Move to Jagran APP

UP Panchayat Election 2021: गजब! एक ऐसा गांव जहां SC का नहीं रहता एक भी परिवार, फिर भी अनुसूचित जाति के लिए सीट रिर्जव

उत्‍तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको अचंभित कर देगा। पंचायत चुनाव की सूची में बिजनौर का गांव अमीरपुर सुधा एससी के लिए रिजर्व की गई थी। लेकिन यहां तो एक भी एसएसी का परिवार नहीं रहता है।

By Himanshu DwivediEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 03:37 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 03:37 PM (IST)
UP Panchayat Election 2021: गजब! एक ऐसा गांव जहां SC का नहीं रहता एक भी परिवार, फिर भी अनुसूचित जाति के लिए सीट रिर्जव
पंचायत चुनाव में एससी के लिए सीट रिजर्व।

बिजनौर, जेएनएन। यूपी पंचायत चुनाव की आरक्षित सूची के जारी होते ही कई दावेदारों को तगड़ा झटका लगा है। वहीं कई ऐसे भी हैं जो इस सूची से काफी खुश हैं। कई लोग जो पंचायत चुनाव लड़ने की आस लगाए थे वे भी अब पंचायत चुनाव में भाग ले सकते हैं। लेकिन उत्‍तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जो आपको अचंभित कर देगा। इस जिले के एक गांव को आरक्षण सूची में रखा गया, लेकिन जिस कैटेगरी में रखा गया है। उस कैटेगरी का एक भी परिवार इस गांव में नहीं रहता है। अब इसी को लेकर उस गांव के लोग जिला प्रशासन के दरवाजे का चक्‍कर काट रहे हैं।

loksabha election banner

अधिकारी से लेकर प्रशासन सभी हैरान: त्रिस्तरीय पंचायत में घोषित किए गए आरक्षण को लेकर तमाम तरह की आपत्तियां आई हैं। एक आपत्ति सबको हैरान करने वाली है। जनपद का अमीपुर सुधा गांव अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गांव में एक भी एससी का वोट नहीं है। खास बात यह है कि अधिकारी इसे शासनादेश के तहत होना बता रहे हैं। फिलहाल ग्रामीणों की आपत्ति से शासन को अवगत कराया गया है।  

इन जातियों के रहते हैं लोग : बिजनौर शहर के करीब छह हजार की आबादी वाला का गांव अमीपुर सुधा इनदिनों खासा चर्चाओं में है। मुसलिम बहुल यह गांव इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुआ है। खास बात यह है कि इस गांव में एससी आबादी रहती ही नहीं है। निवर्तमान ग्राम प्रधान शौकल अली रहे हैं। इससे पहले भी यह गांव कभी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं रहा। मुस्लिम बहुल गांव में मुस्लिमों के अलावा बढ़ई, जाट, नीलगर और राजपूत बिरादरी के लोग रहते हैं। 

जनगणना में भी हुई थी गड़बड़ी : आरक्षण की घोषणा के बाद गांव के लोग हैरान हैं। उनका कहना है कि जब अनुसूचित जाति के लोग गांव में नहीं हैं, तो चुनाव कैसे ल़ड़ेंगे। शौकत अली बताते हैं कि उनके गांव में कभी एससी आबादी नहीं रही। जबकि 2011 की जनगणना बताती है कि गांव में 398 वोट एससी के थे। कुछ लोग जनगणना पर भी सवाल उठा रहे हैं। डीपीआरओ सतीश कुमार ने बताया कि आरक्षण शासनादेश के अनुसार किया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार गांव में एससी वर्ग की 398 वोट थीं। सत्यापन के दौरान यह पता चला था कि गांव में फिलहाल कोई एससी आबादी नहीं है। इसके लिए शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है। ग्रामीणों की आपत्ति से भी शासन को अवगत कराया गया है, जो भी निर्देश मिलेगा उसका पालन कराया जाएगा।  

आपत्तियों का होगा निस्तारण: इसके अलावा सल्लापुर, तोहफापुर गांव से आपत्तियां आई हैं। आपत्तियों में मतदाताओं की संख्या में आरक्षण वर्ग से बहुत कम बताई गई है। आपत्तियों के सहारे चुनाव लड़ने में जुटे दावेदार अब आरक्षण परिवर्तन कराने की आस लगाएं हुए हैं। जनपद स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा 10 से 12 मार्च तक परीक्षण व निस्तारण एवं अंतिम रूप से सूची तैयार की जाएगी। 13 व 14 मार्च को जिला मजिस्ट्रेट द्वारा आरक्षित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों, ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों तथा जिला पंचायत प्रादेशिक निर्वाचन वार्डों की अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 

ग्रामीणों ने सीट बदलने की मांग की : आपत्तियों में ग्रामीणों ने बताया कि अमीरपुर सुधा सीट एससी वर्ग में आरक्षित हो गई, लेकिन वहां उक्त वर्ग के अब वोट नहीं है। ग्रामीणों ने इस सीट को बदलने की मांग की है। वर्ष 2011 की जनगणना में करीब चार सौ वोट उक्त गांव में थे। इसके अलावा सल्लापुर, तोहफापुर की लगी आपत्तियों में मतदाताओं की संख्या में आरक्षण वर्ग के बहुत कम है। आपत्तियों के सहारे चुनाव लडऩे में जुटे दावेदार अब आरक्षण परिवर्तन कराने की आस लगाएं हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.