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Food boycott at Quarantine Center: जिला प्रशासन का बासी खाना देख बोले लोग यह खराब क्वालिटी का खाना खाकर हम स्वस्थ नहीं बीमार होंगे

Food boycott at Quarantine Center मेरठ के ट्रांसलेम क्वारंटाइन सेंटर में बासी खाना मिलने पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। जिला प्रशासन की ओर से ट्रांसलेम में खाना भेजा गया था।

By Taruna TayalEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 06:16 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 06:16 PM (IST)
Food boycott at Quarantine Center: जिला प्रशासन का बासी खाना देख बोले लोग यह खराब क्वालिटी का खाना खाकर हम स्वस्थ नहीं बीमार होंगे
Food boycott at Quarantine Center: जिला प्रशासन का बासी खाना देख बोले लोग यह खराब क्वालिटी का खाना खाकर हम स्वस्थ नहीं बीमार होंगे

मेरठ, जेएनएन। क्वारंटाइन सेंटरों में पसरी बदहाली के नए-नए किस्से रोजना सामने आ रहे हैं। खाने से लेकर रहने तक की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। अच्छी व्यवस्था मांगने पर लोगों को होटल में क्वारंटाइन रहने की सलाह दी जा रही है। सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब गंगानगर के ट्रांसलेम स्थित क्वारंटाइन सेंटर पर लोगों ने खाने का वहिष्कार कर दिया। उनका कहना था कि खाना इतना खराब है, उन्हें बीमार बना देगा। यह हाल तब है जब प्रत्येक व्यक्ति के भोजन के लिए 70 रुपये दैनिक खर्च प्रदेश सरकार की ओर से प्रशासन को दिया जाता है।

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जिले में 38 क्वारंटाइन सेंटरों में दो हजार से ज्यादा लोग क्वारंटाइन हैं। प्रत्येक तहसील स्तर पर किचन का संचालन किया जा रहा है, जहां से क्वारंटाइन किए लोगों को निश्शुल्क भोजन मुहैया कराया जाता है। सोमवार को गंगानगर स्थित ट्रांसलेम क्वारंटाइन सेंटर में कुछ लोगों ने खाने का बहिष्कार कर दिया। उनका कहना है कि खाना इतना खराब है कि उसे खाकर लोग बीमार हो जाएंगे। पहले भी कई अन्य सेंटरों में खाने की शिकायत आ चुकी है। लालकुर्ती थाना क्षेत्र स्थित जीआइसी में बने क्वारंटाइन सेंटर की वीडियो भी वायरल हुई थी, जिससे छोटे बच्चों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। कमरों में गंदगी पसरी थी।

रात में मक्खी-मच्छर के चलते सोना भी मुश्किल हो गया था। वहीं, पूर्व में क्वारंटाइन सेंटरों की बदइंतजामी के चलते लोग यहां से भागने का प्रयास भी कर चुके है। इन सब हालात के बावजूद प्रशासनिक अफसर कोई सबक नहीं ले रहे हैं।

तहसीलदार से नोंकझोंक

ट्रांसलेम एकेडमी में क्वारंटाइन किए गए लोगों ने सोमवार सुबह नाश्ते से लेकर दोपहर में आलू शिमला मिर्च और पूड़ी के पैकेट को लौटाकर खाने का बहिष्कार किया। दोपहर बाद तहसीलदार शिल्पा व नायब तहसीलदार मनोज वाष्ण्रेय मौके पर पहुंचे। लोगों और दोनों अधिकारियों के बीच पुलिस के सामने ही नोकझोंक हुई। पुलिस ने जैसे तैसे मामला शांत कराया।

गार्ड की भी तैनात नहीं :

प्रदेश सरकार ने क्वारंटाइन किए लोगों की सुरक्षा के लिए सौ लोगों पर एक निजी गार्ड की तैनाती के आदेश प्रशासन को दिए थे। उसके बावजूद अभी तक किसी भी क्वारंटाइन सेंटर पर कोई तैनाती नहीं हुई है। सिर्फ पुलिस के भरोसे ही काम चलाया जा रहा है। नियमानुसार जनपद में बीस निजी गार्ड तैनात किए जाने चाहिए।

हंगामा बढ़ता देख 44 लोग भेजे

ट्रांसलेम क्वारंटाइन सेंटर में महिलाओं व बच्चों समेत 93 लोग क्वारंटाइन थे। क्वारंटाइन केंद्र प्रभारी फार्मासिस्ट गोपाल ने बताया कि सोमवार शाम को 44 लोगों को यहां से भेज दिया गया है। इसमें 38 लोगों को क्वारंटाइन समय पूरा होने पर डिस्चार्ज किया गया है। जबकि अन्य छह को होम क्वारंटाइन किया गया है।

घर जाना चाहते है, इसलिए यह सब किया: एसीएम

एसीएम सदर अंकित कुमार ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटरों पर गुणवत्ता वाला खाना पहुंचाया जा रहा है। तीनों तहसील में अलग-अलग किचन में खाना तैयार कराया जाता है। सोमवार को ट्रांसलेम क्वारंटाइन सेंटर में सिर्फ दस लोगों ने खाना नहीं लिया। ये वे लोग है, जो जबरन अपने घर जाने की जिद कर रहे हैं। वह क्वारंटाइन सेंटर में रहना नहीं चाहते है। घर जाने की वजह से ही इस प्रकार के अनगर्ल आरोप लगा रहे हैं। अंकित ने बताया कि सभी सेंटर पर रोजाना सैनिटाइजर कराने के साथ-साथ मच्छरों के लिए भी फा¨गग कराई जाती है। सभी की रहने की व्यवस्था पूरी तरह दुरस्त है।


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