नई शिक्षा नीति के तहत अब विषय को बदलने के लिए प्रत्येक वर्ष खुले है विकल्प
नई शिक्षा नीति के प्रति छात्र-छात्राओं को विस्तृत जानकारी देने के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान प्राचार्य ने कहा कि अब बीए करते हुए किसी भी वर्ष अलग विषय का चयन कर सकते है ।
शामली, जेएनएन। नई शिक्षा नीति के प्रति छात्र-छात्राओं को विस्तृत जानकारी देने के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान प्राचार्य ने कहा कि अब बीए करते हुए किसी भी वर्ष अलग विषय का चयन कर सकते है। यदि आप कला वर्ग से पढ़ाई कर रहे है तो आपको अलग वर्ग का भी एक पेपर पढ़ना होगा। नई शिक्षा नीति छात्र हित में है केवल इसको समझने की जरूरत है। साथ ही नई शिक्षा नीति में भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी को काफी बढ़ावा दिया गया है।
मंगलवार को शहर के माजरा रोड स्थित वीवी पीजी कालेज में बीए, बीकाम प्रथम वर्ष के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डा. सुधीर कुमार ने किया। इस दौरान प्राचार्य ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शासन की ओर से नई शिक्षा नीति को लागू किया गया है। जो छात्र हित में है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारत की राष्ट्रभाषा हिंदी को काफी बढ़ावा दिया गया है। जिससे हिंदी भाषा से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को भी काफी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत अब बीए में तीन की जगह छह पेपर देने होंगे। साथ ही जैसे पहले माडल पेपर पढ़कर परीक्षा पास कर ली जाती थी, ऐसा नहीं चलेगा। अब किताबों को पढ़कर समझना भी होगा। उन्होंने कहा कि अब बीए प्रथम पूरी करने के बाद प्रमाण पत्र, द्वितीय को पूरा करने के बाद डिप्लोमा और तृतीष वर्ष को पूरा करने के बाद डिग्री मिलेगी। साथ ही प्रत्येक वर्ष अब विषय को बदलने का विकल्प भी रहेगा। उन्होंने कहा कि अब कहीं भी रहते हुए अब आनलाइन पढ़ सकते है।