CBSE Result 2019 : टॉपर्स ने खोले राज,बोले सेल्फ स्टडी पर भरोसे ने बना दिया टॉपर
CBSE 12वीं की परीक्षा में जिले का नाम रोशन करने वाली बेटियों ने अपने भविष्य के लक्ष्य को सांझा करते हुए अपनी सफलता के बारे में भी खुलकर बात की।
By Ashu SinghEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 03:54 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 03:54 PM (IST)
मेरठ,जेएनएन। सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में जिले का नाम रोशन करने वाली बेटियों ने अपने भविष्य के लक्ष्य को सांझा करते हुए अपनी सफलता के बारे में भी बताया। होनहार बेटियों ने सेल्फ स्टडी को ही टॉपर बनने में सहायक बताया। सभी की तैयारियों में कुछ कुछ कॉमन ही रहा। साथ ही कहा कि पढ़ाई के साथ साथ मंनोरंजन भी है जरूरी।
मददगार बनी सेल्फ स्टडी
सलोनी सिंघल का कहना है कि कॉमर्स वर्ग में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर गर्व हो रहा है। मुङो कारपोरेट लॉयर बनना है। मैं क्लैट की तैयारी कर रही हूं। डीयू में बीकॉम ऑनर्स के लिएण् आवेदन करूंगी। क्लैट की परीक्षा 26 मई को है। अगर उसमें रैंक आ गया तो ठीक नहीं तो डीयू में दाखिला लेकर आगे की पढ़ाई जारी रखूंगी। मैं पढ़ाई से ब्रेक नहीं लेना चाहती हूं। उन्हें 500 में से 487 (97.4 फीसद) अंक मिले हैं।
शिक्षकों के नोट्स पर पूरा फोकस
मैंने अपनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी में स्कूल में मिले शिक्षकों के नोट्स पर पूरा फोकस रखा। उसी नोट के साथ सेल्फ स्टडी में भी मदद मिली। गणित,एकाउंटेंसी और इकोनोमिक्स की कोचिंग ली। एकाउंटेंसी मेरा पसंदीदा विषय है। मैं हर दिन दो घंटे एकाउंटेंसी को देती थी। पढ़ाई के अलावा मुङो डांस करना और बैडमिंटन खेलना बेहद पसंद है। तनाव अधिक होता है तो मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं जिससे मुङो मदद मिलती है। मेरे बड़े भाई संजय सिंघल नोएडा में जॉब करते हैं। मेरे पिता स्व.संजीव कुमार सिंघल सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत थे। माता बबिता सिंघल गृहणी हैं।
पूरा फोकस अब नीट पर
सौम्या सिंह ने कहा कि विज्ञान वर्ग में पीसीबी में जिले की टॉपर बनकर बेहद अच्छा महसूस हो रहा हूं। मैं नीट की तैयारियों में जुटी हूं। उन्हें 500 में से 488(97.6 फीसद) अंक प्राप्त हुए हैं। बताया कि रविवार को नीट की परीक्षा है इसलिए पूरा फोकस उसी पर है। नीट के रिजल्ट के बाद ही आगे की तैयारी की रूपरेखा तैयार होगी। मुझे डाक्टर बनकर समाज की सेवा में अपना योगदान देना है। मेरे पिता राहुल कुमार बिजनेसमैन हैं। उनके दोस्तों में कई लोग डाक्टर हैं जो मुझे प्रेरित करते रहते हैं। रिजल्ट मेरी अपेक्षा से भी अच्छा रहा है।
हर पढ़ाई करने का टारगेट
मैंने बोर्ड परीक्षा की तैयारी के दौरान स्कूल में शिक्षकों द्वारा दिए गए नोट्स और एनसीईआरटी के अलावा कुछ नहीं पढ़ा। कुछ और पढ़कर मैं भटकना नहीं चाहती थी इसीलिए फोकस बनाए रखा। पढ़ाई के लिए घंटे तय करने की बजाय मैंने हर दिन पढ़ने का टारगेट तय किया और उसी के अनुरूप पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के अलावा मुङो पेंटिंग, डांसिंग और स्विमिंग करना पसंद है। तनाव दूर करने के लिए मैं दोस्तों, परिजनों से खूब बातें किया करती हूं। मेरी परवरिश संयुक्त परिवार में हुई है इसलिए तनाव कम ही होता है। अकेले रहने से अधिक तनाव होता है।
मुझे बनना है चार्टर्ड एकाउंटेंट
श्रेया शर्मा चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना चाहती है। उन्हें 500 में से 487(97.4 फीसद) अंक मिले हैं। कहा कि मैंने अपनी तैयारी भी उसी को ध्यान में रखते हुए की। सीए के लिए आवेदन किया है। बोर्ड का रिजल्ट अच्छा रहा है तो लगता है कि डीयू के एसआरटीसी कालेज में दाखिला मिल जाएगा। कोचिंग में सीए की तैयारी भी कर रही हूं। मैंने अधिकतर विषयों को स्वयं ही पढ़ा और एकाउंटेंसी की कोचिंग भी ली थी। पूरे साल रेगुलर स्टडी में तीन से चार घंटे के क्रम को बरकरार रखा और परीक्षा के तीन महीने पहले से आठ से 10 घंटे के शेड्यूल को कायम रखा।गाना और डांस बेहद पसंद
