Rapid Rail : 250 करोड़ के मुआवजे से ग्रामीण होंगे मालामाल और इलाके में आएगी बहार Meerut News
मेरठ से दिल्ली के बीच चलने वाली रैपिड रेल के लिए दौराला में डिपो बनाया जाएगा। डिपो के लिए 71 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। ग्रामीणों को करीब 250 करोड़ का मुआवजा मिलेगा।
By Prem BhattEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 03:04 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 03:04 PM (IST)
मेरठ, [अनुज शर्मा]। मेरठ से दिल्ली के बीच चलने वाली रैपिड रेल के लिए दौराला में डिपो बनाया जाएगा। डिपो के लिए 71 हेक्टेयर (सात लाख मीटर से अधिक) जमीन की जरूरत है। सर्किल रेट के मुताबिक यह जमीन लगभग 250 करोड़ की होगी। इससे दौराला के ग्रामीण मालामाल हो जाएंगे, साथ ही इलाके में बहार भी आ जाएगी। जिला प्रशासन की मध्यस्थता में एनसीआरटीसी अधिकारी ग्रामीणों से सीधी वार्ता कर रहे हैं लेकिन अभी रेट पर सहमति नहीं बन सकी है।
अधिग्रहण नहीं होगा, सीधे बात करके खरीदेंगे जमीन
रैपिड रेल को 2024 तक चलाना प्रदेश और केंद्र सरकार का लक्ष्य है। इसी लक्ष्य के मद्देनजर रैपिड के लिए प्रत्येक स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। सराय काले खां से लेकर गाजियाबाद और उससे आगे तक रैपिड का काम शुरू भी हो गया है। मेरठ शहर में भी मिट्टी की जांच का कार्य लगभग पूरा होने वाला है। रैपिड के लिए मेरठ में डिपो रुड़की रोड पर बनाया जाना है। इसके लिए 71 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। अभी दौराला क्षेत्र में जमीन की तलाश की जा रही है। एनसीआरटीसी अफसरों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में समय लगता है लिहाजा ग्रामीणों से सीधे वार्ता करके जमीन खरीदी जाएगी। मूल्य तय करने के लिए किसानों से वार्ता की जा रही है।
मुआवजा 2400 रुपये मीटर मिलेगा
रैपिड रेल के लिए जमीन का मुआवजा सर्किल रेट के आधार पर तय होगा। एडीएम भूमि अध्याप्ति कार्यालय के मुताबिक इस क्षेत्र में कृषि भूमि का सर्किल रेट 1200 रुपये है। लिहाजा मुआवजा 2400 रुपये मीटर मिलेगा। सड़क किनारे की व्यवसायिक जमीन का सर्किल रेट 1800 रुपये है। लिहाजा इसका मुआवजा 3600 रुपये मीटर की दर से होगी। जमीन के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटे जाने का अनुमान है। जानकारों का कहना है कि क्षेत्र में रैपिड रेल का संचालन शुरू होते ही हालात बदल जाएंगे। पूरा क्षेत्र विकसित हो जाएगा। जमीन के दाम आसमान छूने लगेंगे।
किसान मांग रहे 5600 रुपये का दाम
जिला प्रशासन की मध्यस्थता में एनसीआरटीसी के अधिकारियों की कई बार सीधे किसानों से वार्ता हो चुकी है। किसान दौराला से सटे गांव सिवाया के बराबर दरों पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का दावा है कि सिवाया में 5600 रुपये से मुआवजा दिया गया है।
नगर पंचायत में दोगुना, गांव में सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा
नई भूमि अधिग्रहण नियमावली के मुताबिक शहरी क्षेत्र में भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से दोगुना दिया जाता है। ग्रामीण इलाकों में यह राशि सर्किल रेट से चार गुनी दी जाती है। डिपो के लिए ली जाने वाली जमीन दौराला नगर पंचायत के क्षेत्र में शामिल है। लिहाजा यहां मुआवजा राशि भी सर्किल रेट से दोगुनी मिलेगी।
समिति की बैठक में होगा फैसला
जमीन क्रय करने के लिए समिति गठित है। इसमें जिलाधिकारी के साथ अन्य तमाम अधिकारी शामिल हैं। एडीएम भूमि अध्याप्ति ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि किसानों का पक्ष जानने के बाद अब समिति की बैठक में चर्चा करके जमीन के रेट पर फैसला लिया जाएगा। यह बैठक जल्द आयोजित होगी।
किसान नहीं माने तो आगे शिफ्ट होगा डिपो
