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ट्रैफिक पुलिस का खौफ, हेलमेट लगाकर चला रहे कार

जनपद में बेलगाम हो चले अपराध पर पुलिस अंकुश नहीं लगा पा रही लेकिन यातायात नियमों का पालन जरूर सख्ती से करा रही है। ई-चालान के रूप में ट्रैफिक पुलिस के हाथ अब कार्रवाई का नया हथियार लगा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 08:00 AM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 08:00 AM (IST)
ट्रैफिक पुलिस का खौफ, हेलमेट लगाकर चला रहे कार
ट्रैफिक पुलिस का खौफ, हेलमेट लगाकर चला रहे कार

मेरठ । जनपद में बेलगाम हो चले अपराध पर पुलिस अंकुश नहीं लगा पा रही लेकिन यातायात नियमों का पालन जरूर सख्ती से करा रही है। ई-चालान के रूप में ट्रैफिक पुलिस के हाथ अब कार्रवाई का नया हथियार लगा है। इसके जरिए पुलिस कार चलाने वाले लोगों का हेलमेट न लगाने की धाराओं में चालान कर रही है और दो पहिया चलाने वाले लोगों को सीट बेल्ट न लगाने पर सजा दे रही है। पुलिस के इस उत्पीड़न का सोमवार को अनोखे तरीके से विरोध किया गया। मेरा शहर मेरी पहल के कार्यकर्ता हेलमेट लगाकर कार चलाते हुए कमिश्नरी चौराहे पर पहुंचे, जिसे देख हर कोई चौंक उठा।

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हेलमेट लगाकर दोपहिया वाहन चलाना सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी है लेकिन हेलमेट लगाकर कार ड्राइव करना थोड़ा अटपटा सा लगता है। एक व्यक्ति हेलमेट लगाकर कार ड्राइव करता हुआ कमिश्नरी पहुंचा तो हर किसी की नजर उस पर गई और जिसने भी देखा उसी ने सवाल किया। दरअसल, यातायात पुलिस की कार्यशैली से क्षुब्ध लोगों के विरोध का यह अनोखा तरीका था। कमिश्नरी चौक पहुंचे 'मेरा शहर मेरी पहल' संस्था के कार्यकर्ताओं ने यह प्रयास करके ट्रैफिक पुलिस के कारनामों पर रोक लगाने की मांग की। कार्यकर्ताओं का कहना था कि ट्रैफिक पुलिस ने पिछले दिनों बिना कुछ सोचे-समझे ई-चालान काटे हैं। कार में हेलमेट लगाकर पहुंचे संस्था के कोषाध्यक्ष एसके शर्मा ने बताया कि यातायात पुलिस की ओर से लोगों के घर पर चालान भिजवाए गए हैं, जिसमें बेतुके आरोप हैं। दो पहिया वाहन चालकों का सीट बेल्ट की धारा में चालान काटा गया है और कार चालकों का हेलमेट न लगाने पर। उन्होंने बताया कि हेलमेट लगाकर कार चलाने का उद्देश्य यातायात पुलिस की लापरवाहपूर्ण कार्रवाई का विरोध करना है। पुलिस को अपनी कार्यशैली में सुधारनी चाहिए।

दो महीने बाद घर पहुंचे चालान

यातायात पुलिस ने ई-चालान की प्रक्रिया शुरू की है, जिसके तहत ट्रैफिक पुलिस के सिपाही यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालक का फोटो खींच लेते हैं। वाहन चालक को मौके पर कुछ नहीं कहते लेकिन बाद में उसके घर पर चालान पहुंच जाता है। फरवरी में काटे गए चालान दो महीने बाद अप्रैल में लोगों के घर पहुंचे हैं। जिन्हें देखकर लोग टेंशन में हैं।

हर चौराहे पर मुस्तैद लेकिन निशाना बदमाश नहीं आम आदमी

यातायात पुलिस का फिलहाल वाहन चालकों पर खौफ छाया है। शहर के प्रत्येक चौराहे पर यातायात पुलिस कर्मी और होमगार्ड तैनात हैं। शहर के बाहरी मार्गो के प्रमुख स्थानों पर इनकी संख्या और भी ज्यादा होती है। लेकिन इनका लक्ष्य बदमाशों की धरपकड़ करना न होकर दो पहिया और चार पहिया वाहनों पर अपने परिवार के साथ निकले लोगों पर अत्याचार करना होता है। अन्य जनपदों और राज्यों के पंजीकरण नंबर वाली गाड़ियां इनका विशेष निशाना होती हैं। हालात यह हैं कि गांव से शहर में आने वाले लोग तथा शहर के नागरिक यातायात पुलिस कर्मियों से खौफजदा हैं।

इन्होंने कहा--

तकनीकी चूक के कारण कभी-कभी ऐसा हो जाता है। बगैर नियम तोड़े किसी का चालान नहीं किया जाता। फिर भी चौराहों पर तैनात कर्मियों को आम जनता को परेशान न करने के निर्देश दिए गए हैं।

संजीव कुमार बाजपेयी, एसपी ट्रैफिक


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