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UP Budget 2022: मेरठ में खेल विश्वविद्यालय को मिलेगी गति, मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के गन्ना किसानों को पहुंचेगा फायदा

Yogi Government Budget मेरठ में खेल विश्वविद्यालय के लिए योगी सरकार के बजट में 50 करोड़ प्रस्तावित। मेरठ के सरधना के सलावा में 700 करोड़ की लागत से बनेगा खेल विश्वविद्यालय। प्री-एक्टीविटी शुरू करने के लिए काम आएगी धनराशि। खिलाड़ियों को प्रोत्‍साहन मिलेगा।

By Prem Dutt BhattEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 10:00 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 10:00 AM (IST)
UP Budget 2022: मेरठ में खेल विश्वविद्यालय को मिलेगी गति, मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के गन्ना किसानों को पहुंचेगा फायदा
मेरठ में मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के 18872 गन्ना किसानों को मिलेगा लाभ।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ के सरधना के सलावा में 700 करोड़ की लागत से बनने वाले प्रदेश के पहले मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय के लिए योगी सरकार के बजट ने 50 करोड़ की धनराशि प्रस्तावित की है। खेल के विकास व उत्कृष्ट कोटि के खिलाड़ी तैयार करने के लिए विश्वस्तरीय व आधुनिक सुविधाओं के साथ खेल विश्वविद्यालय का निर्माण होगा। खेल विश्वविद्यालय में निर्माण से पहले दिल्ली की कंसल्टेंट संस्था डीडीएफ मास्टर प्लान व ड्राइंग तैयार कर रही है। कुछ दिन पहले आइआइटी रूड़की की टीम ने स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया था।

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पीएम मोदी ने किया था शिलान्‍यास

इसके बाद अब दिल्ली के स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर संस्थान से निर्माण संबंधी सुझाव लिए जाएंगे। दो जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सलावा में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया था। यह मिलेगी खेल विवि में सुविधाएडमिनिस्ट्रेटिव ब्लाक, एकेडमिक ब्लाक, सेंट्रल लाइब्रेरी, आडिटोरियम सेंटर, (बैंक/डाकघर या दुकान), शापिंग कांप्लेक्स, मेंटीनेंस कार्यालय, पुलिस चौकी, हेल्थ सेंटर, अतिथि गृह, कुलपति आवास, पुरूष छात्रावास, महिला छात्रावास, योगा हाल, ओलिंपिक लेवल स्वीमिंग पूल, हाकी ग्राउंड, फुटबाल, एथलेटिक्स, शूटिंग रेंज व अन्य।

मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल के 18872 गन्ना किसानों को मिलेगा लाभ

मेरठ : उप्र राज्य चीनी चीनी निगम लि. की मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल को आसवानी (डिस्टलरी) स्थापना के लिए 20 करोड़ की धनराशि बजट में घोषणा की गई है। इससे चीनी मिल को किसानों का गन्ना भुगतान करने में परता आएगी। इस धनराशि से चीनी मिल में डिस्टलरी की स्थापना होगी। जिससे चीनी बेचने के अलावा मिल के पास एथेनाल गन्ना भुगतान का दूसरा व मजबूत आधार बनेगा।

एथेनाल की बढ़ती मांग को देखते हुए यह चीनी मिल के लिए अच्छा संकेत है। चीनी मिल में गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों को इसका लाभ मिलेगा। मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में 60 गांवों के 18872 गन्ना किसान गन्ना आपूर्ति करते हैं। इसका रकबा 12325 हेक्टेयर है। चीनी मिल की क्षमता 3500 टीसीडी (टन क्रशिंग पर डे) है। वर्तमान पेराई सत्र में मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल में 61.43 लाख टन गन्ना पेराई हो चुका है।

इनका कहना है

डिस्टलरी यूनिट की स्थापना से गन्ना भुगतान के लिए चीनी निर्यात पर निर्भरता कम होगी। चीनी का उठान कम होगा तो शीरे से डायवर्ट करके एथेनाल बनाएंगे। बढ़ती मांग के साथ इसका पैसा भी एडवांस में मिल जाता है। वर्तमान परिस्थितियों में जो भी चीनी मिलें समय से भुगतान कर रही हैं, उनके पास चीनी बेचने के अलावा डायवर्जन का दूसरा मजबूत विकल्प एथेनाल ही है। इसीलिए वह किसानों को ससमय भुगतान कर रही हैं। डिस्टलरी से हमारी चीनी मिल के किसानों को गन्ना भुगतान में निश्चित रूप से लाभ मिलेगा।

- शीशपाल सिंह, महाप्रबंधक, मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल

सरकार ने बजट में घोषणा कर यह किसानों को अच्छा तोहफा दिया है। इससे हम जैसे चीनी मिल से जुड़े सभी गन्ना किसानों को लाभ मिलेगा।

- नरेंद्र कुमार विकल, गन्ना किसान, भूड़बराल


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