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UP Panchayat Election Result: पश्चिमी UP के 14 में से केवल दो जिलों में आगे रही भाजपा, जानें किस पार्टी को मिले कितने सीट

त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में जहां भाजपा का जिला एवं क्षेत्रीय संगठन अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर सका वहीं जनप्रतिनिधियों की भी साख प्रभावित हुई है। 14 लोकसभा सीटों में भाजपा महज दो में सबसे बड़ा दल बन सकी वो भी बेहद कम अंतर से।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 01:05 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 01:05 PM (IST)
UP Panchayat Election Result: पश्चिमी UP के 14 में से केवल दो जिलों में आगे रही भाजपा, जानें किस पार्टी को मिले कितने सीट
पश्चिमी उत्‍तर प्रदेेेेश में भापजा केवल दो जिलों में आगे रही।

[संतोष शुक्ल] मेरठ। यही हाल रहा तो पश्चिमी उप्र से सूबे में भगवा फहराने की मंशा को झटका लग सकता है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में जहां भाजपा का जिला एवं क्षेत्रीय संगठन अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर सका, वहीं जनप्रतिनिधियों की भी साख प्रभावित हुई है। 14 लोकसभा सीटों में भाजपा महज दो में सबसे बड़ा दल बन सकी, वो भी बेहद कम अंतर से।

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कहीं पार्टी सपा व बसपा से पिछड़ी तो तीन जिलों में रालोद ने भी भाजपा को आईना दिखाया। पश्चिम यूपी के जाटों ने भी भाजपा से ज्यादा रालोद में दिलचस्पी दिखाई। निर्दलीयों की जीत ने भगवा रणनीति को हल्का किया। उधर, इस प्रदर्शन के आधार पर 2022 में कई विधायकों के टिकट पर संकट बन सकता है।

केवल गौतमबुद्धनगर और संभल में आगे

पश्चिमी उप्र के 14 सीटों की अगर बात करें तो केवल गौतमबुद्धनगर और संभल में भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे रही है। गौतमबुद्धनगर की पांच में से तीन सीटें भाजपा ने जीतीं। संभल में 35 में से 11 भाजपा की झोली में आयीं जबकि दूसरे नंबर पर रही सपा 10 पर ही रूक गई।

अपनों ने गिराई बिजली

पश्चिमी उप्र की 14 लोकसभा व 71 विधानसभा सीटों के अंतर्गत 109 ब्लाक और 450 वार्ड आते हैं। भाजपा एक साल से पंचायत चुनावों के बहाने विस चुनावों की जमीन बनाना चाह रही थी। इस साल जनवरी व फरवरी में कई बड़े भाजपा नेताओं ने पश्चिम उप्र का दौरा किया। किसान आंदोलन के तीखे विरोध के बावजूद भाजपा हवा नहीं भांप सकी, वहीं कई वार्ड से टिकट देकर मैदान में अपेक्षाकृत कमजोर चेहरों को उतारा गया। मेरठ के 33 वार्डो में महज तीन टिकट विधायकों की पसंद से अलग किए गए लेकिन सरधना, सिवालखास और हस्तिनापुर विस क्षेत्र में पार्टी की जमीन ही गायब नजर आई। केवल किठौर विस क्षेत्र में ही पार्टी की लाज बच सकी। पार्टी ने जिन चेहरों को टिकट दिया, उनके खिलाफ पहले दिन से भितरघात शुरू हो गई। हैरानी की बात यह रही कि पंचायत अध्यक्ष का ख्वाब देख रहीं मीनीक्षी भराला, समीर चौहान और रोहिताश पहलवान को करारी शिकस्त मिली। किसानों की नाराजगी भारी पड़ी, वहीं ब्राrाणों, जाटों व जाटव ने भी भाजपा से दूरी बनाई। जाट बहुल क्षेत्र शामली और बागपत में भाजपा रालोद से पिछड़ी रही। कई वार्डो पर मुस्लिम वोटों ने भाजपा की तगड़ी घेरेबंदी कर दी। हालांकि वेस्ट यूपी में भाजपा 99 वार्ड जीतकर सपा-85 और बसपा-83 से आगे रही, लेकिन क्लीन स्वीप नहीं कर सकी।

नंबर एक की रेस में पिछड़ी भाजपा

जिला   वार्डो की संख्या   सबसे बड़ा दल    भाजपा

रामपुर>>34               सपा -11                7

मुरादाबाद>>39           बसपा - 12           10

शामली>>19               रालोद - 5               4

अमरोहा>>27                सपा - 9                6

बिजनौर>> 56               सपा - 20               7

सहारनपुर>> 49             बसपा - 16          14

मुजफ्फरनगर 43            अन्य - 24           13

मेरठ 33                      बसपा-रालोद - 8-8     5

गाजियाबाद>>14           बसपा - 5               2

हापुड>>19                   बसपा - 5                 3

बागपत>>20                रालोद - 9               4

बुलंदशहर>>52            बसपा - 11             10 


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