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अब सीधे घर पहुंचेगी विश्वविद्यालय की डिग्री

दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में सीसीएसयू के कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने दिए छात्रों के सवालों के जवाब

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 12:40 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 12:40 PM (IST)
अब सीधे घर पहुंचेगी विश्वविद्यालय की डिग्री
अब सीधे घर पहुंचेगी विश्वविद्यालय की डिग्री

मेरठ। चौ. चरण सिंह विवि और उससे संबद्ध मेरठ और सहारनपुर मंडल के डिग्री कालेजों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नए सत्र में कई तरह के बदलाव भी किए जा रहे हैं, तो दूसरी ओर मौजूदा व्यवस्था को बेहतर बनाने की कोशिश भी जारी है। रविवार को कुलपति ने पाठकों की कई समस्याओं का टेलीफोन पर समाधान भी किया। पाठकों के बहुत सारे सवाल आए, उसमें से पेश हैं कुछ सवाल-जवाब। बीकॉम सेकेंड ईयर में बैक आई थी। बैक क्लीयर करने के बाद भी अभी तक मार्कशीट नहीं मिली है। मेरठ कालेज से वर्ष 2015 में एलएलएम किया है। मार्कशीट कब तक मिलेगी?

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विजय सिंह, कैराना, मुजफ्फरनगर, शमीम-कैराना, ओएस- मीरापुर

-आप ईमेल या डाक से पूरी जानकारी भेज दें। आपकी मार्कशीट घर भेज दी जाएगी। बीएससी इंडस्ट्रियल केमिस्ट्री में पेपर कोड 455 में कई सवाल गलत आए थे। बहुविकल्पीय आधारित परीक्षा में आंसर-की भी गलत दी गई थी।

दीपक चौहान, बड़ौत

- विवि में पूरी व्यवस्था है, अगर आपको लगता है कि प्रश्न गलत थे, तो आप ईमेल के माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। स्नातक वर्ष 2017 में पूरी की है। अभी तक डिग्री नहीं मिली है। डिग्री कब तक मिलेगी?

ललिता शर्मा, बड़ौत, बिंदु, सहारनपुर, रमेश शर्मा-गाजियाबाद

-छह माह में आप सभी के कॉलेज में डिग्री पहुंच जाएगी। आप वहां से डिग्री ले सकते हैं। बीएड कॉलेज प्रैक्टिकल के नाम पर पैसे मांग रहे हैं। उनका कहना है कि जो परीक्षक आते हैं, उन्हें रुपये देने होते हैं, हम क्या करें?

अनिल कुमार, मुजफ्फरनगर

-आप से कॉलेज जो भी फीस मांगता है उसकी रसीद जरूर लें। बगैर रसीद रुपये न दें। प्रैक्टिकल में परीक्षकों के मद में किसी भी तरह की फीस का प्रावधान नहीं है। अगर ऐसा है तो आप कॉलेज की लिखित शिकायत दर्ज कराएं, कार्रवाई की जाएगी। वर्ष 1980 में एमए किया था। 32 साल से डिग्री के लिए विवि में चक्कर काट रहा हूं, आज तक डिग्री नहीं मिली है, क्या करूं?

अनिल कुमार, मुजफ्फरनगर

-आपकी डिग्री आपके घर पहुंचाई जाएगी। बस आप अपनी मार्कशीट की फोटोकापी के साथ सीधे कुलपति को मेल कर दें या फिर रजिस्ट्री कर दें। रजिस्ट्री के बाद आप सीधे फोन भी कर सकते हैं। बुलंदशहर के डिग्री कॉलेज में बीए और एमए में सीमित विषय की ही पढ़ाई होती है, विकल्प बेहद कम हैं। इससे छात्र परेशान हैं?

विवेक कुमार- अनूपशहर, बुलंदशहर

-कालेज में प्रबंध तंत्र नए कोर्स के लिए अप्लाई करता है। विवि में कोई व्यवस्था नहीं है, जिसमें कॉलेज को बाध्य किया जाए कि वह नए कोर्स शुरू करे। वर्ष 2007-08 से मैनेजमेंट कोटा से प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। मेरी बेटी ने इस साल बीए अंतिम वर्ष की परीक्षा दी है, लेकिन किसी भी साल की मार्कशीट नहीं मिली है। कालेज वाले 1200 रुपये की मांग कर रहे हैं?

मेघपाल सिंह- औरंगाबाद, सहारनपुर

-आपको एक भी रुपया नहीं देना है। एक पत्र कुलपति के नाम से रजिस्ट्री कर दें, मार्कशीट आपके घर पहुंचेगी। पैसे मांगने वाले कालेज पर भी कार्रवाई होगी। विवि से जुड़े सेल्फ फाइनेंस कॉलेज में पढ़ाने के लिए योग्य शिक्षक नहीं हैं। कॉलेज संबद्धता लेने के वक्त ही नेट और पीएचडी पास अभ्यर्थी को दिखाते हैं। बाद में पीजी वाले छात्र कॉलेज में पढ़ाने आते हैं, बीएड कालेजों में बगैर फैकल्टी के कैसे पढ़ाई हो रही है?