किसानों द्वारा जमीन के अत्यधिक दाम की मांग की जा रही है। इसके चलते अधिकारी दूसरे स्थानों पर भी जमीन की तलाश में जुटे हैं। सूत्रों की माने तो दौराला के किसान यदि राजी नहीं होते हैं तो डिपो को मटौर से आगे वलीदपुर गांव तथा आसपास क्षेत्र में ले जाया सकता है। वहां जमीन भी कम दाम में मिल जाएगी।
इनका कहना है
दौराला क्षेत्र के ग्रामीणों से कई दौर की वार्ता हो चुकी है। अब समिति जमीन का रेट तय करेगी। ग्रामीण यदि उक्त रेट पर तैयार नहीं होते हैं तो डिपो के लिए आसपास के दूसरे क्षेत्रों में जमीन ली जाएगी।
- ज्ञानेंद्र सिंह, अपर जिलाधिकारी भूमि अध्याप्ति
अधिग्रहण नहीं होगा, सीधे बात करके खरीदेंगे जमीन
रैपिड रेल को 2024 तक चलाना प्रदेश और केंद्र सरकार का लक्ष्य है। इसी लक्ष्य के मद्देनजर रैपिड के लिए प्रत्येक स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। सराय काले खां से लेकर गाजियाबाद और उससे आगे तक रैपिड का काम शुरू भी हो गया है। मेरठ शहर में भी मिट्टी की जांच का कार्य लगभग पूरा होने वाला है। रैपिड के लिए मेरठ में डिपो रुड़की रोड पर बनाया जाना है। इसके लिए 71 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। अभी दौराला क्षेत्र में जमीन की तलाश की जा रही है। एनसीआरटीसी अफसरों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में समय लगता है लिहाजा ग्रामीणों से सीधे वार्ता करके जमीन खरीदी जाएगी। मूल्य तय करने के लिए किसानों से वार्ता की जा रही है।
मुआवजा 2400 रुपये मीटर मिलेगा
रैपिड रेल के लिए जमीन का मुआवजा सर्किल रेट के आधार पर तय होगा। एडीएम भूमि अध्याप्ति कार्यालय के मुताबिक इस क्षेत्र में कृषि भूमि का सर्किल रेट 1200 रुपये है। लिहाजा मुआवजा 2400 रुपये मीटर मिलेगा। सड़क किनारे की व्यवसायिक जमीन का सर्किल रेट 1800 रुपये है। लिहाजा इसका मुआवजा 3600 रुपये मीटर की दर से होगी। जमीन के लिए लगभग 250 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटे जाने का अनुमान है। जानकारों का कहना है कि क्षेत्र में रैपिड रेल का संचालन शुरू होते ही हालात बदल जाएंगे। पूरा क्षेत्र विकसित हो जाएगा। जमीन के दाम आसमान छूने लगेंगे।
किसान मांग रहे 5600 रुपये का दाम
जिला प्रशासन की मध्यस्थता में एनसीआरटीसी के अधिकारियों की कई बार सीधे किसानों से वार्ता हो चुकी है। किसान दौराला से सटे गांव सिवाया के बराबर दरों पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों का दावा है कि सिवाया में 5600 रुपये से मुआवजा दिया गया है।
नगर पंचायत में दोगुना, गांव में सर्किल रेट का चार गुना मुआवजा
नई भूमि अधिग्रहण नियमावली के मुताबिक शहरी क्षेत्र में भूमि का मुआवजा सर्किल रेट से दोगुना दिया जाता है। ग्रामीण इलाकों में यह राशि सर्किल रेट से चार गुनी दी जाती है। डिपो के लिए ली जाने वाली जमीन दौराला नगर पंचायत के क्षेत्र में शामिल है। लिहाजा यहां मुआवजा राशि भी सर्किल रेट से दोगुनी मिलेगी।
समिति की बैठक में होगा फैसला
जमीन क्रय करने के लिए समिति गठित है। इसमें जिलाधिकारी के साथ अन्य तमाम अधिकारी शामिल हैं। एडीएम भूमि अध्याप्ति ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि किसानों का पक्ष जानने के बाद अब समिति की बैठक में चर्चा करके जमीन के रेट पर फैसला लिया जाएगा। यह बैठक जल्द आयोजित होगी।
किसान नहीं माने तो आगे शिफ्ट होगा डिपो
किसानों द्वारा जमीन के अत्यधिक दाम की मांग की जा रही है। इसके चलते अधिकारी दूसरे स्थानों पर भी जमीन की तलाश में जुटे हैं। सूत्रों की माने तो दौराला के किसान यदि राजी नहीं होते हैं तो डिपो को मटौर से आगे वलीदपुर गांव तथा आसपास क्षेत्र में ले जाया सकता है। वहां जमीन भी कम दाम में मिल जाएगी।
इनका कहना है
दौराला क्षेत्र के ग्रामीणों से कई दौर की वार्ता हो चुकी है। अब समिति जमीन का रेट तय करेगी। ग्रामीण यदि उक्त रेट पर तैयार नहीं होते हैं तो डिपो के लिए आसपास के दूसरे क्षेत्रों में जमीन ली जाएगी।
- ज्ञानेंद्र सिंह, अपर जिलाधिकारी भूमि अध्याप्ति
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