हमने रोपी हरियाली, जीवन में बढ़ी खुशहाली
पेड़-पौधे प्रकृति की नायाब धरोहर हैं। अपने पूरे जीवन काल में वो जितना मनुष्यों से लेते हैं उससे कई गुना उन्हें वापस लौटा देते हैं। उनके इस गुण को जिसने पहचाना उसकी तरक्की निश्चित ही है।
जेएनएन, मेरठ। पेड़-पौधे प्रकृति की नायाब धरोहर हैं। अपने पूरे जीवन काल में वो जितना मनुष्यों से लेते हैं, उससे कई गुना उन्हें वापस लौटा देते हैं। उनके इस गुण को जिसने पहचाना उसकी तरक्की निश्चित ही है। पौधे लगाकर लोग न सिर्फ बदहाल होते पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं बल्कि उससे अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के साथ ही कमाई भी कर सकते हैं। जरूरी नहीं है कि इसके लिए कई घंटे का समय खपाया जाए बल्कि, थोड़ी सी मेहनत व समय खर्च कर अच्छा लाभ उठाया जा सकता है। कुछ इस तरह से अपने अनुभव साझा किए बागवानी से लाभ कमा रहे लोगों ने।
बागवानी के शौक से बढ़ी आत्मनिर्भरता
किला रोड पर कोरल स्प्रिंग कॉलोनी निवासी धनवीर सिंह बताते हैं उन्हें बागवानी करने का शौक शुरुआत से ही था। प्राइवेट नौकरी में उन्हें इसके लिए समय नही मिल पाता था। जिसके लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और घर के पास के पार्क और खाली पड़े अपने 550 वर्ग मीटर के प्लाट में बागवानी शुरू कर दी। जिसमें नीबू, अंगूर, जामुन, आम के अलावा आर्गेनिक तरीके से सब्जी व दालें भी उगानीं शुरू कर दीं। इनके लिए वे किसी तरह के केमिकल और खाद आदि का इस्तेमाल नहीं करते। इसके लिए दिन भर में महज 4-6 घंटे देते हैं। समय की बचत देखकर उन्होंने इसके साथ ही मार्केटिंग का काम भी शुरू कर दिया। जिससे वह दोहरा लाभ कर उठा रहे हैं। धनवीर के अनुसार वे बागवानी की उपज को घरेलू उपयोग में लेते हैं। जिससे सब्जी, दाल व कुछ फलों के लिए बाजार पर निर्भर नही रहना पड़ता।
औषधीय पौधे से तैयार करते दवाएं
लोहिया नगर निवासी रवि प्रकाश बताते हैं उनका पास में ही एक प्लाट खाली पड़ था, जिसमें उन्होंने कई तरह औषधीय पौधे जैसे, आंवला, नीम, गिलोय, एलोवेरा, तुलसी, अंजीर, लेमन ग्रास आदि लगा रखे हैं। जिनके प्रयोग से वे दवा आदि को तैयार करते हैं। जिनका उपयोग करके घर से लेकर बाहर तक के लोगों को राहत मिलती है। मौजूदा समय में कई लोग उनसे इन पेड़-पौधों की छाल, पत्ती, टहनियां आदि लेने आते हैं। इससे भी उनको काफी लाभ मिलता है। औषधीय पौधे के लाभ जानकर लोग इन्हें सहेजने के लिए भी काम कर रहे हैं। इसके अलावा घरेलू उपयोग के लिए सब्जी भी तैयार कर लेते हैं। जिससे उन्हें काफी हद तक बाहर से सब्जी खरीदकर नही लानी पड़ती। यहां उगाई गई सब्जी का स्वाद बाजार की सब्जी से काफी बेहतर भी होता है।