Move to Jagran APP

ट्यूशन फीस ही नहीं हर साल बढ़ जाता है एनुअल चार्ज भी

स्कूलों में एनुअल चार्ज और ट्यूशन फीस के अलावा भी अन्य कई मदों में मोटे शुल्क लेने की परंपरा गहरी होती जा रही है। ट्यूशन फीस कम दिखाकर अन्य मदों में ली जाने वाली यह फीस ही परिजनों को अधिक परेशान भी करती है। इन मदों में कुछ ऐसी भी कैटेगरी हैं जो असल में ट्यूशन फीस में ही शामिल होनी चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 08:00 AM (IST)Updated: Fri, 29 Mar 2019 08:00 AM (IST)
ट्यूशन फीस ही नहीं हर साल बढ़ जाता है एनुअल चार्ज भी
ट्यूशन फीस ही नहीं हर साल बढ़ जाता है एनुअल चार्ज भी

मेरठ । स्कूलों में एनुअल चार्ज और ट्यूशन फीस के अलावा भी अन्य कई मदों में मोटे शुल्क लेने की परंपरा गहरी होती जा रही है। ट्यूशन फीस कम दिखाकर अन्य मदों में ली जाने वाली यह फीस ही परिजनों को अधिक परेशान भी करती है। इन मदों में कुछ ऐसी भी कैटेगरी हैं, जो असल में ट्यूशन फीस में ही शामिल होनी चाहिए। लेकिन उन्हें अलग हेड में रखा जाता है। इनमें डेवलपमेंट फंड, कंप्यूटर फीस, लैब फीस, अतिरिक्त विषय की फीस, प्रैक्टिकल चार्जेज, आइटी चार्जेज आदि लिए जाते हैं। ट्यूशन फीस के साथ ही इन मदों में ली जाने वाली राशि हर साल बढ़ाई जाती है।

loksabha election banner

फीस के साथ बढ़ते हैं अन्य चार्ज

स्कूलों में हर साल करीब 10 से 12 फीसद ट्यूशन फीस में बढ़ोतरी की जाती है। इसके साथ ही एनुअल चार्जेज के अंतर्गत लिए जाने वाले तमाम शुल्क भी बढ़ाए जाते हैं। ट्यूशन फीस और एनुअल चार्जेज के अलावा स्कूल में विकास कार्यो के नाम पर विकास फंड भी लिया जाता है। एक्टिविटी चार्जेज, कंप्यूटर फीस, साइंस लैब फीस आदि प्रति महीने लिए जाते हैं। प्रैक्टिकल चार्जेज, कल्चरल एक्टिविटी चार्जेज, प्रैक्टिकल फीस आदि वार्षिक तौर पर लिए जाते हैं। कुछ स्कूलों में अतिरिक्त विषय लेने के भी शुल्क हैं।

एनुअल चार्जेज में समाहित हैं ये खर्च

एनुअल चार्जेज में स्कूल डायरी, लाइब्रेरी, पदक, सर्टिफिकेट व अवार्ड, पहचान पत्र, आंतरिक परीक्षा के खर्च, मैगजीन व समाचार पत्र, खेलकूद प्रतियोगिताओं के खर्च, कार्यशालाएं व सेमिनार, वार्षिकोत्सव, स्कूल साफ्टवेयर, विद्युत व जनरेटर खर्च, टेलीफोन खर्च, स्कूली चिकित्सा, सिक्योरिटी सिस्टम, फर्नीचर, स्टेशनरी, पीने का पानी, पोस्टल, गार्डेनिंग, प्रयोगशाला खर्च, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, स्टाफ यूनिफार्म आदि खर्च शामिल होते हैं। कुछ स्कूलों में इन मदों के शुल्क अलग से भी लिए जाते हैं।

टैक्स में नहीं मिलता लाभ

स्कूलों में ट्यूशन फीस कम होने के कारण परिजनों को आयकर में भी लाभ नही मिल पाता है। वहीं स्कूल ट्यूशन फीस कम दिखाकर आयकर में लाभ लेते हैं। स्कूल पहचान पत्र, सिक्योरिटी, वाहन आदि मदों में भी अतिरिक्त फीस लेते हैं जबकि वाहन फीस अलग से भी ली जाती है। इन मदों के अलावा एडमिशन फीस भी एक से अधिक बार ली जा रही है।

ट्यूशन फीस व एनुअल चार्जेज के अलावा ली जा रही फीस

मद कक्षा राशि

विकास फंड (वार्षिक) एक से 12 1000-2500 तक

एक्टिविटी चार्जेज (मासिक) एक से 12 150-300 तक

कंप्यूटर फीस (मासिक) एक से 12 200-300 तक

विज्ञान लैब फीस (मासिक) नौ से 12 250-380 तक

कल्चरल एक्टिविटी (वार्षिक) एक से 12 800-1200 तक

प्रैक्टिकल फीस नौ से 12 800-3000 तक

(प्रति विषय वार्षिक)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.