विश्वविद्यालय में शुरू हुआ अपशिष्ट प्रबंध प्लांट
चौ. चरण सिंह विवि परिसर में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट शुरू हो गया है।
मेरठ, जेएनएन : चौ. चरण सिंह विवि परिसर में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट शुरू हो गया है। राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान के अंतर्गत करीब 57 लाख रुपये की लागत से तैयार इस प्लांट की मदद से विवि परिसर में हर जगह कूड़े का निस्तारण हो सकेगा। इसके संचालन के साथ ही सीसीएसयू उत्तर भारत का पहला विवि बन गया है जहां इस तरह का प्लांट शुरू कर दिया गया है। परिसर में हर जगह के कूड़े से खाद बनाई जाएगी। यह खाद 15 दिनों में बनकर तैयार होगी। हर तरह के कचरे का प्रबंधन कर खाद तैयार करने के साथ ही विवि परिसर में खराब पानी को भी रिसाइकल किया जाएगा। प्लास्टिक को पहले ही छोड़ चुके विवि परिसर में इस प्लांट के लगने के बाद किसी भी तरह का कचरा भी नहीं दिखाई देगा। इससे जहां परिसर में स्वच्छता बढ़ेगी वहीं छात्रों व शिक्षकों को भी इसके लिए प्रेरित किया जाएगा।
इसके साथ ही विवि परिसर में विभागों के ऊपर 1260 किलो वाट का सोलर पावर प्लांट लगाया गया है। इससे बिजली में भी विवि आत्मनिर्भर हो चुका है। छुट्टी के दिन अतिरिक्त बिजली उत्पादन को ग्रिड को सप्लाई किया जाता है। कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के तहत विवि को मिली इस उपलब्धि में हर विभाग के शिक्षकों, कुलसचिव और छात्रों का योगदान है इसके लिए सभी को बधाई। अब विवि परिसर पूरी तरह से स्वच्छ और सुंदर बनेगा। ऐसा करने वाले उत्तर भारत में हम पहले विवि बन गए है जिसका श्रेय सभी को जाता है।
सभी ने ली स्वच्छता की शपथ
विवि परिसर स्थित राजा महेंद्र प्रताप पुस्तकालय के के सामने सोमवार को कुलपति व कुलसचिव सहित सभी विभागों के शिक्षक व छात्रों ने स्वच्छता शपथ ग्रहण की। एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत शपथ ग्रहण करते हुए सभी ने साल में 100 घंटे स्वच्छता को देने का संकल्प लिया और अपने आस-पास के लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया।
फार्म खुलवाने को छात्रों ने मागी भीख
चौ. चरण सिंह विवि का परीक्षा फार्म न खुलने और उसके नाम पर वसूली का आरोप लगाते हुए सोमवार को छात्रों ने भीख मांग कर धनराशि एकत्र की और परीक्षा नियंत्रक को देने पहुंचे। भीख मांगी हुई धनराशि को लेकर छात्रों ने सभी समस्याओं का निस्तारण करने की मांग उठाई। छात्रों का आरोप है कि दूरदराज से आने वाले छात्रों से वसूली के नाम परा परेशान किया जाता है। परीक्षा नियंत्रक से सभी समस्याओं का निस्तारण जल्द किए जाने का आश्वासन मिला और वसूली करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।