Move to Jagran APP

Swine Flu : स्वाइन फ्लू के नए मरीज मिले, जानिए क्‍या हैं लक्षण और कैसे करना है बचाव Meerut News

यह सूचना होश उड़ा देने वाली है मेरठ में खतरनाक स्‍वाइन फ्लू से फिर से दस्‍तक दे दी है। दो नए मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है जबकि कई संदिग्‍ध मरीज मिल हैं।

By Prem BhattEdited By: Published: Fri, 30 Aug 2019 10:11 AM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 10:11 AM (IST)
Swine Flu : स्वाइन फ्लू के नए मरीज मिले, जानिए क्‍या हैं लक्षण और कैसे करना है बचाव Meerut News
Swine Flu : स्वाइन फ्लू के नए मरीज मिले, जानिए क्‍या हैं लक्षण और कैसे करना है बचाव Meerut News

मेरठ, [जागरण स्‍पेशल] । Swine Flu मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलोजी लैब ने दो नए मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि की। स्वास्थ्य विभाग ने परिजनों को टेमीफ्लू दी है। गत दिनों मेरठ के निजी अस्पताल में भर्ती एक महिला की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

loksabha election banner

मेडिकल में कई संदिग्‍ध मरीज
मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग ने बताया कि पांच में दो मरीजों में वायरस मिला। ओपीडी में कई संदिग्ध मरीज भी हैं। डा. गर्ग ने कहा कि गर्मी और आर्द्रता के बीच 2017 में भी वायरस सक्रिय हुआ था। 2019 में जनवरी से अब तक स्वाइन फ्लू के मरीजों की तादाद 90 पार कर गई है। गुरुवार की जांच में दो महिलाओं में बीमारी मिली। इनमें एक की उम्र 25 और दूसरे की 53 वर्ष है। इसमें एक मरीज सदर बाजार का निवासी है। विभाग ने सर्विलांस सेल को एक्टिव कर इलाज का प्रोटोकाल जारी कर दिया है।

बढ़ सकती है मरीजों की संख्‍या
निजी चिकित्सकों ने भी माना है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या ज्यादा हो सकती है। वायरल बुखार के मरीजों में कइयों में एच1एन1 के लक्षण मिल रहे हैं। बच्चों एवं बुजुर्ग मरीजों को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है।

क्‍या कहते हैं चिकित्‍सक
सर्दी न होने पर भी मौसम वायरस के अनुकूल है। जनवरी से अब तक बड़ी संख्या में मरीज मिलने से हर्ड इम्यूनिटी बन जाती है, ऐसे में स्ट्रेन समान रहा तो ज्यादा मरीज संक्रमित नहीं होंगे। हाथ मिलाने से बचें।
- डा. अमित गर्ग, विभागाध्यक्ष, माइक्रोबायोलोजी विभाग, मेडिकल कालेज
स्वाइन फ्लू का वायरस संक्रमित होने से कई मरीजों में बीमारी की आशंका है। गले में खराश होने पर नमक-पानी का गरारा करें। डाक्टर को दिखाएं। मेडिकल में फ्री जांच उपलब्ध है और टेमीफ्लू दवा पूरी तरह प्रभावी है। बुजुर्ग, बच्चों, गर्भवती, व शुगर के मरीजों में ज्यादा संक्रमण होता है।
- डा. वीएन त्यागी, सांस-छाती रोग विशेषज्ञ

ऐसे करें स्वाइन फ्लू से बचाव
दिन में कई बार हाथ धोएं। हाथ को मुंह के पास न ले जाएं।
छींकने या खांसने वाले मरीज से दूर रहें। खुद भी खांसें तो मुंह पर कपड़ा रखें।
जूठा खाने, एक ग्लास में पानी पीने, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहने वाले कपड़े, मेज या फर्श छूने से भी वायरस हो सकता है।
हाथ न मिलाएं और लोगों से सिर्फ अभिवादन करें। भीड़ में कम जाएं।

ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण
सर्दी, जुकाम के साथ गले में खराश, चुभन व दर्द होता है।
तेज छींक, बुखार, सिरदर्द, सांस फूलने के साथ चक्कर भी आता है।
छाती में तेज दर्द, सांस टूटने, बलगम में खून, नाखून का रंग बदलने के लक्षण जानलेवा हैं।
जटिल स्थिति में फेफड़ों में वायरस पहुंचकर निमोनिया बना देता है।
कमजोर प्रतिरोधक क्षमता होने पर फेफड़े पूरी तरह सफेद पड़ जाते हैं।

यह है तस्वीर
2017 में 395 मरीज मिले
2018 में 24 मरीज मिले


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.