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मेरठ में बवाल : खुद गिरफ्तारी देने पहुंचा बदर अली, पुलिस ने लिया इनाम और बदली धाराएं Meerut News

पुलिस अफसरों की कार्ययोजना को पलीता लगाकर रविवार को हुए बवाल का आराेपित बदर अली खुद ही गिरफ्तारी देने पहुंच गया। पुलिस ने इनाम की धनराशि भी खुद ले ली।

By Ashu SinghEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 10:43 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2019 10:43 AM (IST)
मेरठ में बवाल : खुद गिरफ्तारी देने पहुंचा बदर अली, पुलिस ने लिया इनाम और बदली धाराएं Meerut News
मेरठ में बवाल : खुद गिरफ्तारी देने पहुंचा बदर अली, पुलिस ने लिया इनाम और बदली धाराएं Meerut News

मेरठ, [सुशील कुमार]। शहर को अराजकता की आग में झोंकने का मुख्य आरोपित बदर अली को पकड़ने में पुलिस का भारी-भरकम अमला नाकाम रहा। पुलिस अफसरों की कार्ययोजना को पलीता लगाकर बदर खुद ही गिरफ्तारी देने पहुंच गया। सदर बाजार एसओ नाटकीय ढंग से बदर को निजी कार में बैठाकर मेहमान की माफिक क्राइम ब्रांच दफ्तर लाए, जहां से मेडिकल कराने के बाद जेल भेज दिया। हैरत की बात यह है कि इस सेटिंग के सरेंडर को शीर्ष अफसरों से छिपाकर पांच हजार रुपये का इनाम भी ले लिया। साथ ही आरोपित को लाभ पहुंचाने की खातिर मुकदमे में धाराएं भी तब्दील कर दीं।

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रविवार को हुआ था बवाल

पांच दिन पहले रविवार को शहर में बवाल हुआ। इंटरनेट सेवाएं बंद नहीं होतीं तो शहर का एक हिस्सा हिंसा की भेंट चढ़ जाता। बवाली इतने उग्र थे कि पुलिस के साथ मारपीट तक की गई। बवाल का मुख्य आरोपित युवा सेवा समिति का अध्यक्ष बदर अली है,जो मुकदमा दर्ज होने के बाद भी हर रोज मीडिया से बातचीत कर अपना बयान दर्ज कराता रहा। पुलिस उसकी गिरफ्तारी को लेकर दबिश देने का दावा करती रही।

पांच हजार का इनाम था घोषित

मामला हाईकमान तक पहुंचा तो कप्तान और आइजी पर गाज गिर गई। नए कप्तान अजय साहनी ने बदर अली की हिस्ट्रीशीट खोलकर पांच हजार रुपये इनाम घोषित कर दिया। फिर भी पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही। गुरुवार को बदर ने एक वीडियो जारी कर अपने सरेंडर का एलान किया। एसपी सिटी से मोबाइल पर सरेंडर करने की बात कही। उसने मुंडाली एसओ विनोद कुमार के समक्ष पेश होने की इच्छा जताई। एसपी सिटी ने सदर बाजार एसओ विजय कुमार को लगा दिया। बदर गिरफ्तारी देने शॉपरिक्स मॉल पर पहुंच गया। एसओ उसे एक प्राइवेट कार में बैठाकर क्राइम ब्रांच ऑफिस ले आए। यहां से देहलीगेट थाने के मुकदमा संख्या 195 में पर्चा काटकर जेल भेज दिया।

निभाया वादा, बदली धाराएं

सदर बाजार एसओ ने बदर अली को भरोसा दिलाया कि उसके साथ कोई मारपीट नहीं की जाएगी। धाराएं बदलने की बात भी तय की गई। पुलिस ने अपना वायदा निभाया भी। मुकदमे में से पुलिस ने धारा 342 हटा दी गई और आइपीसी की धारा 341 लगाई। उसके अलावा भी 147, 149, 332, 353, 186, 188 और सेवन क्रिमिनल एक्ट में कार्रवाई की गई। सीओ दिनेश शुक्ला ने बताया कि मुंशी की गलती से धारा 342 लग गई थी, जिसे हटा दिया गया।

किस धारा में क्या: 341 आइपीसी

सड़क मार्ग जाम कर लोगों से अभद्रता करना। 342 आइपीसी : भीड़ को एक स्थान पर बंधक बनाकर रखना।

अफसरों से मिला प्रतिनिधिमंडल

जमयैतुलमा मेरठ का एक प्रतिनिधिमंडल अफसरों से मिला। राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया। शहर काजी जैनुस साजिद्दीन के नेतृत्व में जमयैतुलमा के पदाधिकारी सहित काफी संख्या में लोग पहले ज्ञापन लेकर डीएम के पास गए। प्रतिनिधिमंडल के जाने से पहले ही डीएम निकल चुके थे। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल एडीजी प्रशांत कुमार से मिला और ज्ञापन दिया। ज्ञापन में शहर काजी ने बताया कि जांच के बाद ही गिरफ्तारी की जाए,ताकि निदरेषों को सजा न मिले। नायब शहर काजी राशिद्दीन ने कमिश्नर अनिता सी.मेश्राम से मुलाकात की।

