जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव: मेरठ में सपा ने चली चाल, बसपा की सलोनी को बनाया विपक्ष का प्रत्याशी
भाजपा से टक्कर लेने से पहले विपक्षी पार्टी सपा व बसपा अपने-अपने स्तर से कूटनीति कर रहे थे लेकिन कम सीट होने के बावजूद विपक्ष में नेतृत्व की भूमिका में आई सपा ने इसी बीच बसपा के साथ राजनीति कर दी।
मेरठ, जेएनएन। भाजपा से टक्कर लेने से पहले विपक्षी पार्टी सपा व बसपा अपने-अपने स्तर से कूटनीति कर रहे थे लेकिन कम सीट होने के बावजूद विपक्ष में नेतृत्व की भूमिका में आई सपा ने इसी बीच बसपा के साथ राजनीति कर दी। बसपा अपने जिस सदस्य को खुद प्रत्याशी घोषित करके विपक्ष का समर्थन चाह रही थी उसी सदस्य को सपा ने अपनी पार्टी में शामिल कर प्रत्याशी घोषित कर दिया। मंगलवार शाम को एसजीएम गार्डन में सपा की बैठक हुई। इसमें जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर व अतुल प्रधान समेत कई नेता पहुंचे। काफी देर तक चली वार्ता के बीच नया घटनाक्रम सामने आया।
अचानक वार्ड नंबर छह की बसपा समर्थन से जीती जिला पंचायत सदस्य सलोनी अपने पति अनुज के साथ पहुंचीं तो अन्य नेताओं भौचक रह गए। इन्हें पार्टी में शामिल कराने की घोषणा हुई। पार्टी की सदस्यता का फार्म भरवाया गया फिर उसके बाद आधिकारिक रूप से सपा का प्रत्याशी घोषित कर दिया गया। जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह व अतुल प्रधान ने कहा कि पूरे विपक्ष का समर्थन हासिल है। रालोद व बसपा के सदस्यों का वोट उनके प्रत्याशी को मिलेगा। यह संयुक्त विपक्ष की प्रत्याशी हैं।
बसपा को पता ही नहीं शामिल हो गईं सलोनी : यह राजनीतिक ही है कि बसपा जिस सदस्य को अपना प्रत्याशी बनाना चाह रही थी वह सपा में शामिल हो गईं और बसपा को पता ही नहीं है। इस घटनाक्रम के बाद जिलाध्यक्ष ने फोन नहीं उठाया तो वहीं मंडल कोर्डिनेटर सतपाल पेपला ने कहा कि ऐसा नहीं है। सलोनी सपा में शामिल नहीं हुई हैं। सपा ने सिर्फ उन्हें संयुक्त विपक्ष का प्रत्याशी घोषित किया है।
सदस्य संख्या में विपक्ष भारी
जिला पंचायत में कुल 33 सदस्य है। जीत के लिए 17 सदस्य चाहिए। बसपा, सपा व रालोद को मिलाकर 23 सदस्य हो रहे हैं। सपा के अतुल प्रधान का दावा है कि उनके साथ कई निर्दलीय भी हैं। इस लिहाज से विपक्ष भाजपा पर भारी पड़ रहा है और जीत रहा है लेकिन भाजपा अपने प्रबंधन के भरोसे काफी सदस्यों को संभाल चुकी है। दावा है कि वह जीत रही है। हालांकि अब वोटों की गिनती ही तय करेगी कि सदस्यों की भीड़ की संख्या का दावा करने वाले दोनों प्रतिद्वंद्वियों में कौन वोटों से भारी होकर जीत दर्ज करता है। मौके की परिस्थिति को देखते हुए सपा में शामिल हुई हूं। मुङो कहा गया है कि आप संयुक्त विपक्ष की प्रत्याशी हैं। मुङो पूरा भरोसा है कि सभी का साथ मिलेगा और जीत हासिल होगी।