मंडप एसोएिशन के दोनों गुटों का मतदान अधिकार निरस्त
संयुक्त व्यापार संघ का चुनाव 23 दिसंबर को होने जा रहा है। चुनाव को लेकर उठापटक शुरू हो गई है। मेरठ मंडप एसोसिएशन के मामले में मंगलवार को संयुक्त व्यापार संघ के चुनाव अधिकारियों ने दोनों गुटों का मतदान अधिकार निरस्त करने का निर्णय सुनाया है।
मेरठ, जेएनएन। संयुक्त व्यापार संघ का चुनाव 23 दिसंबर को होने जा रहा है। चुनाव को लेकर उठापटक शुरू हो गई है। मेरठ मंडप एसोसिएशन के मामले में मंगलवार को संयुक्त व्यापार संघ के चुनाव अधिकारियों ने दोनों गुटों का मतदान अधिकार निरस्त करने का निर्णय सुनाया है। इस निर्णय के बाद मंडप एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता मारवाड़ी ने पक्षपात का आरोप लगाया तो वहीं, विपुल सिंघल ने इसकी तुलना गुरु द्रोणाचार्य द्वारा शिष्य एकलव्य का अंगूठा मांगने के उदाहरण से करते हुए विरोध जताया है। विपुल सिंघल का कहना है कि मेरठ मंडप की एसोसिएशन की दो वोट कम करने का काम किया गया है।
यह था मामला
मेरठ मंडप एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद गुप्ता मारवाड़ी ने सदस्यता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इस विवाद के निर्णय को संयुक्त व्यापार संघ के चुनाव अधिकारियों पर छोड़ दिया गया था। मंगलवार को चुनाव अधिकारी महेश सिंघल ने दोनों पक्षों को मतदान से वंचित करने का निर्णय सुनाया है।
गुरु द्रोणाचार्य व एकलव्य से तुलना
विपुल सिंघल का कहना है कि अध्यक्ष प्रत्याशी नवीन गुप्ता ने मेरठ मंडप एसोसिएशन की दो वोट कम करने का काम किया है। यह ठीक उसी प्रकार है, जिस तरह महाभारत में युद्ध के दौरान गुरु द्रोणाचार्य ने अपने शिष्य एकलव्य का अंगूठा मांग लिया था, ताकि वह युद्ध लड़ने लायक न रहे। आरोप लगाया कि इसी प्रकार अध्यक्ष प्रत्याशी नवीन गुप्ता ने मंडप एसोसिएशन की 2 वोट कम कर दीं, जो विपुल सिंघल के खाते में जानी थीं। विपुल ने नवीन गुप्ता के निर्णय का स्वागत किया है।
इन्होंने कहा..
1500 रुपये का सदस्यता शुल्क जमा किया गया था। इसका पत्रिका में भी विज्ञापन प्रकाशित हुआ। रसीद भी हमारे पास है, लेकिन चुनाव अधिकारियों ने मतदान से वंचित करने का निर्णय दे दिया। यह बेहद पक्षपातपूर्ण फैसला लिया गया है। इस संबंध में बैठक बुलाई गई है।
- अरविंद गुप्ता मारवाड़ी, अध्यक्ष, मेरठ मंडप एसोसिएशन
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मेरठ मंडप एसोसिएशन के विवाद पर गहनता से विचार किया गया। अंत में तय किया गिया क पत्रिका में जिन पदाधिकारियों के नाम छपे हैं और जिनके नहीं छपे हैं। दोनों को ही विवादित होने के कारण मतदान से वंचित किया जाता है।
- महेश सिंघल, चुनाव अधिकारी, संयुक्त व्यापार संघ