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Online Education: ऑनलाइन शिक्षण को प्रभावी बनाने में जुटा UP Board, शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों से मांगे सुझाव

Online Education को प्रभावी बनाने के लिए अब यूपी बोर्ड प्रयास में जुट गया है। इस संबंध में सभी जिलों से सुझाव मांगा गया है। जिसमें इन बातों का ध्‍यान रखा जाएगा।

By Prem BhattEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 07:58 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2020 07:58 PM (IST)
Online Education: ऑनलाइन शिक्षण को प्रभावी बनाने में जुटा UP Board, शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों से मांगे सुझाव
Online Education: ऑनलाइन शिक्षण को प्रभावी बनाने में जुटा UP Board, शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों से मांगे सुझाव

मेरठ, जेनएनएन। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश यानी यूपी बोर्ड ऑनलाइन शिक्षण प्रक्रिया को प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रहा है। Online Education व्यवस्था को प्रभावी बनाने, उनका मूल्यांकन करने, Online Education की मॉनिटरिंग के तौर-तरीकों से संबंधित उपाय व सुझाव मांगे गए हैं। प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों के जरिए सुझाव एकत्र कर उन पर अमल करने की तैयारी की जाएगी। इससे स्कूल स्तर की समस्याओं और उनके लिए जरूरी समाधान भी शासन तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।

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विकसित कर रहे पोर्टल व लिंक

जिले में विभिन्न स्कूलों में अलग-अलग विषय के शिक्षक Online Education कराने और टेस्ट लेने के माध्यम तैयार कर रहे हैं। एएस इंटर कॉलेज मवाना के केमिस्ट्री लेक्चरर डा. मेघराज सिंह ने अपने नाम पर पोर्टल बनाया है जहां वह बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाते व वीडियो भी साझा करते हैं। इसके साथ ही अब वह पढ़ाए गए चैप्टर का मूल्यांकन करने के लिए ऑनलाइन टेस्ट आयोजित करने के लिए गूगल फार्म तैयार कर रहे हैं। डा. मेघराज के अनुसार 21 जून को रसायन विज्ञान के रसायनिक बलगतिकी अध्याय का ऑनलाइन टेस्ट होगा। टेस्ट सुबह 10 बजे शुरू होकर साढ़े 10 बजे तक चलेगा।

होगी प्रतियोगिता, 60 फीसद पर ई-सर्टिफिकेट

डा. मेघराज के अनुसार 21 जून के टेस्ट में पूरे जिले के बच्चे एक साथ हिस्सा ले सकते हैं। इससे बच्चें की ऑनलाइन पढ़ाई का स्तर पमता चलेगा। 40 फीसद अंक लाने वाले बच्चों को ई-सर्टिफिकेट मिलेगा। इसी कड़ी में 25 जून को कोविड-19 पर जागरूकता प्रतियोगिता होगी। इसमें भी सभी बच्चे हिस्सा ले सकते हैं। इसमें 60 फीसद से अधिक अंक लाने वाले सभी बच्चों को जिविनि के हस्ताक्षर वाला ई-सर्टिफिकेट मिलेगा।

शिक्षक बता रहे जमीनी हकीकत

ऑनलाइन शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए श्री मल्हू सिंह आर्य कन्या इंटर कॉलेज मटौर की प्रधानाचार्य डा. नीरा तोमर के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र के महज 28 फीसद बच्चे ही स्मार्ट फोन व इंटरनेट से जुड़े हैं। 72 फीसद इन सुविधाओं से दूर हैं। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा कोरोना महामारी के दौर में संजीवनी की तरह काम कर रही है लेकिन इसके लिए व्यापक तैयारी की जरूरत होगी। शिक्षकों को ऑनलाइन क्लास की ट्रेनिंग मिलनी चाहिए। माध्यमिक विद्यालयों के 50 फीसद शिक्षक मोबाइल एप के इस्तेमाल से अवगत नहीं हैं। संभव है कि कक्षा में बहुत अच्छा पढ़ाने वाले शिक्षक ऑनलाइन न पढ़ा पाते हों। प्रशिक्षण और ई-कंटेंट मुहैया कराने पर स्थिति में काफी सुधार होगा। 


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