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टिकाऊ खेती के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करें

सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि में शुक्रवार को तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला कृषि उद्योग एवं पशु प्रदर्शनी का शुभारंभ हो गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Nov 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 07:00 AM (IST)
टिकाऊ खेती के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करें
टिकाऊ खेती के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करें

मेरठ,जेएनएन। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि में शुक्रवार को तीन दिवसीय अखिल भारतीय किसान मेला, कृषि उद्योग एवं पशु प्रदर्शनी का शुभारंभ हो गया। मेले का उद्घाटन प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने फीता काटकर किया। मंत्री ने विशिष्ट अतिथि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक के साथ मेले का निरीक्षण किया।

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मेले में किसानों के हित में विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगवाए गए, जिनमें बीज, पेस्टीसाइड, कृषि यंत्र आदि शामिल हैं। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मेले के स्टॉल पर मौजूद किसान और विशेषज्ञों से कहा कि वह टिकाऊ खेती के लिए नवीनतम तकनीकियों को इस्तेमाल करें। कहा कि लाइन सोइंडग से किसानों की उपज 10-15 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। ट्रैक्टर और लेबलर पर 40 प्रतिशत तक अनुदान प्रदेश सरकार ने दिया है। कुलपति डॉ. आरके मित्तल ने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में हम आत्मनिर्भर हैं। हमारे पास फूड सिक्योरिटी है। अब हम पौष्टिकता की तरफ बढ़ रहे हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक डॉ. एके सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र के किसान धान, गेंहू, गन्ना व आलू पर निर्भर हैं। जबकि खेती में बदलाव लाकर प्रगति अधिक की जा सकती है। भाजपा जिलाध्यक्ष रविद्र भड़ाना, विधायक सत्यवीर त्यागी, भाजपा के किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय त्यागी, निदेशक प्रसार डॉ. एसके सचान आदि थे।

नुक्कड़ नाटक का आयोजन

किसान मेले में विवि के बायोटेक विभाग द्वितीय वर्ष के विद्याíथयों ने एनएसएस के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक पेश किया। जिसका मुख्य विषय महिला सशक्तीकरण था। नाटक में महिला के साथ समाज में उत्पन्न समस्या जैसे-बाल विवाह, घरेलू हिसा, यौन शोषण, दहेज प्रथा एवं भ्रूण हत्या जैसी प्रस्तुति दी गई।

210 पशुओं ने लिया भाग

किसान मेले में 210 पशुओं ने प्रदर्शनी में भाग लिया है। जिसमें 35 प्रतिशत पशु यूपी और 65 प्रतिशत पशु हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड से आए हैं। पशुओं को देखने के लिए किसानों की भीड़ जुटी रही।

रागिनी ने बांधा समां

मेले में किसानों को लुभाने के लिए रागिनी का आयोजन किया गया। नोएडा से आए रागिनी कलाकारों ने एक से बढ़कर एक देशभक्ति और सामाजिक आधार पर तैयार रागिनी को सुनाकर तालियां बटोंरी।

जितना खर्च मेले में किया, उतनी भीड़ नहीं दिख रही : जिलाध्यक्ष

भाजपा जिलाध्यक्ष रविद्र भड़ाना ने कहा कि मेले में जितना रुपया खर्च हो रहा है। उसके मुकाबले मेले में भीड़ नहीं है। अगर, विवि की ओर से मेले का प्रचार-प्रसार गांव-गांव किया जाता तो आज मेले में भीड़ देखने को मिलती।

महिलाओं की भीड़ रही कम

पिछले वर्ष कृषि मेले के पहले दिन करीब सौ महिला किसान भी मौजूद थी। मगर, इस बार मेले में करीब 10 महिला किसान ही मेले में पहुंच सकी। विशेषज्ञों की मानें तो मेरठ और आसपास के जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों से प्रचार ठीक से होता तो किसानों की संख्या अधिक होती।


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