यातायात माह : नशेड़ी, लापरवाह चालकों का नहीं होता ‘इलाज’ Meerut News
भले ही शहर में यातायात माह शुरू हो गया है लेकिन ओवर स्पीड और ड्रंक एंड ड्राइव की रोकथाम के लिए ट्रैफिक पुलिस पर संसाधन तो हैं लेकिन कार्रवाई ना के बराबर ही होती है।
मेरठ, जेएनएन। Traffic month ओवर स्पीड और ड्रंक एंड ड्राइव की रोकथाम के लिए ट्रैफिक पुलिस पर संसाधन तो हैं, लेकिन कार्रवाई ना के बराबर ही होती है। नवंबर में यातायात माह के दौरान भले ही कार्रवाई हो, लेकिन दिसंबर की सर्दी में ठंडी पड़ जाती है। नवंबर में ओवर स्पीड के जितने चालान पिछले साल हुए थे। उतने अभी तक भी नहीं हो पाए हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के चालान की बात करें तो नवंबर के आंकड़े की बराबरी 11 माह में हो पाई है।
यह है तस्वीर
पिछले साल भी पूरे जोरशोर से यातायात माह का शुभारंभ हुआ था। नवंबर में नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई के साथ ही जागरूक भी किया गया था। इस दौरान ओवर स्पीड में कुल 26 लोगों का चालान किया गया था। इसके बाद अक्टूबर 19 तक कुल 18 लोगों पर जुर्माना लगा। यानि कि एक माह में तो 26 पर कार्रवाई और इसके बाद 11 माह में सिर्फ 18 पर। कुछ ऐसी ही स्थिति शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर कार्रवाई की रही। पिछले साल नवंबर में नशे में गाड़ी चलाने वाले 14 लोगों पर जुर्माना लगा। इसके बाद 11 माह में भी 14 पर ही कार्रवाई हो सकी। एसपी ट्रैफिक संजीव वाजपेयी का कहना है कि नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाती है। चालान की संख्या कभी कम कभी ज्यादा होती रहती है।
जहां दौड़ते हैं वाहन, वहीं नहीं दिखते पुलिसकर्मी
कैंट क्षेत्र में वाहनों का दबाव कम रहता है। इसलिए वहां पर अकसर वाहनों की रफ्तार अधिक होती है। इसी तरह से विवि रोड पर भी कई बार तेज गति से वाहन चलते हुए दिखाई दे जाते हैं। बिजली बंबा बाईपास पर भी वाहन सरपट दौड़ते हैं, लेकिन यहां कहीं पर कभी पुलिसकर्मी ओवर स्पीड पर किसी को नहीं पकड़ते। जबकि बेगमपुल और अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में खड़े दिखाई देते हैं।
अफसरों-कर्मचारियों के साथ ही संसाधनों की भी कमी है
ट्रैफिक पुलिस अफसरों और कर्मचारियों के साथ ही संसाधनों की की कमी से भी जूझ रही है। यदि ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर की बात करें तो जिले में उनकी संख्या 10 होनी चाहिए, लेकिन वर्तमान में तैनाती सिर्फ दो की है। 181 सिपाही होने चाहिए, जबकि तैनाती 114 की है। इंटरसेप्टर गाड़ी तीन होनी चाहिए, जबकि एक है। इसके अलावा सीज वाहन खड़े करने के लिए पर्याप्त जगह और ट्रैफिक ट्रेनिंग पार्क तक नहीं है।
374 लोगों का चालान
यातायात माह के तहत ट्रैफिक पुलिस ने अवैध ई-रिक्शा और नो टेंपो जोन में दौड़ रहे टेंपो पर कार्रवाई की। साथ ही नियमों को तोड़ने वालों का भी चालान किया। इस दौरान लोगों को जागरूक भी किया गया। यातायात माह के तीसरे दिन रविवार को ट्रैफिक पुलिस नियमों का पालन नहीं करने वाले 374 लोगों का चालान किया गया। इसमें हेलमेट नहीं पहनने, बाइक पर तीन सवारी, सीट बेल्ट नहीं बांधने और जरूरी कागजात नहीं रखना शामिल है। सुबह से ही बेगमपुल, जीरो माइल, रोडवेज अड्डा, रेलवे रोड चौराहा, बागपत अड्डा चौराहा, परतापुर तिराहा, तेजगढ़ी चौराहा, हापुड़ अड्डा चौराहा, बच्चा पार्क, ईव्ज चौराहे पर पुलिसकर्मी तैनात रहे। इस दौरान लोगों को यातायात नियमों के प्रति भी जागरूक किया गया। ट्रैफिक इंस्पेक्टर दीनदयाल दीक्षित ने बताया कि रविवार को नो टेंपो जोन (बेगमपुल से तेजगढ़ी तक) में दौड़ रहे 32 टेंपो को सीज किया गया। साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन के चलते 28 ई-रिक्शा को भी सीज किया गया। उन्होंने बताया कि दिनभर में ट्रैफिक पुलिस ने नियमों को पालन नहीं करने वाले 374 लोगों का भी चालान किया।
कई जगह स्पीड लिमिट बार्ड तक नहीं
अभियान के दौरान कई बार स्पीड अधिक होने पर जब वाहन चालक को रोका जाता है, तो वह अधिकारियों और कर्मचारियों से उलझ जाता है। उसका कहना होता है कि यहां कहीं भी स्पीड लिमिट का बोर्ड नहीं लगा है। उसे कैसे पता चलेगा कि यहां स्पीड कितनी रखनी है। इस पर अधिकारियों का कहना है कि उनके पास बार्ड या संकेतक लगाने के लिए कोई मद नहीं है। इसके लिए वह नगर निगम और पीडब्ल्यूडी से पत्राचार करते हैं।