पैरा एशियन तीरंदाजी में विवेक का स्वर्ण पर निशाना
बैंकॉक में 19 से 26 अक्टूबर तक चल रही पैरा एशियन तीरंदाजी प्रतियोगिता में मेरठ के पैरा तीरंदाजी विवेक चिकारा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। मेरठ
मेरठ, जेएनएन। बैंकॉक में 19 से 26 अक्टूबर तक चल रही पैरा एशियन तीरंदाजी प्रतियोगिता में मेरठ के पैरा तीरंदाजी विवेक चिकारा ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। देश में पहली बार कोई पैरा तीरंदाजी इस प्रतियोगिता में यहां तक पहुंचा और स्वर्ण पदक जीता है। विवेक की एशिया में दूसरी रैंक है। उन्होंने एशिया के नंबर वन रैंक के चीनी खिलाड़ी को 7:1 के प्वाइंट सेट से हराकर स्वर्ण पदक जीता लिया है। इसके साथ ही रिकर्व टीम इवेंट में मेरठ के विवेक चिकारा और हरियाणा के हरविंदर सिंह और राजेश ने मलेशिया टीम को 7:3 के प्वाइंट सेट से हराकर टीम कांस्य पदक जीता है। वहीं मिक्स टीम कंपाउंड में भी भारत के श्यामसुंदर और ज्योति रजत पदक जीता है।
मिल चुका है ओलंपिक कोटा
विवेक चिकारा टोक्यो पैरालिंपिक गेम्स के लिए पहले ही कोटा हासिल कर चुके हैं। नीदरलैंड में इसी साल तीन से 16 जून तक हुई पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में विवेक ने स्वर्ण पदक जीतकर ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया था। रिकर्व में विवेक, के अलावा हरविंदर, कंपाउंड में राकेश और राजस्थान के श्यामसुंदर को पैरालिंपिक कोटा मिल चुका है।
गुरुकुल से शुरू हुई यात्रा
सिवालखास में महपा गांव के रहने वाले विवेक चिकारा ने साल 2017 के अंत में तीरंदाजी की शुरुआत गुरुकुल प्रभात आश्रम से की। यहां पर कुछ समय ट्रेनिंग के बाद वह सत्यकाम इंटरनेशनल एकेडमी में पहुंचे। यहां से दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में कोच सत्यदेव प्रसाद और उद्धम सिंह के मार्गदर्शन में तीरंदाजी की ट्रेनिंग की। इसके बाद नेशनल चैंपियन बने और वर्ल्ड रैंकिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर देश का नाम रोशन किया। नीदरलैंड में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में विवेक की नौवीं रैंक थी।
नेशनल रिकॉर्ड के साथ बने नेशनल चैंपियन
विवेक मार्च 2019 में हुई पैरा तीरंदाजी की नेशनल प्रतियोगिता में नए रिकॉर्ड के साथ नेशनल चैंपियन बने। विवेक ने 720 में से 636 प्वाइंट हासिल कर नया रिकॉर्ड बनाया था। तीरंदाजी की प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को 72 तीर चलाने होते हैं। हर तीर से 10 प्वाइंट बनते हैं। छह-छह राउंड के दो गेम होते हैं। एक छह राउंड में 36 तीर चलाना होता है। नेशनल चैंपियन बनने के बाद विवेक ने दुबई में आयोजित फाजा कप में क्वालीफिकेशन राउंड में हिस्सा लिया और 720 में 644 प्वाइंट अर्जित कर टॉप पर रहे। यहां उन्हें सातवीं रैंक मिली थी।
एक्सीडेंट के बाद शुरू की तीरंदाजी
विवेक की स्कूली शिक्षा मिलेनियम पब्लिक स्कूल से हुई। साल 2015 में उन्होंने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई पूरी की और उसी साल महिद्रा कंपनी में कार्य करने लगे। एक जनवरी 2017 को रोहटा रोड पर हुई सड़क दुर्घटना में विवेक के पैर बुरी तरह जख्मी हो गए जिससे पैर काटने की नौबत आई। इसके बाद अपने पैरों पर खड़े हुए और तीरंदाजी शुरू की। उनके पिता देवेंद्र सिंह किसान हैं और माता रंजना देवी गृहणी हैं।