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UP Election 2022: पहले विधानसभा चुनाव में शामली के कैराना से निर्वाचित हुए थे दो विधायक

UP Vidhan Sabha Election 2022 पहले विधानसभा चुनाव में कैराना की दोनों सीट पर 141630 मतदाता थे। कैराना दक्षिण पर 76262 और कैराना उत्तर (विधानसभा क्षेत्र पर 65368 मतदाता की संख्या थी। कैराना उत्तर पर 11 और दक्षिण पर चार उम्मीदवार मैदान में थे।

By Parveen VashishtaEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 08:20 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 08:20 PM (IST)
UP Election 2022: पहले विधानसभा चुनाव में शामली के कैराना से निर्वाचित हुए थे दो विधायक
1951 के चुनाव में कैराना से दो विधायक निर्वाचित हुए थे

शामली, जागरण संवाददाता। आजादी के बाद पहली बार 1951 में हुए विधानसभा चुनाव में कैराना से दो विधायक चुने गए थे। चौंकिए मत, लेकिन यही सच है। दरअसल, तब कैराना के नाम से दो सीट थी। कैराना उत्तर और कैराना दक्षिण। दोनों सीट कांग्रेस ने जीती थी। कैराना दक्षिण से वीरेंद्र वर्मा और उत्तर से केशो गुप्ता चुनाव जीते थे।

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पहले विधानसभा चुनाव में थे 141630 मतदाता

पहले विधानसभा चुनाव में दोनों सीट पर 141630 मतदाता थे। कैराना दक्षिण (विधानसभा क्षेत्र संख्या-59) पर 76262 और कैराना उत्तर (विधानसभा क्षेत्र संख्या-57) पर 65368 मतदाता की संख्या थी। कैराना उत्तर पर 11 और दक्षिण पर चार उम्मीदवार मैदान में थे। कांग्रेस के अलावा अन्य दलों में सोशलिस्ट पार्टी, आल इंडिया भारतीय जनसंघ, किसान मजदूर प्रजा पार्टी के उम्मीदवार भी थे। हालांकि उस वक्त देश में 12 राष्ट्रीय और प्रदेश में दो स्टेट पार्टी थीं।

इस चुनाव के बाद हुआ था विधानसभा सीटों का पुनर्गठन

इस चुनाव के बाद विधानसभा सीटों का पुनर्गठन किया गया। कैराना के नाम से एक सीट रह गई थी और दूसरी सीट भवन (थानाभवन) के नाम से बनी थी। 1957 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में आइएनसी यानी इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार वीरेंद्र वर्मा ही जीते थे और सुल्तान सिंह पीएसपी के उम्मीदवार थे, वह दूसरे स्थान पर रहे थे।

1967 में अस्तित्व में आई कांधला सीट

कांधला विधानसभा सीट 1967 में अस्तित्व में आई थी, इससे पहले बुढ़ाना सीट थी। कांधला से पहली बार कांग्रेस के वीरेंद्र वर्मा ही विधायक बने थे। वीरेंद्र वर्मा दिग्गज राजनेता थे। वह कैराना से दो बार, बघरा, खतौली, कांधला से एक-एक बार विधायक रहे। राज्यसभा व लोकसभा के सदस्य भी रहे थे। पंजाब और हिमाचल के राज्यपाल भी बने थे।

2008 में खत्म हुई कांधला सीट

2008 में परिसीमन हुआ था और इसके बाद कांधला सीट खत्म हुई और शामली सीट का गठन हुआ। इससे पहले शामली शहर और आसपास का क्षेत्र कांधला के अंतर्गत था। वहीं, 1951 में कैराना लोकसभा सीट अस्तित्व में नहीं आई थी। तब लोकसभा सीट देहरादून डिस्ट्रिक्ट कम बिजनौर डिस्ट्रिक्ट (नार्थ वेस्ट) कम सहारनपुर डिस्ट्रिक्ट (वेस्ट) थी, जिसके अंतर्गत कैराना का क्षेत्र आता था। 1962 के चुनाव में कैराना सीट अस्तित्व में आई और निर्दलीय यशपाल सिंह लोकसभा सदस्य चुने गए थे।

1951 के चुनाव की स्थिति

सीट विजेता     उप विजेता    मतदान प्रतिशत

कैराना उत्तर    केशो गुप्ता   इंदर प्रकाश 54.06

कैराना दक्षिण   वीरेंद्र वर्मा    सुल्तान सिंह 65.92


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