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यूपी बोर्ड में कम हुए ढाई लाख परीक्षार्थी

साल 2019 में 10वीं में 5,88,114 व 12वीं में 4,82,573 होंगे परीक्षार्थी। वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में कम होंगे 2,52,944 बोर्ड परीक्षार्थी। माध्यमिक स्कूलों ने बदला अक्षांतर-देशांतर सहित संसाधनों का विवरण। साथ ही एलएलबी में 9899 सीटों पर अभी प्रवेश होना शेष।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 02:19 PM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 02:19 PM (IST)
यूपी बोर्ड में कम हुए ढाई लाख परीक्षार्थी
यूपी बोर्ड में कम हुए ढाई लाख परीक्षार्थी

मेरठ। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) की वर्ष 2019 की बोर्ड परीक्षा में ढाई लाख परीक्षार्थी कम हो गए हैं। मेरठ परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चार मंडलों के 17 जिलों में वर्ष 2018 की बोर्ड परीक्षा की तुलना में वर्ष 2019 की बोर्ड परीक्षा में 2,52,944 छात्र-छात्राएं कम हो गए हैं। वर्ष 2019 में कुल 1,095,687 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। इनमें 1,070,687 रेगुलर एवं करीब 25 हजार परीक्षार्थी प्राइवेट के होंगे। हालांकि वर्ष 2019 के लिए नौवीं व 11वीं कक्षा में हुए पंजीकृत बच्चों से बोर्ड परीक्षार्थियों की संख्या 35,718 बढ़ गई है। अग्रिम पंजीकरण 1,059,969 छात्र-छात्राओं का हुआ था।

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फर्जी आवेदनों पर चली कैंची

यूपी बोर्ड की ओर से फर्जी छात्रों व शिक्षा माफिया के खिलाफ चले अभियान का असर लगातार दूसरे साल पड़ा है। वर्ष 2018 की बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकृत रेगुलर व प्राइवेट परीक्षार्थियों में से परिषद ने मेरठ परिक्षेत्र में ही डेढ़ लाख छात्रों का डाटा फर्जी पाया और डिलीट कर दिया। इसके साथ ही 24 हजार से अधिक प्राइवेट छात्रों के फर्जी आवेदन रद किए गए थे। इसके कारण वर्ष 2019 की बोर्ड परीक्षा के लिए प्राइवेट अभ्यर्थियों की संख्या आधी रह गई। पिछले साल जहां 50 हजार से अधिक प्राइवेट आवेदन थे वहीं इस साल करीब 25 हजार रह गए हैं।

बढ़कर घटे बोर्ड परीक्षार्थी

माध्यमिक शिक्षा परिषद के मेरठ परिक्षेत्र के अंतर्गत साल 2019 में 1,095,687 छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा देंगे। वर्ष 2018 की बोर्ड परीक्षा में 13,48,631 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी। 10वीं में 7,02,607 और 12वीं में 5,95,178 परीक्षार्थी थे। साल 2017 में 11,83,211 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी। हाईस्कूल के 6,57,851 व इंटरमीडिएट के 5,25,360 परीक्षार्थी थे।

जिलेवार बोर्ड परीक्षार्थियों की संख्या

जिला 10वीं 12वीं

आगरा 65,617 59,410

फिरोजाबाद 45,526 37,337

मैनपुरी 36,433 32,281

एटा 33,729 22,431

मथुरा 43,376 40,082

अलीगढ़ 65,281 59,596

हाथरस 27,109 25,569

कासगंज 21,960 16,007

बुलंदशहर 45,526 31,521

गाजियाबाद 27,062 20,714

गौतमबुद्धनगर 20,446 15,009

मेरठ 43,331 37,394

बागपत 16,128 13,597

हापुड़ 14,718 10,353

मुजफ्फरनगर 31,219 23,169

सहारनपुर 37,384 28,005

शामली 13,269 9,698

अपने स्थान से खिसक गए अधिकतर स्कूल

जिले के अधिकतर माध्यमिक स्कूल इस साल अपने मूल स्थान से हट गए हैं। इतना ही नहीं उनके नजदीकी के स्कूल भी दूर हो गए हैं। ऐसा माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड स्कूलों का डाटा बता रहा है। दरअसल, ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनाने के लिए ली जा रही जानकारी में स्कूलों ने पिछले साल दी गई जानकारी को इस बार बदल दिया है। जिले के शिक्षा विभाग मुख्यालय से स्कूलों ने अपना अक्षांतर व देशांतर तक बदल दिया है।

