क्रिकेटर की आयु व डोमिसाइल में गड़बड़ी पर दो साल का प्रतिबंध, हुआ ऑनलाइन पंजीकरण Meerut News
बीसीसीआइ से मान्यता प्राप्त किसी भी टूर्नामेंट में खेलने वाले क्रिकेटर अब आयु व डोमिसाइल में फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगे। इसके लिए सभी खिलाड़ियों का डाटा ऑनलाइन किया जा रहा है।
मेरठ, जेएनएन। बीसीसीआइ से मान्यता प्राप्त किसी भी टूर्नामेंट में खेलने वाले क्रिकेटर अब आयु व डोमिसाइल में फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेंगे। सत्र 2020-21 के लिए बीसीसीआइ ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी कर दिया है। उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन यानी यूपीसीए ने भी कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। सत्र 2020-21 के लिए यूपीसीए के अंतर्गत खिलाड़यिों का ऑनलाइन पंजीकरण पूरा हो चुका है। पंजीकृत खिलाड़यिों में से जिस खिलाड़ी ने भी अपनी आयु व डोमिसाइल में गड़बड़ी कर फर्जी कागजात लगाए होंगे उन्हें यूपीसीए की ओर से दो साल के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा। ऐसे खिलाड़ी दो साल तक बीसीसीआइ की किसी भी टूर्नामेंट में यूपीसीए की ओर से प्रतिभाग नहीं कर सकेंगे।
पंजीकृत खिलाड़यिों के डाटा का होगा मिलान
यूपीसीए की ओर से पिछले दो सालों से खिलाड़ियों का पंजीकरण ऑनलाइन कराया जा रहा है। इस साल भी लॉकडाउन के पूर्व ही ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई थी और पूरी भी हो चुकी है। यूपीसीए के अंतर्गत इस साल और पिछले साल ऑनलाइन अपलोड छात्रों के विवरणों का मिलान किया जाएगा। कागजातों में ही यदि कोई गड़बड़ी मिली को खिलाड़ी से स्पष्टीकरण के बाद सीधे कार्यवाही होगी। कागजात ठीक मिलने के बाद भी क्रिकेट गतिविधियां शुरू होने पर खिलाड़यिों पर संदेह होने पर हड्डी का परीक्षण कराया जाएगा।
इसीलिए शुरू कराया अंडर-14
बीसीसीआइ की ओर से कोई भी अंडर-14 की क्रिकेट प्रतियोगिता नहीं कराई जाती। लेकिन क्रिकेट में आयु को लेकर फर्जीवाड़ा रोकने के लिए ही यूपीसीए ने पिछले कुछ सालों से अंडर-14 आयु वर्ग के खिलाड़यिों का भी पंजीकरण शुरू कराया है। इसमें पंजीकृत खिलाड़यिों के बीच भी उसी तर्ज पर खिलाड़यिों को चयनित किया जाता है जैसे अंडर-16, अंडर-19 या उससे ऊपर के टूर्नामेंट के लिए। तर्क यह है कि इससे छोटी उम्र में ही अच्छे टैलेंट निकलेंगे और साथ ही अंडर-14 से ही खिलाड़यिों का डाटा यूपीसीए के पास होने से उनमें फर्जीवाड़ा करने की गुंजाइश कम रह्रेगी।
बीसीसीआइ से राहत, यूपीसीए से नहीं
बीसीसीआइ ने पहले से पंजीकृत खिलाड़यिों को अपनी गलती सुधारने का एक मौका दिया है। यदि पूर्व में किसी खिलाड़ी ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र दिए हैं तो स्वत: इसकी जानकार देने पर उन्हें प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा। वह 15 सितंबर तक मूल जन्म प्रमाण पत्र जमा करा सकेंगे और मूल आयु वर्ग में खेलने का मौका मिलेगा। स्वत: नहीं करने पर पकड़े जाने पर दो साल के लिए प्रतिबंधित होने के साथ ही आयु वर्ग, बीसीसीआइ व प्रदेशीय टूर्नामेंट से भी बाहर होंगे। वह छूट यूपीसीए ने नहीं दी है। यूपीसीए में इस साल कोई फर्जीवाड़ा पकड़ा गया तो खिलाड़ी प्रतिबंधित होंगे।
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन सचिव डा. युद्धवीर सिंह ने कहा कि बीसीसीआइ की ओर से विस्तृत एसओपी जारी की गई है। हम भी प्रदेश के सभी संगठनों के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर रहे हैं तो एक-दो दिन में जारी होंगे। इस सत्र का पंजीकरण हो चुका है इसलिए इनमें जिन खिलाड़यिों के कागजात फर्जी मिलेंगे उन्हें दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।