ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से करोड़ों का कारोबार प्रभावित
मेरठ। ट्रांसपोर्टरों की पूर्व घोषित हड़ताल शुक्रवार से शुरू हो गई। व्यापारियों ने सुबह के स
मेरठ। ट्रांसपोर्टरों की पूर्व घोषित हड़ताल शुक्रवार से शुरू हो गई। व्यापारियों ने सुबह के समय कार्यालय तो खोले, लेकिन बुकिंग कार्य नहीं किया। ट्रक भी जहां के तहां खड़े रहे। हड़ताल के पहले ही दिन 15 से 20 करोड़ के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की माग को लेकर आल इंडिया मोटर काग्रेस के आह्वान पर ट्रांसपोर्टरों ने 20 जुलाई से पूरे देश में हड़ताल की चेतावनी दी थी। इसी क्रम में शुक्रवार को टीपीनगर में ट्रांसपोर्टरों ने किसी भी प्रकार के नए माल की बुकिंग नहीं की। गुरुवार की देर रात तक जो ट्रक माल लेकर आए थे उन्हें खाली कराने कार्य किया गया। जनपद की सीमा में चलने वाले लगभग 6500 माल ढुलाई करने वाले छोटे और मध्यम वाहन सड़कों पर नहीं निकले। वहीं, दोपहर में टीपीनगर में ट्रांसपोर्ट व्यापारियों की बैठक हुई। मेरठ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के राकेश विज ने कहा कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में डेढ़ गुना वृद्धि कर दी गई है। सरदार हरदीप सिंह ने कहा कि एक साल की अवधि में डीजल के दाम 54 ये 69 हो गए हैं, जबकि उस अनुपात में माल ढुलाई नहीं बढ़ी है। प्रवीन चिन्योटी ने कहा कि व्यापारी आर्थिक संकट झेल रहे हैं। हड़ताल से फिलहाल दूध सब्जी गैस और अन्य जरूरी वस्तुओं को बाहर रखा गया है। अगर मांग नहीं मानी गई तो उनका समर्थन भी लिया जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने कहा कि सरकार जब तक हमारी मांग नहीं मानेगी चक्का जाम रहेगा। इस दौरान शिवम विनायक, वेद गुप्ता, सरदार खेता सिंह, हरी गुप्ता, राजू रल्हन, निक्कू, सुरेंद्र शर्मा, अतुल शर्मा, अशोक शर्मा, नवीन शर्मा, रूपेश रस्तोगी व रोहित कपूर आदि मौजूद रहे। 'हड़ताल समस्या का हल नहीं'
ए वन ट्रांसपोर्ट के पुनीत अरोड़ा ने हड़ताल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हड़ताल से आम आदमी को परेशानी होती है। जरूरी वस्तुओं के दाम बढ़ जाते हैं। देश की तरक्की बाधित होती है। तीन-चार सौ रुपये प्रतिदिन कमाने वाले श्रमिक, क्लीनर, जैसे लोगों के सामने संकट आ जाएगा। उन्होंने कहा कि बिना चक्का जाम किए भी सरकार से मांगें मनवाई जा सकती हैं। वह हड़ताल में शामिल नहीं हैं। आज गंभीर हो सकते हैं हालात
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का शुक्रवार को पहला दिन था। जो ट्रक दूसरे प्रदेशों में गए हैं वह शनिवार तक गंतव्य पर पहुंच जाएंगे। इसके बाद भी अगर हड़ताल जारी रहती है तो देशभर में माल का परिवहन ठप हो जाएगा। खंदक बाजार कपड़ा व्यापारी सुरेश गोयल ने बताया कि दस करोड़ का माल गोदामों से नहीं उठा। परचून, पुस्तकें कापियां, इलेक्ट्रिकल गुड्स स्पोर्ट्स समेत 50 करोड़ का माल कारोबार चक्का जाम की भेंट चढ़ गया है। अगर दो-तीन दिन हड़ताल और चली तो परेशानी होना लाजिमी है। ..तो आत्महत्या करेंगे
मेरठ ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन के पंकज अनेजा ने कहा कि किसानों की तरह ट्रांसपोर्टर भी बदहाल हैं। अगर मांगें नहीं मानी गई तो वह आत्महत्या को मजबूर होंगे।