CAA Protest : पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज Meerut News
बीस दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद शहर में हुई हिंसा के दौरान एसपी सिटी के वायरल वीडियो पर सियासी घमासान जारी है। वहीं इस मामले में आरोपितों पर देशद्रोह का केस दर्ज कर लिया है।
मेरठ, जेएनएन। बीस दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद शहर में हुई हिंसा के दौरान एसपी सिटी के वायरल वीडियो पर सियासी घमासान जारी है। सोशल साइट्स पर भी काफी लोग एसपी सिटी के समर्थन में हैं, हालांकि कुछ लोगों के विरोधी स्वर भी हैं। उधर, पाकिस्तान समर्थित नारे लगाने वाले आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि देश सबसे पहले है। जो देश का नहीं है, उसको यहां रहने का हक भी नहीं, जबकि एसपी सिटी अपने बयान पर कायम हैं, उन्होंने कहा कि जो काली पट्टी बांधकर पड़ोसी मुल्क के लिए जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, मैंने उनसे कहा कि अगर तुमको यह (देश) नहीं पसंद है तो वहीं चले जाओ।
शरारती तत्वों से कड़ाई से कर रहे थे बात
20 दिसंबर की हिंसा के दौरान बनाया गया एक वीडियो दो दिन पहले वायरल हुआ था। इसमें एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह शरारती तत्वों से कड़ाई से बात कर रहे थे। उस समय एडीएम सिटी अजय तिवारी भी पास में खड़े थे। वीडियो में वे कह रहे हैं, इस गली के शरारती युवकों को ठीक कर दूंगा मैं...। खाते यहां का हो और गाते कहीं और का हो। दरअसल, एसपी सिटी को देखकर शरारती तत्वों ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे। पुलिस ने ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ लिसाड़ी गेट थाने में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया है। उनके वायरल वीडियो पर रविवार को भी प्रतिक्रिया जारी रही।
एसपी सिटी के बयान पर प्रतिक्रिया
हिंसा के दौरान बवाली पथराव एवं फायरिंग कर रहे थे। उस पर बवालियों को रोकना सबसे बड़ी प्राथमिकता थी। ऐसे में शब्दों का चयन करना बड़ा ही मुश्किल हो जाता है। वह भी उस समय जब शरारती तत्व पड़ोसी मुल्क के समर्थन में नारेबाजी करें। पड़ोसी मुल्क के नारे लगाने वालों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। सवाल उठता है कि ऐसे लोगों ने 20 दिसंबर के वीडियो को इतने दिन बाद क्यों वायरल किया। हम यह भी देखेंगे कि किन लोगों को यहां की अमन शांति पसंद नहीं।
- प्रशांत कुमार, एडीजी जोन
राष्ट्र विरोधी नारे लगाने वाले को दूसरे मुल्क में जाने के लिए कह दिया है, यह कोई गलत नहीं है। शहर की शांति व्यवस्था के लिए एसपी सिटी ने यह कदम उठाया है। हम उनका समर्थन करते हैं। ऐसे लोगों से देश में रहने का हक भी छीन लेना चाहिए, जो दूसरे देश के पक्ष में नारे लगाते हैं।
- नवीन गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ (नवीन गुट)
अगर पुलिस के सामने पाकिस्तान समर्थित नारे लग रहे थे। यदि पुलिस उसका जवाब नहीं देती तो फिर वर्दी पर सवाल उठता है। ऐसे में एसपी सिटी ने कोई गलत नहीं कहा है। एसपी से पहले वह हिंदुस्तानी भी हैं। उनकी भावना को भी समझना चाहिए।
- अजय गुप्ता, अध्यक्ष संयुक्त व्यापार संघ (वशिष्ठ गुट)
पुलिस अफसरों को ऐसे मौके पर भी संयम बरतने की जरुरत है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस के पास आइपीसी और सीआरपीसी है। शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जिम्मेदार अफसर को हर समय शब्दों का सही चयन करना चाहिए।
- एके जैन, रिटायर्ड डीजीपी
एसपी सिटी ने कोई गलत नहीं कहा हैं, हमारे लिए देश सबसे पहले है। उलमाओं को चाहिए, कि पाकिस्तान समर्थन के नारे लगाने वाले शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करें। दुर्भाग्य है कि वोट बैंक की राजनीति के चलते दूसरे मुल्क का समर्थन करने वालों के पक्ष में लोग खड़े हो जाते हैं।
- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद
एसपी सिटी ने जिस तरह से गली के लोगों को पाकिस्तान जाने के लिए कहा है, उससे अफसर की जहनीयत के बारे में पता चलता है। विरोध जताने का अधिकार सभी को है, वह लोग भी काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे थे। शीर्ष अफसरों को ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- जैनुस साजिद्दीन, शहर काजी