यूपी बोर्ड ने स्कू्रटनी का शुल्क पांच गुना बढ़ाया
माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) ने इस साल से स्क्रूटनी शुल्क पांच गुना बढ़ा दिया है। पहले जहां परीक्षार्थियों को एक विषय की स्क्रूटनी या किसी एक प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए 100-100 रुपये देने होते थे वहीं अब इसके लिए 500 रुपये शुल्क देना होगा।
मेरठ । माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) ने इस साल से स्क्रूटनी शुल्क पांच गुना बढ़ा दिया है। पहले जहां परीक्षार्थियों को एक विषय की स्क्रूटनी या किसी एक प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए 100-100 रुपये देने होते थे, वहीं अब इसके लिए 500 रुपये शुल्क देना होगा। साथ ही प्रदेश के बाहर से आवेदन पत्र भेजने वाले अभ्यर्थियों के लिए भी स्क्रूटनी और प्रयोगात्मक परीक्षा के शुल्क को 100 से बढ़ाकर 500 सौ रुपये कर दिया गया है।
पेपर एक हुआ, शुल्क बढ़ गया
स्क्रूटनी में पहले 100 रुपये प्रति प्रश्नपत्र के हिसाब से शुल्क लगता था। परीक्षार्थियों को एक विषय के दोनों प्रश्नपत्रों की स्क्रूटनी कराने के लिए 200 रुपये देने होते थे। अब इस साल से जहां एनसीईआरटी सिलेबस लागू होने के साथ ही हर विषय के प्रश्न पत्र एक हो गए हैं वहीं शुल्क पांच गुना बढ़ गया है। बोर्ड परीक्षा के बाद हर साल चार से पांच हजार आवेदन क्षेत्रीय परिक्षेत्र कार्यालय में आते हैं। इसमें कुछ के रिजल्ट में अंकों की बढ़ोत्तरी भी होती है। ऐसे में अब शुल्क अधिक होने से वहीं छात्र स्क्रूटनी के लिए आवेदन करेंगे जिन्हें वाकई लगता है कि उनके अंक बढ़ सकते हैं।
मान्यता शुल्क भी तीन गुना बढ़ा
स्क्रूटनी शुल्क के साथ ही यूपी बोर्ड ने मान्यता शुल्क भी तीन से चार गुना बढ़ा दिया है। पहली बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मान्यता के लिए अब 10 हजार के स्थान पर 30 हजार रुपये शुल्क देने होंगे। इसी तरह इंटरमीडिएट परीक्षा में किसी अतिरिक्त वर्ग में मान्यता के लिए पांच हजार रुपये के स्थान पर अब 20 हजार रुपये शुल्क देने होंगे। इंटरमीडिएट में किसी अतिरिक्त विषय की मान्यता के लिए प्रति विषय ढाई हजार से बढ़ाकर पांच हजार कर दिया है। इसी तरह विलंब शुल्क एक जनवरी से 31 जनवरी तक पांच हजार से बढ़ाकर 16 जुलाई से 31 जुलाई तक के लिए 20 हजार रुपये कर दिया गया है।
आइटीआइ में देख सकते हैं कॉपी
स्क्रूटनी के लिए पांच सौ रुपये आवेदन शुल्क जमा करने के पहले परीक्षार्थी 10 रुपये में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अपनी उत्तर पुस्तिका देख सकते हैं। इसके बाद भी यदि मिले हुए नंबर से परीक्षार्थी संतुष्ट नहीं हैं तो और उन्हें स्क्रूटनी में अंक बढ़ने की गुंजाइश लगे तो वह स्क्रूटनी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
होती है मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया
मेरठ के क्षेत्रीय बोर्ड सचिव राणा सहस्त्रांशु कुमार 'सुमन' के अनुसार स्क्रूटनी में मिले आवेदनों की हर कॉपी का मूल्यांकन दोबारा कराने के लिए विषय वार परीक्षकों को आमंत्रित किया जाता है। उन्हें बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रति उत्तर पुस्तिका के हिसाब से शुल्क भी दिया जाता है। इसीलिए शुल्क बढ़ाया गया है जिससे जरूरी होने पर ही परीक्षार्थी स्क्रूटनी के लिए आवेदन करें। इससे स्क्रूटनी का गलत इस्तेमाल करने वालों पर भी रोक लगेगी।