बागपत में यूरिया संकट : बागपत में हजारों किसान यूरिया नहीं मिलने से हलकान
Urea crisis in Baghpat बागपत में सहकारी समितियों पर भी नहीं यूरिया। यहां फसल उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
बागपत, जेएनएन। अब यूरिया संकट हजारों किसानों को रुलाने लगा है। यूरिया नहीं मिलने से फसल उत्पादन प्रभावित हो सकता है। अधिकांश प्राइवेट दुकानों के साथ 35 सहकारी समितियों पर यूरिया उपलब्ध नहीं होने से हजारों किसान हलकान हैं। दरअसल कोरोना काल में फैक्ट्रियों के बंद रहने और माल की ढुलाई नहीं होने के कारण ही यूरिया संकट बना है। किसानों को सर्वाधिक दिक्कत सहकारी समितियों पर यूरिया खत्म होने से हो रही हैं। बागपत में सहकारी समितियों से 80 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हैं, लेकिन पिछले कई दिन से यूरिया नहीं मिल रहा है। सिसाना गांव के किसान प्रदीप कुमार और बागपत के नरेंद्र कुमार ने कहा कि समय रहते यूरिया नहीं मिला तो गन्ना और धान उत्पादन प्रभावित होगा। हालांकि कोराना काल में सहकारी समितियों ने पिछली साल के मुकाबले कई गुना ज्यादा उर्वरक किसानों को दिया। पूरे खरीफ सीजन में समितियों ने 14534 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष रिकार्ड 1262 मीट्रिक टन उर्वरक वितरित हुआ है़। जिला कृषि अधिकारी डा. सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि प्राइवेट दुकानों पर यूरिया उपलब्ध है।
सहकारिता से अब तक उर्वरक वितरण उर्वरक मीट्रिक टन
यूरिया 9000
डीएपी 3477
एनपीके 0135
इन्होंने कहा...
कोरोना काल में यूरिया उत्पादन और विदेशों से निर्यात यूरिया की ढुलाई पर असर पड़ा है। इसके बावजूद सहकारी समितियों ने लक्ष्य से कई गुना यूरिया वितरित किया है। लॉकडाउन में बाजार बंद रहने के कारण सभी किसानों ने सहकारी समितियों से यूरिया खरीदा है। फिलहाल सहकारी समितियों पर यूरिया नहीं है लेकिन मंगलवार तक 500 मीट्रिक टन मिलने की उम्मीद है।
-देवेंद्र कुमार, सहायक निबंधक सहकारिता