मेरठ में निवास करने वाले दो पाकिस्तानी भाई इंदौर से गिरफ्तार
मेरठ के पल्लवपुरम की आनंद निकेतन कालोनी में परिवार के साथ रहे रहे दो पाकिस्तानी भाई स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बिना इंदौर में जाकर बस गए।
मेरठ (जेएनएन)। बिना स्थानीय पुलिस की सूचना के मेरठ से इंदौर जाकर बिना किसी कागज-पत्र के रह रहे दो पाकिस्तानी भाइयों को मेरठ पुलिस ने कल देर रात गिरफ्तार कर लिया। बिना पुलिस को सूचित किए यह दोनों जून 2017 से मेरठ से जाकर इंदौर में रहने लगे थे।
मेरठ के पल्लवपुरम की आनंद निकेतन कालोनी में परिवार के साथ रहे रहे दो पाकिस्तानी भाई स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बिना इंदौर में जाकर बस गए। एलआइयू की रिपोर्ट पर पुलिस हरकत में आई और दोनों भाइयों को इंदौर से कल देर रात गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद कोर्ट ने दोनों को जेल भेज दिया है।
ऐसे भारत पहुंचा परिवार
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान दिल्ली के राधेश्याम के माता-पिता पाकिस्तान के जिला कलात के मस्तूग शहर में बस गए थे। माता-पिता की मौत के बाद राधेश्याम वहीं पर नौकरी करने लगे। राधेश्याम की निर्मला से शादी हुई। उन्होंने बेटे का नाम संजी कुमार रखा। इसके बाद राधेश्याम पत्नी व बेटे संग भारत लौट आए। दिल्ली में रहने लगे। वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी दंपती दिल्ली में ही निवास करते रहे।
राधेश्याम के यहां दूसरा पुत्र जुगैश कुमार हुआ। इसके बाद दंपती बच्चों समेत मेरठ के पटेलनगर में रहने लगा। संजी कुमार की शादी दिल्ली निवासी युवती और जुगैश कुमार की शादी पल्लवपुरम के आनंद निकेतन निवासी युवती से हुई। इसके बाद पूरा परिवार आनंदनिकेतन के बी-14 नंबर मकान में रहने लगा।बीते जून 2017 में परिवार पुलिस को बिना सूचना दिए इंदौर में बस गया। कल पल्लवपुरम पुलिस संजी व जुगैश को गिरफ्तार कर लाई।
माता-पिता हैं भारतीय, जबकि दोनों पुत्र पाकिस्तानी
राधेश्याम और निर्मला को लगातार दस साल रहने पर भारत की नागरिकता मिल गई। संजी और जुगैश बीच-बीच में पाकिस्तान आते-जाते रहे। इसके कारण उन्हें नागरिकता नहीं मिल पाई।
बकौल पुलिस विदेशी अधिनियम के अनुसार दस वर्ष तक बिना अपराध किए देश में रहने वाले व्यक्ति को नागरिकता मिल जाती है। एसएसपी राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि विदेशी अधिनियम की धारा-14 के उल्लंघन में दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था। यहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।