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गणतंत्रोत्सव मनाने तिरंगा-रंग बिरंगा हुआ क्रांति शहर

स्वतंत्रता के बाद देश को गणतंत्र बनाने का जो गौरव हासिल हुआ उसके लिए मेरठ हमेशा-हमेशा के लिए याद किया जाएगा और मेरठ इस दिन हमेशा ही आनंदित होता रहेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jan 2020 04:00 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jan 2020 06:05 AM (IST)
गणतंत्रोत्सव मनाने तिरंगा-रंग बिरंगा हुआ क्रांति शहर
गणतंत्रोत्सव मनाने तिरंगा-रंग बिरंगा हुआ क्रांति शहर

मेरठ, जेएनएन। स्वतंत्रता के बाद देश को गणतंत्र बनाने का जो गौरव हासिल हुआ उसके लिए मेरठ हमेशा-हमेशा के लिए याद किया जाएगा और मेरठ इस दिन हमेशा ही आनंदित होता रहेगा। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल फूंकने वाला मेरठ गणतंत्रोत्सव पर सबसे ज्यादा आह्लादित है। पूरा शहर ही नहीं पूरा जिला इस दिन को त्योहार की तरह मनाने को तैयार हो गया है। पूर्व संध्या पर ही पूरा परिवेश तिरंगा हो गया है। रंग बिरंगा हो गया है। एक-दो दिन पहले से ही आयोजनों की शुरुआत हो गई।

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आज विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत अपना गणतंत्रोत्सव मनाएगा तो इस मौके पर मेरठ के शूरवीरों के चेहरे की खुशी ही कुछ और होगी। इस खुशी का इजहार करने के लिए एतिहासिक घंटाघर तिरंगा रोशनी जगमग हो गया। शहरवासी इस खूबसूरत तस्वीर को सेल्फी में भी कैद कर रहे थे। सूरजकुंड पार्क में आसमान को छूता तिरंगा फहराने लगा। कमिश्नरी कार्यालय से लेकर विभागों के कार्यालय लाइटों से सजा दिए गए। कॉलोनियों और दुकानें भी उसी तरह से सजा दी गई जैसे दीपावली पर एलईडी लाइट की लड़ियों से राशन हो उठती हैं। देश का सबसे बड़ा पर्व है सो जश्न की शुरुआत पहले ही हो जाती है। पूर्व संध्या पर पूरे शहर में जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। देशभक्ति के तराने गूंजने लगे। स्वतंत्रता की जंग से लेकर आजादी के बाद तक के जीवन को लेकर नाटिकाएं प्रस्तुत की गईं। गुलामी के दिनों की बर्बरता याद दिलाई गई तो अब अपने संविधान के संरक्षण में खुलकर बोलने और दिल खोलकर जीने की आजादी का अहसास कराया गया। जो राजपथ ब्रितानिया हूकूमत की जागीर थी अब उस जमीं पर एक बार फिर देश के राष्ट्रपति राष्ट्रध्वज तिरंगा फहराएंगे। तो उधर मेरठ में भी ध्वज फहराया जाएगा और यह याद किया जाएगा कि हमारे संविधान की जो मूल भावना है लोकतंत्र। वह यहां मुकम्मल है। एकता, अखंडता, स्वतंत्रता, भाईचारा, समानता व न्याय को बरकरार रखने में शहर हमेशा योगदान रखता आया है। देश की राजधानी में शेर-ए-भारत को 21 तोपें सलामी देंगी तो मेरठ में भी उनके नुमाइंदे तिरंगे को सलाम करेंगे।

चूड़ियां भी तिरंगा हों

झंडा बिक्री करने वाली दुकानें गुलजार रहीं। तो वहीं महिलाओं ने तिरंगा सेट वाली चूड़ियां खरीदी। किसी ने चेहरे पर तिरंगा बनवाया तो किसी ने बैज खरीदा। टोपी से लेकर टीशर्ट तक तिरंगा ही बिकीं। किसी कार पर तिरंगा लगाया तो किसी ने साइकिल पर। घरों पर तिरंगा लहराया तो पार्कों में भी।

शहीद स्मारक को ही अंधेरे में रखा

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियो की याद में शहीद स्मारक बनाया गया। यहां पर शहीद स्तंभ है। मेरठ की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण जगह होने के बावजूद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर यहां अंधेरा रहा। हाकिम 26 जनवरी को यहां आएंगे और शहीदों को नमन करेंगे लेकिन एक दिन पहले यहां की क्या स्थिति रही इसे देखने-पूछने की फुर्सत किसी को न रही।


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