दिल्ली रोड के टोल पर ट्रांसपोर्टरों का हंगामा, भागे टोल कर्मचारी
दिल्ली रोड पर छावनी परिषद के टोल वसूली के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों और व्यापारियों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार देर रात दिल्ली फैज ए आम इंटर कालेज के सामने टोल को लकर जमकर हंगामा किया। मौके पर टोल के बैरियर को उठाकर फेंक दिया। ट्रांसपोर्टरों के उग्र विरोध को देखते हुए टोल के कर्मचारी भाग खड़े हुए।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली रोड पर छावनी परिषद के टोल वसूली के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों और व्यापारियों ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार देर रात दिल्ली फैज ए आम इंटर कालेज के सामने टोल को लकर जमकर हंगामा किया। मौके पर टोल के बैरियर को उठाकर फेंक दिया। ट्रांसपोर्टरों के उग्र विरोध को देखते हुए टोल के कर्मचारी भाग खड़े हुए।
टोल के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों ने सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल से सुबह बात की थी। उन्होंने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा था। लेकिन ट्रांसपोर्टरों के दबाव के बाद सोमवार को रात साढ़े आठ बजे दिल्ली रोड के टोल पर पहुंच गए। 40 से 50 ट्रक लेकर ट्रांसपोर्टर एक साथ पहुंचे। उन्होंने टोल कर्मचारियों के वसूली का विरोध किया। ट्रांसपोर्टरों के तेवर को देखकर टोल के कर्मचारी भाग गए। सात साढ़े दस बजे तक ट्रांसपोर्टर और थ्री व्हीलर्स एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मौके पर एसीएम सुनीता सिंह पहुंचीं। उन्होंने कैंट बोर्ड से बात कर बताया कि मंगलवार को कैंट बोर्ड की बैठक है। इसमें टोल को लेकर कोई निर्णय हो जाएगा। अधिकारियों के आश्वासन के बाद ट्रांसपोर्टर वहां से हटे। उनके हटने के बाद ठेकेदार के कर्मचारी फिर से वसूली में जुटे रहे। प्रदर्शन करने वालों में गौरव शर्मा, विपुल सिंघल, अतुल शर्मा, सुभाष, अनीश चौधरी, मनोज गोयल, देवीचरण सेन, पंकज, रविकांत, रोहित, दीपक, नीरज, सुरेंद्र शर्मा आदि रहे।
जाम लगने से बच्चों को होती है देरी
नवीन मंडी आटो थ्री व्हीलर्स आनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपने ज्ञापन में टोल को अवैध वसूली बताया। कहा कि हर चक्कर में दस रुपये की पर्ची कटानी पड़ रही है। जाम की वजह से स्कूल जाने में बच्चों को भी देरी हो रही है। उधर, ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना था कि नेशनल हाइवे और पीडब्लूडी की सड़क पर इस तरह की अवैध वसूली का कोई औचित्य नहीं है। शहर के अंदर टोल लगाने से व्यवसायिक वाहनों पर भार पड़ रहा है। इससे आम लोगों पर भी असर पड़ रहा है। अगर इसे नहीं हटाया गया तो बड़ा आंदोलन होगा।