कूड़ा निस्तारण का बीड़ा उठाएं शिक्षण संस्थान, विश्वविद्यालय में ही बनवाएं वर्मी कम्पोस्ट
सीसीएसयू में आयोजित कार्यशाला में कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने कहा कि कूड़ा निस्तारण के लिए विश्वविद्यालय वर्मी कम्पोस्ट बनवाए, नगर निगम इसमें तकनीकी मदद करेगा।
मेरठ। कूड़ा निस्तारण कर उससे वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने को लेकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन में कार्यशाला हुई। कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने कहा कि हम सब मेरठ की गंदगी से परेशान हैं। सफाई बहुत बड़ा मुद्दा है। गावड़ी में कूड़ा निस्तारण प्लाट का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। मगर सच्चाई यह है कि जितना कूड़ा शहर में निकलता है उसका पूरी तरह निस्तारण निगम नहीं कर सकता। अब नियम आ गया है कि जो कूड़ा उत्पन्न करते हैं उन्हें स्वयं कूड़ा निस्तारण करना है। शैक्षिक संस्थानों में लोकल ही कम्पोस्ट कर लें। बच्चों को भागीदार बनाएं। जितना क्षेत्र उपलब्ध है वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए जगह आरक्षित करें। इसमें तकनीकी सहयोग नगर निगम और विशेषज्ञ प्रदान करेंगे। सभी संस्थान जगह आरक्षित करके बता दें, जिससे दो अक्टूबर से इसका शुभारंभ किया जा सके। हमने कमिश्नरी में शुरुआत कराई है। ऐसा ही और ऑफिस में भी करें। सिर्फ नगर की जिम्मेदारी ही न समझें।
विश्वविद्यालय बनवाए वर्मी कंपोस्ट
नगर आयुक्त मनोज कुमार चौहान ने कहा कि अगर स्वयं घर के सामने की जमीन को स्वच्छ रखेंगे तो बड़ी समस्या दूर हो जाएगी। संस्थान को कूड़ा उत्पन्न करने वाले संस्थान खुद कूड़ा निस्तारण करेंगे। विश्वविद्यालय भी वर्मी कम्पोस्ट बनवाए, नगर निगम इसमें तकनीकी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार समय बता दें कि वर्मी कम्पोस्ट पिट का उद्घाटन कब होना है। सभी शिक्षण संस्थानों को भी इस यूनिट की स्थापना करनी है। इससे पूर्व वर्मी कम्पोस्ट क्षेत्र में कार्य करने वाले विशेषज्ञों और कंपनी के प्रतिनिधियों ने प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिया। अधिकाश प्रोजेक्ट ऐसे थे जिन्हें 10 हजार में बनवाया जा सकता है।