अल-कायदा का 'इंस्पायर ट्रेन डिरेल ऑपरेशन' तो नहीं
-आतंकी संगठन ने जारी की थी जानलेवा पत्रिका
योगेन्द्र सागर, मेरठ
रविवार तड़के नंदा को डिरेल करने की साजिश को अलकायदा के 'इंस्पायर ट्रेन डिरेल आपरेशन' से जोड़कर देखा जा रहा है। बीते दिनों खुफिया विभाग को मेरठ क्षेत्र में कुछ संदिग्ध हलचल का इनपुट मिलने की भी चर्चा है। इस पहलू को भी रेलवे और पुलिस अधिकारियों ने जांच में शामिल कर लिया है। पत्रिका में है डिरेलमेंट का तरीका
आतंकी संगठन अल-कायदा ने 'इंस्पायर ट्रेन डिरेल आपरेशन' नामक पत्रिका में डिरेलमेंट टूल का डिजाइन घर में ही तैयार करने का तरीका बताया है। इसका मकसद ट्रेन को डिरेल कर जान-माल का भारी नुकसान करना है। इनपुट मिलने पर सीआरपीएफ के डीआइजी (इंटेलिजेंस) ने एक खुफिया रिपोर्ट के जरिये अलर्ट जारी किया था।
बगल के ट्रैक निगरानी के थे निर्देश
खुफिया रिपोर्ट के बाद रेलवे ने गत 22 जून को एक पत्र जारी किया। इसमें निर्देश दिए गए थे कि अधिकारी रनिंग कर्मचारियों की काउंसलिंग करें। वे ड्यूटी के दौरान विशेष सतर्कता बरतें। सिंगल और डबल लाइन सेक्शन में बराबर वाले ट्रैक पर भी तीखी नजर रखें। ट्रैक पर असामान्य या संदिग्ध वस्तु दिखने पर तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाकर गाड़ी रोकने की कोशिश करें। इसकी सूचना नियंत्रण कार्यालय को भी दें। रविवार तड़के लोको पायलट ने ट्रैक पर संदिग्ध वस्तु देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाए और नियंत्रण कक्ष को सूचना दी। लोको पायलट की सतर्कता की वजह से ही सैंकड़ों जिंदगी सुरक्षित बचीं।
--------------
इनका कहना है
अल-कायदा का इस घटना से संबंध होने का फिलहाल कोई सूत्र नहीं मिला है। जांच जारी है। घटना की रिपोर्ट मुख्यालय को प्रेषित कर दी गई है।
जितेंद्र कुमार, थाना प्रभारी आरपीएफ