्य शोरूम पूर्व की तरह यथावत खुले रहे। जबकि गाड़ी, ट्रैक्टर के वर्कशाप भी खुले रहे। जिसकों लेकर व्यापारियों में कुछ नाराजगी भी दिखाई दी।

स्प्रिंग डेल्स स्कूल के बच्चों ने आनलाईन बैसाखी मनाई: स्प्रिंग डेल्स पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं ने बुधवार को बैसाखी पर्व का जश्न मनाया और सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को शुभकामनाएं दीं। छात्र-छात्राओं ने पोस्टर बनाकर बैसाखी के महत्व को सोशल मीडिया के माध्यम से साझा किया। प्रबंधक मनोज रस्तोगी व प्रधानाचार्या रीना त्यागी ने विद्याíथयों को बैसाखी पर्व से परिचित कराते हुए संदेश दिया कि इस दिन 13 अप्रैल 1699 को सिक्खों के दसवें गुरू गोविद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी। इसलिए इस दिन को खालसा पंथ के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन किसान खुशी से झूम उठते हैं क्योंकि उनकी गेहूं की फसल पककर तैयार हो जाती है। उन्होंने इस पर्व को प्रेम और भाईचारे के साथ मनाने का संदेश दिया।


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