यहां ट्वीट कीजिए टूटी सड़क की फोटो, कराई जाएगी मरम्मत
अगर आपके क्षेत्र की सड़क भी टूटी है तो डीएम के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करिए। टीम भेजकर उसकी मरम्मत कराई जाएगी।
By Ashu SinghEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 04:52 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 05:02 PM (IST)
मेरठ (जेएनएन)। ‘स्मार्ट मेरठ, क्लीन मेरठ’ के तहत शुरू किए गए अभियान का असर दिखने लगा है। डीएम के ट्विटर पर आ रहे गंदगी के फोटो देखकर नगर निगम की टीम सफाई के लिए दौड़ रही है। उधर, डीएम ने अब टूटी सड़कों के फोटो भी अपलोड करने की अपील शहरवासियों से की है। फोटो प्राप्त होते ही की मरम्मत के लिए टीम गली-मोहल्लों में पहुंचेगी।
फोटो पहुंचे तो की सफाई
बुधवार को नगर निगम की टीम ने फोटो के आधार पर जागृति विहार सेक्टर दो, माधवपुरम, ट्रांसपोर्ट नगर, शालीमार गार्डन, मुल्ताननगर, एनएएस कॉलेज के पास का नाला आदि स्थानों पर सफाई कराई। डीएम अनिल ढींगरा ने बताया कि शहर की सफाई के लिए चलाए गए अभियान पर अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। लोग बड़ी संख्या में फोटो डाल रहे हैं। अब टूटी सड़कों के फोटो भी शहरवासी भेज सकते हैं। नगर निगम की टीम को भेजकर गली-मोहल्लों की टूटी सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर कराई जाएगी। डीएम ने क्षतिग्रस्त शहरी क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के लिए विशेष अभियान चलाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों को भी निर्देशित किया।
सभी विधानसभा क्षेत्रों को पांच-पांच करोड़ रुपये
विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सड़क निर्माण कराने के लिए शासन ने विधानसभा क्षेत्रवार धनराशि आवंटित की है। प्रत्येक को पांच-पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह कार्य वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए होगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
दिशा-निर्देश जारी
इसके लिए कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके अंतर्गत ऐसे मार्ग जो गांव के अंदर होकर जाते हैं, उसमें सीसी रोड, नाली निर्माण, पुलिया निर्माण, दो हजार से अधिक आबादी के राजस्व गांव या मजरे को डबल व पांच हजार से अधिक आबादी वाले गांव-मजरे को टिपल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। शहरी क्षेत्र की भी सड़क बनवाई जा सकेंगी।
मिली अनुमति
ग्रामीण क्षेत्र की वे सड़कें जो लोक निर्माण विभाग की नहीं हैं, उसे भी एनओसी के बाद बनवाया जा सकेगा। धार्मिक स्थल तक भी सड़क बनवाई जा सकेगी या पहले से बने मार्ग को चौड़ा कराया जा सकेगा। दो हजार से अधिक आबादी के राजस्व गांव व मजरों को जोड़ने के लिए भी सड़क बनवाई जा सकेगी। यही नहीं यदि किसी स्कूल या कॉलेज तक जाने के लिए सड़क की आवश्यकता है तो उसके लिए भी अनुमति दी गई है। हालांकि ऐसे मार्ग जिसके लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत है तो उसका निर्माण इस मद से नहीं हो सकेगा। गांव की गलियां का निर्माण इस राशि से नहीं कराया जाएगा। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन प्रताप सिंह ने बताया कि जनप्रतिनिधियों को बजट व इसकी गाइड लाइन से अवगत करा दिया गया है। प्रस्ताव लेकर जल्द काम शुरू कराया जाएगा।
एमडीए ने भी लिए दो करोड़ के प्रस्ताव
जनप्रतिनिधियों से एमडीए ने भी ग्रामीण विकास मद के अंतर्गत प्रस्ताव लिए हैं। एमडीए के पास ग्रामीण विकास के लिए दो करोड़ की धनराशि आरक्षित थी, जिसके अंतर्गत सांसद व विधायकों से प्रस्ताव लिए गए हैं।
फोटो पहुंचे तो की सफाई
बुधवार को नगर निगम की टीम ने फोटो के आधार पर जागृति विहार सेक्टर दो, माधवपुरम, ट्रांसपोर्ट नगर, शालीमार गार्डन, मुल्ताननगर, एनएएस कॉलेज के पास का नाला आदि स्थानों पर सफाई कराई। डीएम अनिल ढींगरा ने बताया कि शहर की सफाई के लिए चलाए गए अभियान पर अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। लोग बड़ी संख्या में फोटो डाल रहे हैं। अब टूटी सड़कों के फोटो भी शहरवासी भेज सकते हैं। नगर निगम की टीम को भेजकर गली-मोहल्लों की टूटी सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर कराई जाएगी। डीएम ने क्षतिग्रस्त शहरी क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के लिए विशेष अभियान चलाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों को भी निर्देशित किया।
सभी विधानसभा क्षेत्रों को पांच-पांच करोड़ रुपये
विधायकों व अन्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से सड़क निर्माण कराने के लिए शासन ने विधानसभा क्षेत्रवार धनराशि आवंटित की है। प्रत्येक को पांच-पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह कार्य वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए होगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है।
दिशा-निर्देश जारी
इसके लिए कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके अंतर्गत ऐसे मार्ग जो गांव के अंदर होकर जाते हैं, उसमें सीसी रोड, नाली निर्माण, पुलिया निर्माण, दो हजार से अधिक आबादी के राजस्व गांव या मजरे को डबल व पांच हजार से अधिक आबादी वाले गांव-मजरे को टिपल कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा। शहरी क्षेत्र की भी सड़क बनवाई जा सकेंगी।
मिली अनुमति
ग्रामीण क्षेत्र की वे सड़कें जो लोक निर्माण विभाग की नहीं हैं, उसे भी एनओसी के बाद बनवाया जा सकेगा। धार्मिक स्थल तक भी सड़क बनवाई जा सकेगी या पहले से बने मार्ग को चौड़ा कराया जा सकेगा। दो हजार से अधिक आबादी के राजस्व गांव व मजरों को जोड़ने के लिए भी सड़क बनवाई जा सकेगी। यही नहीं यदि किसी स्कूल या कॉलेज तक जाने के लिए सड़क की आवश्यकता है तो उसके लिए भी अनुमति दी गई है। हालांकि ऐसे मार्ग जिसके लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत है तो उसका निर्माण इस मद से नहीं हो सकेगा। गांव की गलियां का निर्माण इस राशि से नहीं कराया जाएगा। पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन प्रताप सिंह ने बताया कि जनप्रतिनिधियों को बजट व इसकी गाइड लाइन से अवगत करा दिया गया है। प्रस्ताव लेकर जल्द काम शुरू कराया जाएगा।
एमडीए ने भी लिए दो करोड़ के प्रस्ताव
जनप्रतिनिधियों से एमडीए ने भी ग्रामीण विकास मद के अंतर्गत प्रस्ताव लिए हैं। एमडीए के पास ग्रामीण विकास के लिए दो करोड़ की धनराशि आरक्षित थी, जिसके अंतर्गत सांसद व विधायकों से प्रस्ताव लिए गए हैं।
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