बागपत के इस गांव में हुई पंचायत में लिया चुनाव बहिष्कार का फैसला, जानिए क्यों
UP Assembly Elections 2022 बागपत के खपराना गांव में जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और शहीद के अपमान के विरोध में ग्रामीणों का निर्णय। इसी पंचायत में मौजूद शहीद की पत्नी प्रियंका चौहान का दर्द भी सामने आया और उन्होंने उपेक्षा किए जान पर अफसोस जताया।
बागपत, जागरण संवाददाता। बागपत के बिनौली में खपराना गांव में बुधवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सर्वजातीय पंचायत हुई। जिसमें ग्रामीणों ने दशकों से जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही गांव की उपेक्षा व हाल ही में शहीद हुए सैनिक के अंतिम संस्कार में किसी जनप्रतिनिधि के नही पहुंचने से क्षुब्ध होकर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा कर दी। वहीं दूसरी ओर पंचायत में मौजूद शहीद की पत्नी प्रियंका चौहान का दर्द भी छलका। जिसमे उन्होंने पति की शहादत पर किसी जनप्रतिनिधि के नहीं आने पर अफसोस जताया।
कहा कि नहीं कराया कोई विकास
पंचायत में प्रमोद ठाकुर ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक हमारे गांव में किसी जनप्रतिनिधि ने कोई विकास नही कराया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के लोग यहां वोट मांगने तो आ जाते हैं। लेकिन जीतने के बाद फिर हमारी सुध लेने नही आते। रणबीर सिंह ने कहा कि हमारे गांव का लाल देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। लेकिन शहीद के अंतिम संस्कार में भी कोई जनप्रतिनिधि व प्रशासन का बड़ा अधिकारी नही पहुंचा। जिससे शहीद का अपमान हुआ है और गांव के लोग इससे आहत हैं। पंचायत में सर्वसम्मति से एकराय होकर निर्णय लिया गया कि इस बार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। ग्रामीणों ने किसी भी दल के प्रत्याशियों से गांव में वोट मांगने के लिए नही आने की अपील की।
शहीद की पत्नी का छलका दर्द
खपराना गांव में हुई पंचायत में मौजूद शहीद की पत्नी प्रियंका चौहान का दर्द भी छलका। जिसमे उन्होंने पति की शहादत पर किसी जनप्रतिनिधि के नहीं आने पर अफसोस जताया और शासन प्रशासन से गांव का विकास करने व शहीद को सम्मान देने की अपील भी की। ठाकुर सूरजपाल की अध्यक्षता व रामभूल के संचालन में हुई पंचायत में प्रमोद ठाकुर, पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह, मनोज शर्मा, बालेश्वर पाल, रामपाल प्रजापति, पूर्व प्रधान छोटेराम कश्यप, मिट्ठू बाल्मीकि, रमेश दलित, शिवकुमार, कुलदीप शर्मा, राकेश आदि मौजूद रहे।