डा. एससी शर्मा- बुलंदशहर, हिमांशु- बुलंदशहर

-कॉलेज की लिखित शिकायत करें। उक्त कालेजों पर छापेमारी की जाएगी। ऐसे कालेजों को बंद करने में थोड़ा भी वक्त नहीं लगेगा। कैंपस से एमएससी केमिस्ट्री में प्रवेश चाहता हूं, लेकिन विवि में फैकल्टी नहीं है। इस साल से केमिस्ट्री में एमफिल भी शुरू है, यह सेल्फ फाइनेंस में है या रेगुलर?

रजत कुमार, शामली

-फैकल्टी पूरी है। केमिस्ट्री में रेगुलर एमफिल शुरू हुआ है। इसके आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्रवेश परीक्षा के माध्यम से एमफिल में प्रवेश होता है। फिजिक्स से एमएससी कर चुकी हूं, सीसीएसयू से एमफिल के लिए आवेदन किया है। नेट की तैयारी भी कर रही हूं, एमफिल में किस तरह का सिलेबस होगा?

भावना शर्मा, दिल्ली

-एमफिल में बहुविकल्पीय आधारित प्रश्न आएंगे। विवि में एमएससी के सिलेबस पर ही एमफिल में प्रश्न आते हैं। नेट की तैयारी करने से इसमें मदद मिलेगी।

विवि की डेटशीट बार-बार बदली जाती है। इससे कई बार परीक्षा छूट जाती है। डेट शीट एक बार नियमित क्यों नहीं हो पाती है?

अंकित- सहारनपुर, परहीन- डिबाई

कैराना उपचुनाव की वजह से अभी विवि को डेट बदलनी पड़ी है। विवि के सामने कई कारण होते हैं, जिसकी वजह से डेट बदलनी पड़ती है। पूरी सूचना वेबसाइट पर दी जाती है।

सेंट्रल प्लेसमेंट सेल को मजबूत करेंगे, कंट्रोल रूम की व्यवस्था दुरुस्त होगी जागरण के सवाल-

- नए सत्र में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने, सत्र नियमित करने के लिए क्या करेंगे?

विवि स्तर पर आनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में पूर्व में कई बार मेरिट निकालने की वजह से सत्र नियमित नहीं हो पाता था। इस बार विवि केवल दो मेरिट जारी करेगा। उसके बाद ओपन मेरिट आएगी, जिससे कालेज प्रवेश लेंगे। ओपन मेरिट में छात्रों की सूची बनाकर कालेज विवि की वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। कालेजों की जवाबदेही सुनिश्चित करके शैक्षणिक गुणवत्ता में भी सुधार किया जाएगा। -विवि में प्लेसमेंट सेल पूरी तरह से निष्क्रिय पड़ी है, इससे विवि के छात्रों को कोई प्लेटफार्म नहीं मिल पाता है। यह सेल कब सक्रिय होगी?

नए सत्र में विवि की सेंट्रल प्लेसमेंट सेल को सक्रिय किया जाएगा। इसमें पद सृजित किए जाएंगे, ताकि प्लेसमेंट की प्रक्रिया को नियमित किया जा सके। स्नातक और परास्नातक स्तर पर छात्रों को प्लेसमेंट सेल के माध्यम से करियर के विकल्प भी बताएंगे जाएंगे। -विवि से कालेजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिन कोर्स में छात्रों का प्रवेश भी नहीं हो रहा है, उन कोर्स की मान्यता के लिए नए कालेज आ रहे हैं। नए कालेज कब तक बढ़ते रहेंगे?

मेरे तीन साल के कार्यकाल में डेढ़ साल किसी भी नए कालेज को मान्यता नहीं दी गई। बाद में जो भी कालेज मान्यता के लिए आ रहे हैं, उनकी पूरी समीक्षा के बाद ही संबद्धता दी जाएगी। सत्र शुरू होने के बाद किसी कालेज को मान्यता नहीं दी जाएगी। -विवि में कई मामलों में जांच समिति बनती है, लेकिन उसका कभी भी नतीजा नहीं निकल पाता है, इससे विवि के साख पर भी सवाल उठता रहता है?

विवि में जो भी जांच समिति बन रही है, वह अपनी रिपोर्ट आख्या समय से दे, इसकी व्यवस्था कराई जाएगी। समिति की जो रिपोर्ट होगी, उसे सार्वजनिक भी किया जाएगा। इसके लिए समिति के पदाधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। -विश्वविद्यालय से संबद्ध मेरठ और सहारनपुर के जिलों से हर रोज बहुत से छात्र अपनी तमाम समस्याओं को लेकर विवि आते हैं। उनका समय से समाधान नहीं हो पाता है?

विवि में छात्रों के लिए कंट्रोल रूम को नए सिरे से व्यवस्थित किया जाएगा। छात्रों की कई तरह की समस्याओं का घर बैठे ही निदान हो, इसके लिए आनलाइन व्यवस्था को प्रभावी किया जाएगा। इसमें हर कर्मचारी की जिम्मेदारी-जवाबदेही तय की जाएगी।


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