Move to Jagran APP

पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर सरकारी का भी 'अलंकार'

नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी में जुटा यूपी बोर्ड पहले सरकारी विद्यालयों क

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 01:15 AM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 01:15 AM (IST)
पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर सरकारी का भी 'अलंकार'
पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर सरकारी का भी 'अलंकार'

मेरठ, जेएनएन। नई शिक्षा नीति लागू करने की तैयारी में जुटा यूपी बोर्ड पहले सरकारी विद्यालयों की दशा सुधारने की कोशिश में है। पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर सरकारी माध्यमिक स्कूलों के भवन से लेकर हर स्मार्ट सुविधा मुहैया कराई जाएगी। प्रोजेक्ट अलंकार के अंतर्गत जर्जर स्कूलों के भवन नए होंगे या उनकी मरम्मत कराई जाएगी। इसमें पूर्व के अधूरे पड़े भवनों को भी पूरा कराने पर प्राथमिकता दी जाएगी। मेरठ के जीआइसी मेरठ और जीजीआइसी माधवपुरम जैसे राजकीय विद्यालयों में करीब 10 सालों से अधूरा निर्माण रुका है और मामला लंबित है।

loksabha election banner

बढ़ाई जाएंगी ये सुविधाएं

बेसिक शिक्षा परिषद के मिशन कायाकल्प की ही तरह राजकीय विद्यालयों को सुसज्जित व सुव्यवस्थित किया जाएगा। भवन के अलावा अवस्थापना सुविधाओं के अंतर्गत स्वच्छ पेयजल की सुविधा, बालक-बालिकाओं के लिए अलग टायलेट ब्लाक, अतिरिक्त कक्षाएं, प्रयोगशाला, खेल का मैदान, बैडमिंटन व वालीबाल कोर्ट, ओपन जिम, बाउंड्री व गेट, मल्टीपरपज हाल, साइकिल स्टैंड, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय कक्ष, सोलर प्लांट की स्थापना, रेनवाटर हारवेस्टिंग आदि लगाए जाएंगे।

जिले में हैं 45 राजकीय विद्यालय

मेरठ जिले में वर्तमान में 45 राजकीय विद्यालय हैं। इनमें 27 स्कूल राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित हैं, जबकि अन्य राजकीय इंटर कालेज हैं। दो और राजकीय विद्यालयों के भवन निर्माण का कार्य चल रहा है। जिला स्तर पर बनी समिति की ओर से स्कूलों का चयन और अनुमानित खर्च व जरूरतों का विवरण 27 अक्टूबर तक यूपी बोर्ड मुख्यालय को भेजा जाएगा। मुख्यालय की ओर से 17 नवंबर तक प्रोजेक्ट अलंकार के तहत धनराशि आवंटित कराकर जारी भी कराया जाएगा।

स्कूल के बाद गुणवत्ता पर होगा फोकस

शिक्षा विभाग अधिकारियों के अनुसार स्कूल भवन व सुविधाओं को सुसज्जित करने के बाद शिक्षण की गुणवत्ता को दुरुस्त करने की दिशा में काम होगा। जिलाधिकारी व उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में दो समिति बनाकर स्कूलों का मूल्यांकन करेंगे और उसके बाद उन्हें योजना में शामिल किया जाएगा। इस योजना में प्रदेश के कुल 2,272 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में से खस्ताहाल पड़े भवनों को चुना जाएगा। इस बाबत सत्र 2021-22 के लिए 100 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.