बंद में शामिल नहीं होने की अपील

शहर काजी प्रो. जैनुस साजिद्दीन ने कहा कि किसी तरह के बंद की उन्हें जानकारी नहीं है। लेकिन अगर पांच जुलाई को कोई बंद है तो मुस्लिम समाज इससे दूर रहेगा। उन्होंने कहा कि हम बंद का समर्थन नहीं करते। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से बंद में शामिल नहीं होने की अपील भी की। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री डॉ. मैराजुद्दीन, जीएम मुस्तफा, नसीम कुरैशी,आइडी गौतम,अयाज अहमद व नासिर फारूकी आदि थे।

सख्त कार्रवाई के संकेत

दो अप्रैल 2018 को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा से सबक लेते हुए पुलिस-प्रशासन शुक्रवार को प्रस्तावित भारत बंद के आह्वान पर सतर्कता बरते हुए हैं। अफसरों के मुताबिक भारत बंद स्थगित हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद शहर के हालात का जायजा लेने के लिए पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी गुरुवार को सड़क पर उतरे। एडीजी, आइजी व एसएसपी ने डेढ़ घंटे की पेट्रोलिंग के दौरान लोगों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने का आह्वान किया। साथ ही शांति व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्रवाई के संकेत भी दिए।

पैदल मार्च निकाला

शासन के पैदल गश्त के आदेश के मद्देनजर एडीजी प्रशांत कुमार ने आइजी आलोक सिंह, डीएम अनिल ढींगरा, एसएसपी अजय साहनी व सिटी मजिस्ट्रेट संजय पांडेय ने फोर्स के साथ शहर के संवेदनशील इलाकों में पैदल मार्च निकाला। घंटाघर से शुरू हुआ पैदल मार्च वैली बाजार, सराफा मार्केट, कागजी बाजार, तोपची वाड़ा, कसाइयों वाली मस्जिद,लिसाड़ी चौपला,गोलाकुआं व हापुड़ अड्डा होते हुए भगत सिंह मार्केट पर खत्म हुआ। मीडिया से बातचीत में एडीजी ने कहा कि कुछ संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद की घोषणा कर रखी थी। उक्त संगठनों ने भारत बंद स्थगित करते हुए पुलिस-प्रशासन को लिखित में दिया है।

उत्पाती अपनी गलतफहमी दूर कर लें

एडीजी ने कहा कि जो शरारती तत्व यह समझते हैं कि शासन-प्रशासन की नजर उन पर नहीं है। वह अपनी गलतफहमी दूर कर लें। उनकी हर हरकत पर पुलिस की पैनी नजर है। शांति व्यवस्था में खलल डालने वालों के साथ सख्ती से पेश आया जाएगा। उन्हें अपने मंसूबों में कतई कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।

लग्जरी कार की सुविधा प्रदान की

बवाल के मुख्य आरोपित बदर अली निवासी दौताई थाना गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़। हाल निवासी फैज-ए-आम को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने लग्जरी कार की सुविधा प्रदान की। शॉपरिक्स मॉल से बदर को निजी स्विफ्ट वीडीआइ में बैठाकर ले जाया गया। यह कार पिंकी के नाम है,जिस पर अमरोहा का नंबर पड़ा हुआ था। इसी कार में बदर का मेडिकल कराया है। मामला मीडिया में आने पर तत्काल ही कार को बदल दिया गया। उसके बाद पुलिस की कार में बदर को बैठाकर कोर्ट ले जाया गया। बदर को लग्जरी कार की सुविधा देने पर पुलिस कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए।

क्राइम ब्रांच आफिस में रखा गया आरोपित

शॉपरिक्स मॉल के सामने से पकड़ने के बाद बदर अली को क्राइम ब्रांच ऑफिस ले जाया गया। यहीं बैठाकर उससे पूछताछ की। उसके बाद अस्पताल में मेडिकल कराया था। तब तक विवेचक एसएसआइ प्रमोद कुमार ने मुकदमे में पर्चा काट दिया था। एसएसआइ कागजात लेकर कोर्ट में पहुंचे। क्राइम ब्रांच से सीधे बदर को कोर्ट लाया गया।

आठ आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज

अभियोजन अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त आरोपित वकार, आमिर, वसीम, नदीम, सद्दाम, जाकिर, अल्तमस व नौशाद ने मंगलवार को जमानत अर्जी डाली थी, जिसकी सुनवाई गुरुवार को की गई। अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। वहीं एक अन्य आरोपित रजा की तरफ से भी सरेंडर की अर्जी दी गई है। इसकी अदालत ने देहली गेट से रिपोर्ट तलब की है।

बदर की सुरक्षा को कचहरी में लगी थी पुलिस

बदर अली की सुरक्षा के लिए कचहरी से लेकर अस्पताल तक पुलिस बल लगा दिया था। पुलिस मान रही थी कि कचहरी में उसकी पिटाई की जा सकती है। इसलिए कई गाड़ियों का काफिला बनाकर उसे कचहरी में ले लाया गया। कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। 


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