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New Education Policy 2020: वेब गोष्ठी में बोले वक्‍ताओं ने रखी राय, अब डिग्री नहीं हुनरमंद होकर निकलेंगे छात्र Meerut News

New Education Policy 2020 राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को 34 साल बाद मिली है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह छात्रों के हाथ में केवल डिग्री नहीं थमाएगी।

By Prem BhattEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 07:30 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 07:30 AM (IST)
New Education Policy 2020: वेब गोष्ठी में बोले वक्‍ताओं ने रखी राय, अब डिग्री नहीं हुनरमंद होकर निकलेंगे छात्र Meerut News
New Education Policy 2020: वेब गोष्ठी में बोले वक्‍ताओं ने रखी राय, अब डिग्री नहीं हुनरमंद होकर निकलेंगे छात्र Meerut News

मेरठ, जेएनएन। New Education Policy 2020 राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश को 34 साल बाद मिली है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह छात्रों के हाथ में केवल डिग्री नहीं थमाएगी। बल्कि उनके हुनर को गढ़कर काबिल भी बनाएगी। नई शिक्षा नीति से भारत में विकास की संभावनाएं विषय पर आयोजित वेब गोष्ठी में यह बात वक्ताओं ने कही। इसका आयोजन चौ. चरण सिंह विवि के हिंदी विभाग की ओर से किया गया।

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शिक्षा नीति भारत के अतीत गौरवशाली परंपरा

कुलपति प्रो. एन.के. तनेजा ने कहा कि नई शिक्षा नीति उच्च, मध्य, निम्न वर्ग, शहरी, ग्रामीण, महिला, पुरुष, सभी को ध्यान में रखकर बनाई गई है। शिक्षामंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के सलाहकार डा. देवेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षा नीति भारत के अतीत गौरवशाली परंपरा के साथ-साथ आधुनिक दुनिया में सूचना तकनीक ज्ञान के बीच एक संवाद का काम करेगी। आधुनिक भारत की जरूरतों के हिसाब से इसे बनाया गया है। स्थानीय भाषा को लेकर इसमें विशेष प्रावधान है। सरकार की ओर से इसके कुशल क्रियान्वयन के लिए भी तीव्र गति से प्रयास किए जाएंगे।

यह दिया गया सुझाव

उत्तराखंड उच्च शिक्षा के पूर्व निदेशक प्रो. सविता मोहन ने कहा कि विद्यार्थी अब अपनी क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्राप्त करके आत्मनिर्भर बन सकता है। अब विद्यार्थी केवल रोजगार के लिए नहीं बल्कि शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल जाएंगे। डा. सर्वेंद्र विक्रम ने कहा कि नई शिक्षा नीति कक्षा पांच की शिक्षा में मातृभाषा, स्थानीय भाषा और क्षेत्रीय भाषाओं पर बल देती है। मातृभाषा को कक्षा आठ और आगे की शिक्षा में देने के लिए सुझाव दिया है।

शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण

डा. जसपाली चौहान ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य चरित्र निर्माण होता है इस नई शिक्षा नीति ने मौलिक चिंतन के रास्ते खोले हैं। हिंदी के विभागाध्यक्ष प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी ने कहा कि 34 साल के बाद देश को एक नई शिक्षा नीति मिली है। भारत के भविष्य और आगामी चुनौतियों के समाधान में यह नीति मददगार होगी। वेब गोष्ठी में प्रो.अवनीश कुमार, प्रो.अशोक चौबे, प्रो.योगेंद्र सिंह, प्रो. पीके मिश्रा, डा. राजीव सीजेरिया, प्रो. अशोक चौबे, डा. मनोज कुमार श्रीवास्तव, डा अंजू, डा. विवेक आदि अन्य उपस्थित रहे।


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