72 किमी ट्रैक और 52 सुरक्षाकर्मी
पिछले एक साल में न्यू गाजियाबाद से सहारनपुर तक ट्रैक फ्रैक्चर
जागरण संवाददाता, मेरठ :
पिछले एक साल में न्यू गाजियाबाद से सहारनपुर तक ट्रैक फ्रैक्चर, ट्रैक को नुकसान पहुंचाने की साजिश और ट्रेन पलटाने की साजिश की जा चुकी हैं। अलकायदा मेरठ और गाजियाबाद जैसे स्टेशन को उड़ाने की धमकी दे चुका है, इसके बावजूद भी ट्रैक की सुरक्षा को लेकर रेलवे संवेदनशील नहीं है। लोको पायलट और आरपीएफ को अलर्ट जारी कर पल्ला झाड़ लिया गया। रविवार को नंदा पलटाने की साजिश की गई। रेल यात्रियों की सुरक्षा रामभरोसे है।
न्यू गाजियाबाद से सकौती तक ट्रैक सुरक्षा का जिम्मा सिटी स्टेशन आरपीएफ पर है। यहां 41 पुलिसकर्मियों का स्टाफ है। इसके अलावा 11 पुलिसकर्मी मोदीनगर आरपीएफ चेकपोस्ट पर तैनात हैं। 72 किमी में स्थित 12 स्टेशन की सुरक्षा का जिम्मा मात्र 52 पुलिसकर्मियों पर है। भगवान भरोसे है 'सुरक्षा' पेट्रोलिंग
न्यू गाजियाबाद से सकौती तक ट्रैक पर पेट्रोलिंग के लिए पर्याप्त पुलिसकर्मी मौजूद नहीं हैं। रात के समय ट्रैक पर पेट्रोलिंग असंभव है। शनिवार रात भी सिर्फ परतापुर से मोहिउद्दीनपुर के बीच पेट्रोलिंग की गई। पेट्रोलिंग के लिए दो-दो सिपाहियों का ग्रुप जरूरी है, लेकिन पर्याप्त पुलिसकर्मी ही नहीं है। आरपीएफ प्रभारी जितेंद्र कुमार का कहना है कि रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक पेट्रोलिंग की जाती है। पुलिस पिकेट का भी अभाव
मेरठ और मोदीनगर को छोड़कर कहीं भी पुलिस पिकेट नहीं है। रात में स्टेशन पर असामाजिक तत्व मौजूद रहते हैं। कैंट स्टेशन के पास आबादी होने से कई शराबी माहौल खराब कर देते हैं। पिछले दिनों घटी घटनाएं
-मोदीपुरम के पास कालोनी का गेट चुराकर भाग रहे असामाजिक तत्वों ने लोहे के टुकड़े ट्रैक पर छोड़ दिए। इससे योगा एक्सप्रेस पलटने से बाल-बाल बची थी।
-मोदीनगर स्टेशन के पास कबाड़ी फिश प्लेट निकालता हुआ पकड़ा गया था।
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