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गड़बड़झाला : कान्हा उपवन के गोवंश के आहार का डबल भुगतान लेने की कोशिश Meerut News

नगर आयुक्‍त से ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। परतापुर स्थित कान्हा उपवन के गोवंशों के आहार के भुगतान के लिए ठेकेदार द्वारा डबल बिल लगाए जाने का मामला आया है।

By Prem BhattEdited By: Published: Wed, 16 Oct 2019 10:54 AM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 10:54 AM (IST)
गड़बड़झाला : कान्हा उपवन के गोवंश के आहार का डबल भुगतान लेने की कोशिश Meerut News
गड़बड़झाला : कान्हा उपवन के गोवंश के आहार का डबल भुगतान लेने की कोशिश Meerut News

मेरठ, जेएनएन। परतापुर स्थित कान्हा उपवन के गोवंशों के आहार के भुगतान के लिए ठेकेदार द्वारा डबल बिल लगाए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इससे नगर निगम में हड़कंप मच गया है। गोशाला प्रभारी ने ठेकेदार पर भुगतान के लिए दबाव बनाने और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है। नगर आयुक्त को पत्र लिखकर ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

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इस तरह नजर आया घोटाला

गोशाला प्रभारी व सहायक अभियंता राजपाल यादव ने आरोप लगाया है कि ठेकेदार मेसर्स अक्षय एसोसिएट ने पशु आहार के 300 बैग के भुगतान के लिए एक बिल दिया था, जो भुगतान की प्रक्रिया में था। इसके बाद ठेकेदार ने 75 बैग पशु आहार और मंगाया था, जिसका बिल भुगतान के लिए उसे देना था। लेकिन ठेकेदार ने 75 बैग पशु आहार के बिल के साथ ही दोबारा 300 बैग पशु आहार का बिल फिर लगा दिया। इस तरह ठेकेदार द्वारा डबल भुगतान कराने की कोशिश की गई है।

दबाव बनाने की कोशिश

गोशाला प्रभारी ने ठेकेदार पर यह भी आरोप लगाया कि डबल एवं भ्रमित बिलों पर हस्ताक्षर कराने में असफल रहने पर उसने अभद्र व्यवहार किया और दबाव बनाने की कोशिश की। गोशाला प्रभारी ने मामले में नगर आयुक्त से ठेकेदार को काली सूची में डालने और एफआइआर कराने के आदेश की मांग की है। गोशाला प्रभारी ने यह भी बताया है कि ठेकेदार ने नमक की आपूर्ति का बिल एक हजार रुपये प्रति कुंतल की दर से दिया है, जो बाजार की दर से काफी अधिक है। कुछ पार्षदों ने डीएम से मिलकर कार्रवाई की मांग की।

इनका कहना है

ठेकेदार से गोशाला के लिए पशु आहार नहीं लिया जाएगा। गगोल स्थित फैक्ट्री से पशु आहार लेने की व्यवस्था की गई है। सीधे सरकारी दर पर पशु आहार लिया जाएगा।

- राजपाल यादव, सहायक अभियंता व प्रभारी गोशाला, परतापुर।

गोशाला प्रभारी के आरोप निराधार हैं। पशु आहार का तीन महीने से कोई भुगतान नहीं हुआ है। गोशाला प्रभारी से बात हुई थी जिसमें बिल भुगतान के बाद पशु आहार देने की बात कही है।

- उमंग जैन, अक्षय एसोसिएट। 


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