Unlock-1: धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही जिंदगी, दूसरे शहरों में लोगों का आना-जाना हुआ शुरू
भैंसाली बस अड्डे की तुलना में सोहराब गेट के से यात्री अधिक निकल रहे है। मेरठ बस अड्डे पर हाथों के सैनिटाइजेशन के लिए ऑटोमेटिक डिस्पेंसिंग मशीन लगाई गई है।
मेरठ, जेएनएन। रोडवेज बसों के संचालन से लॉकडाउन में बंद हो गई जीवनचर्या फिर से पटरी पर लौटने लगी है। शहर में फंसे और कामधंधे के सिलसिले में दूसरे शहरों में लोगों का आना-जाना शुरू हो गया है। बसों के मौजूदा रुझान से पता चलता है कि आसपास के शहरों की बजाए अपेक्षाकृत दूरदराज के शहरों के लिए लोग अधिक निकल रहे हैं। भैसाली की तुलना में सोहराब गेट के से यात्री अधिक निकल रहे है। मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बुधवार को दोपहर 3:00 बजे तक 12 से अधिक बसें संचालित हुई। इनमें लखनऊ और गोरखपुर जाने वाली बसें शामिल है।
बताते चलें सोहराब गेट बस डिपो से आगरा और बरेली रूट की बसें जाती हैं जबकि भैसाली बस अड्डे से गाजियाबाद, दिल्ली और मुजफ्फरनगर देहरादून रूट की बसें संचालित होती हैं। बुधवार को भैसाली डिपो से मुजफ्फरनगर को छोड़कर अन्य रूटों पर यात्रियों की संख्या काफी कम रही है। वही सोहराब गेट डिपो से 51 बसों में 847 यात्री रवाना हो चुके थे।
स्टेशन इंचार्ज गणपत त्यागी ने बताया अड्डे पर आने वाले यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग के पश्चात ही बसों में बैठाया जा रहा है। बस अड्डे पर हाथों के सैनिटाइजेशन के लिए ऑटोमेटिक डिस्पेंसिंग मशीन भी लगाई गई है।