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हर बेड पर दो-दो मरीज, न बुखार उतर रहा न मच्छर कम हुए

सफाई के बहाने मच्छरों को नियंत्रित करने के प्रयास धरे रह गए। मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों तक मरीजों की भीड़ बढ़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 06:19 AM (IST)
हर बेड पर दो-दो मरीज, न बुखार उतर रहा न मच्छर कम हुए
हर बेड पर दो-दो मरीज, न बुखार उतर रहा न मच्छर कम हुए

मेरठ,जेएनएन। सफाई के बहाने मच्छरों को नियंत्रित करने के प्रयास धरे रह गए। मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों तक मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। एक-एक बेड पर दो-तीन बच्चों को भर्ती करना पड़ा है। डेंगू, मलेरिया के साथ ही वायरल बुखार और एन्फ्लुएंजा भी कहर ढा रहा है।

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मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग में 50 फीसद मरीजों में सर्दी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द के लक्षण मिले हैं। पीलिया, टाइफाइड एवं गैस्ट्रो के मरीजों में भी बुखार मिल रहा है। तापमान 20 डिग्री पहुंचने तक मच्छरजनित बीमारियां खासकर डेंगू का खतरा बना रहेगा। इसका वायरस बाद में संक्रमित व्यक्ति से मच्छरों में पहुंचने लगता है।

बच्चों में संक्रमण जल्द

मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. विजय जायसवाल ने माना कि बेड के अनुपात में दो से तीन गुना मरीज हैं, ऐसे में हर बेड पर दो-दो बच्चों को रखना पड़ रहा है। उनकी लंबाई कम होने से नीचे उड़ने वाला डेंगू का मच्छर बच्चों को जल्द काटता है।

घर-घर में लार्वा..कैसे रुके डेंगू

जिला मलेरिया विभाग की रिपोर्ट बताती है कि घरों में गमले, कूलर, टायरों, बाथरूम से लेकर गाड़ी के टायरों एवं कंस्ट्रक्शन साइटों पर लार्वा मिल रहा है। मंडलायुक्त अनीता मेश्राम भी कह चुकीं हैं कि किसी घर में तीन बार डेंगू मिला तो प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। खेतों में पानी के जमावड़े से भी डेंगू बढृ रहा है।

चार मरीजों में मिला वायरस

वर्ष 2019 में 21 सितंबर तक 86 मरीजों में डेंगी वायरस मिल चुका है, जो पिछले साल के आंकड़ों से ज्यादा है। मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलोजी लैब की जांच में सोमवार को चार नए मरीज मिले। विभागाध्यक्ष डॉ. अमित गर्ग ने बताया कि डेंगी के चार स्ट्रेन हैं, जिसमें भारत में दो स्ट्रेन ही संक्रमित हो रहे हैं।

डेंगू की एडवाइजरी जारी

विभाग ने डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, बदन दर्द, स्किन पर चकत्ते, आंख के पीछे दर्द एवं थकान को लेकर सतर्क किया है। दोबारा डेंगू होने पर हैमरेजिक का खतरा ज्यादा है। डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। खुली बोतलों, कंटेनर, टीन के डिब्बे, पेड़ के छेद, दीवारों के ऊपर ईटों के बीच, पुराने जूते, छत की नाली में भी वायरस पनप सकता है।

यूं मच्छरों से निपट रहा विभाग

609 वार्डो व स्वास्थ्य केंद्रों में छिड़काव किया गया

880 गांवों व मोहल्लों को कवर किया गया

6808 घरों तक पहुंची मलेरिया विभाग की टीम

22 हजार से ज्यादा कंटेनर चेक किए गए

314 कंटेनरों में मच्छर का लार्वा मिला

297 स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम

30 डाक्टरों व 473 शिक्षकों को डेंगू के इलाज में ट्रेंड किया

इनका कहना है..........

बाल रोग विभाग में भी एक बेड पर दो-दो मरीजों को रखना पड़ रहा है। बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता कम होने से वह संक्रमण की चपेट में जल्द आते हैं। स्वास्थ्य विभाग एंटी लार्वा फागिंग कर रहा है। केंद्रीय रिव्यू टीम ने दो सौ बेड का अलग अस्पताल बनाने का प्रस्ताव मांगा है।

डॉ. विजय जायसवाल, विभागाध्यक्ष, बाल रोग विभाग, मेडिकल कॉलेज

डेंगू बुखार के मरीज मिल रहे हैं। उनका प्लेटलेट 40 हजार से नीचे भी आ जाए तो घबराने की जरूरत नहीं। अगर साथ में ब्लडप्रेशर भी नीचे गिरता है तो गंभीर लक्षण हैं। मरीज को भर्ती कराएं। तरल पदार्थ दें। मच्छरों से बचाव पर खास फोकस करें।

डॉ. अमिताभ गौतम, फिजीशियन, केएमसी


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