बदल गए पड़ोसी स्कूल

पिछले साल परिषद ने स्कूलों की जानकारी के आधार पर ही ऑनलाइन परीक्षा केंद्र बनाए थे। उसी तर्ज पर इस साल भी जानकारी मांगी गई। स्कूलों ने अपने आसपास के स्कूल, स्कूलों में कक्षा कक्ष की संख्या, मुख्यालय से स्कूल की दूरी आदि जानकारी गलत दे दी है। जो स्कूल पिछले साल नजदीक थे वे अब दूर हो गए हैं। बोर्ड कार्यालय का मानना है कि गलत जानकारी ऑनलाइन केंद्र निर्धारण की व्यवस्था को विफल करने के लिए दी जा रही है, जिससे अंतिम समय में जिला स्तर पर ही परीक्षा केंद्र बनाए जाएं। इससे नकल माफिया व शिक्षा विभाग के गोरखधंधे को आगे बढ़ाने का अवसर मिल जाएगा।

रुक गई सारी सेटिंग

परिषद मुख्यालय की ओर से ऑनलाइन परीक्षा केंद्र निर्धारण करने से जिलास्तर पर शिक्षा माफिया और शिक्षा विभाग का खेल बिगड़ गया। केंद्र निर्धारित करने में कोई सेटिंग काम नहीं आई। पिछले साल स्कूलों ने सेटिंग वाले आसपास के स्कूलों के नाम ही दिए थे, जिससे उन्हें ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए। केंद्र बनने के बाद भी परीक्षा में हुई कड़ाई के कारण नकल नहीं हो सकी। इसीलिए इस साल गलत जानकारी दी जा रही है, जिससे ऑनलाइन केंद्र निर्धारण में बच्चों के सेंटर दूरदराज स्कूलों में चले जाएं।

अब हर स्कूल की होगी जांच

जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से जिले के सभी राजकीय, सहायता प्राप्त व वित्तविहीन विद्यालयों के विवरण की स्थलीय जांच की जाएगी। इस बाबत राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों व प्रधानाचार्यो को जिम्मेदारी दी जा रही है। एक व्यक्ति 10 स्कूलों का निरीक्षण कर सभी सूचनाओं का सत्यापन कर रिपोर्ट देंगे।

विधि और नर्सिग की दूसरी मेरिट जारी, प्रवेश आज से

तीन वर्षीय एलएलबी और बीएससी नर्सिग की दूसरी मेरिट जारी हो गई है। दूसरी मेरिट से चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) से जुड़े कॉलेजों में गुरुवार से प्रवेश लिए जाएंगे। दूसरी मेरिट में आए छात्र-छात्राएं 24 अगस्त तक प्रवेश ले सकेंगे। इसके बाद जो सीट रिक्त रहेगी उनके 27 अगस्त तक ओपन मेरिट से प्रवेश पूरे किए जाएंगे। मेरठ और सहारनपुर मंडल में एलएलबी की 18540 सीटें हैं, इसमें अभी 9899 सीटों पर प्रवेश होना शेष है। तीन वर्षीय एलएलबी की दूसरी मेरिट में सबसे ऊंची मेरिट एनएएस कॉलेज की है। उसके बाद मेरठ कॉलेज की मेरिट गई है। विवि से जुड़े एडेड कॉलेजों की मेरिट सेल्फ फाइनेंस कॉलेज से ऊंची है। अधिक नंबर पाने वाले अभ्यर्थियों की पहली च्वाइस एडेड कॉलेज है।

एलएलबी में कुछ कॉलेजों में रिक्त सीटें

कॉलेज - कुल सीट - रिक्त सीट

मेरठ कॉलेज 300 206

एनएएस कॉलेज 180 163

डीएवी मुजफ्फरनगर 320 168

एमएमएच कॉलेज गाजियाबाद 420 241

एनआरइसी कॉलेज खुर्जा 120 70

जेवी जैन कॉलेज सहारनपुर 120 32

एलएलबी की दूसरी मेरिट

कॉलेज - सामान्य - ओबीसी - एससी - एसटी

एमएम कॉलेज गाजियाबाद 66 59.45 57.33 00

एनआरईसी कॉलेज खुर्जा 67.07 61.47 60.45 00

मेरठ कॉलेज 69.5 65.19 59.58 46.36

एनएएस कॉलेज 70.6 67.13 62.3 46.36

डीएवी कॉलेज मुजफ्फरनगर 57.6 55.9 45.14 0

जेवी जैन कॉलेज सहारनपुर 64.05 59.67 61.36 0


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