Weather Update News: मेरठ और आसपास के जिलों में बारिश से तापमान में गिरावट, मुख्य मार्गों पर जलभराव
मेरठ समेत आसपास के जिले बागपत सहारनपुर मुजफ्फरनगर बुलंदशहर बिजनौर व शामली के अलावा दिल्ली गाजियाबाद में मानसून की दस्तक हुई है। मानसून की दस्तक से शनिवार को जोरदार बारिश हुई। जिसके बाद तापमान में गिरावट आयी। सोमवार को भी मौसम में गिरावट रही।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली एनसीआर में मानसून की एक बार फिर दस्तक हो चुकी है। सितंबर माह में लगातार हो रही बारिश से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। साथ ही बारिश होने से हल्की ठंड का भी अहसास हुआ है। शनिवार को हुई तेज बारिश के बाद रविवार को धूप निकली थी। ऐसा माना जा रहा था कि अभी बारिश के थमने की संभावना है। लेकिन सोमवार की दोपहर को बादलों के अचानक छाने से दिन में ही अंधेरा छा गया और झमाझम बारिश हुई। वहीं मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले समय में और बारिश हो सकती है, हालाकि कल धूप निकल सकती है।
मानसून की दस्तक से तापमान में गिरावट
मेरठ समेत आसपास के जिले बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, बिजनौर व शामली के अलावा दिल्ली गाजियाबाद में मानसून की दस्तक हुई है। मानसून की दस्तक से शनिवार को जोरदार बारिश हुई। जिसके बाद तापमान में गिरावट आयी। दिल्ली को छोड़कर अन्य जगहों पर रविवार को धूप निकली रही। जिससे तापमान में बढ़ोत्तरी हुई थी। लेकिन सोमवार की बारिश से तापमान में गिरावट होते हुए 23.5 डिग्री तक तापमान रहा।
लोगों को इन बातों की चिंता
दिल्ली समेत मेरठ व पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में बारिश से जगह- जगह जलभराव की समस्या सामने आ गई है। दिल्ली का सफर करना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है। किचड़ व जलभराव के कारण वाहनों की गति भी थम रही है। जिस कारण जाम की स्थिति भी पैदा हो रही है। इसके अलावा बारिश होने से नाले का पानी शहर की मुख्य सड़कों पर आ जाने से समस्या पैदा हो जाती है, जिसे लेकर भी लोगों की चिंता है। ऐसे ही हालात शनिवार को हुई जोरदार बारिश में बने थे।
दिल्ली जाने वाले रास्तों पर पानी
बागपत में सहारनपुर दिल्ली हाईवे पर बारिश होने से पानी भर गया तो वहीं मेरठ से दिल्ली के लिए जाने वाले रास्ते पर कई जगहों पर पानी लगा रहा। वहीं आसपास के जिलों से जोड़ती सड़कों पर गढ़ढों में पानी भरा रहा। इससे लोगों के आवागमन में असुविधा रही।
फसलों को लाभ
बारिश से किसानों के चेहरे खिले रहे। गन्ने की फसल को पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन मिलने से लाभ पहुंचा तो वही धान की फसल के लिए पर्याप्त पानी मिलने से खेतों में हरियाली छायी रही।