पढ़ाई के अलावा मुझे गाना और डांस बेहद पसंद है। मुझे गाने की प्रतियोगिताओं में पुरस्कार भी मिल चुके हैं। पढ़ाई के दौरान अधिक तनाव होने से गाने सुनती थी। इसके अलावा मेरी दादाजी सरला शर्मा के साथ बैठती और उनके बातों से मेरा तनाव दूर हो जाता है। मेरे भाई ने भी इस साल आर्मी पब्लिक स्कूल से 12वीं उत्तीर्ण किया है। मेरे पिता देवेश कुमार शर्मा बिजनेसमैन हैं और माता रचना शर्मा नोबल पब्लिक स्कूल में शिक्षिका हैं।
आइएएस बनकर पूरा करूंगी माता-पिता का सपना
तनिषा सिंघल का कहना है कि उन्हें गणित और मार्केटिंग में 100 अंकों की अपेक्षा थी पर दोनों विषयों में कुछ अंक कम रह गए। उन्हें 500 में से 487 अंक (97.4 फीसद) अंक प्राप्त हुए हैं। कहा कि मुझे आइएएस बनकर माता-पिता का सपना पूरा करना है। मैं शुरू से उसी सपने के साथ पढ़ाई कर रही हूं। मेरे भाई अनमोल सिंघल ने भी इसी साल केएल इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं की परीक्षा 90 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण किया है। मैंने पढ़ाई के दौरान अधिकतर सेल्फ स्टडी पर फोकस रखा। रेगुलर तकरीबन आठ घंटे की पढ़ाई करने की कोशिश की।
गणित को हर दिन दो घंटे
गणित और एकाउंटेंसी की कोचिंग लेनी पड़ी। गणित मेरा पसंदीदा विषय है। गणित को मैंने हर दिन दो घंटे का समय दिया है। रिजल्ट अच्छा है तो आशा है कि डीयू के एसआरटीसी में दाखिला मिल जाएगा। पढ़ाई के अलावा मुङो बैडमिंटन खेलना बेहद पसंद है। पढ़ाई के दौरान कभी तनाव अधिक होने पर मैं कुछ समय मनोरंजन में टीवी का सहारा लेती या फिर बाहर थोड़ी देर घूमने निकल जाती हूं। मेरे पिता अरुन सिंघल बिजनेसमैन हैं और माता शैलजा सिंह गृहणी हैं।
मददगार बनी सेल्फ स्टडी
सलोनी सिंघल का कहना है कि कॉमर्स वर्ग में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर गर्व हो रहा है। मुङो कारपोरेट लॉयर बनना है। मैं क्लैट की तैयारी कर रही हूं। डीयू में बीकॉम ऑनर्स के लिएण् आवेदन करूंगी। क्लैट की परीक्षा 26 मई को है। अगर उसमें रैंक आ गया तो ठीक नहीं तो डीयू में दाखिला लेकर आगे की पढ़ाई जारी रखूंगी। मैं पढ़ाई से ब्रेक नहीं लेना चाहती हूं। उन्हें 500 में से 487 (97.4 फीसद) अंक मिले हैं।
शिक्षकों के नोट्स पर पूरा फोकस
मैंने अपनी बोर्ड परीक्षा की तैयारी में स्कूल में मिले शिक्षकों के नोट्स पर पूरा फोकस रखा। उसी नोट के साथ सेल्फ स्टडी में भी मदद मिली। गणित,एकाउंटेंसी और इकोनोमिक्स की कोचिंग ली। एकाउंटेंसी मेरा पसंदीदा विषय है। मैं हर दिन दो घंटे एकाउंटेंसी को देती थी। पढ़ाई के अलावा मुङो डांस करना और बैडमिंटन खेलना बेहद पसंद है। तनाव अधिक होता है तो मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं जिससे मुङो मदद मिलती है। मेरे बड़े भाई संजय सिंघल नोएडा में जॉब करते हैं। मेरे पिता स्व.संजीव कुमार सिंघल सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत थे। माता बबिता सिंघल गृहणी हैं।
पूरा फोकस अब नीट पर
सौम्या सिंह ने कहा कि विज्ञान वर्ग में पीसीबी में जिले की टॉपर बनकर बेहद अच्छा महसूस हो रहा हूं। मैं नीट की तैयारियों में जुटी हूं। उन्हें 500 में से 488(97.6 फीसद) अंक प्राप्त हुए हैं। बताया कि रविवार को नीट की परीक्षा है इसलिए पूरा फोकस उसी पर है। नीट के रिजल्ट के बाद ही आगे की तैयारी की रूपरेखा तैयार होगी। मुझे डाक्टर बनकर समाज की सेवा में अपना योगदान देना है। मेरे पिता राहुल कुमार बिजनेसमैन हैं। उनके दोस्तों में कई लोग डाक्टर हैं जो मुझे प्रेरित करते रहते हैं। रिजल्ट मेरी अपेक्षा से भी अच्छा रहा है।
हर पढ़ाई करने का टारगेट
मैंने बोर्ड परीक्षा की तैयारी के दौरान स्कूल में शिक्षकों द्वारा दिए गए नोट्स और एनसीईआरटी के अलावा कुछ नहीं पढ़ा। कुछ और पढ़कर मैं भटकना नहीं चाहती थी इसीलिए फोकस बनाए रखा। पढ़ाई के लिए घंटे तय करने की बजाय मैंने हर दिन पढ़ने का टारगेट तय किया और उसी के अनुरूप पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के अलावा मुङो पेंटिंग, डांसिंग और स्विमिंग करना पसंद है। तनाव दूर करने के लिए मैं दोस्तों, परिजनों से खूब बातें किया करती हूं। मेरी परवरिश संयुक्त परिवार में हुई है इसलिए तनाव कम ही होता है। अकेले रहने से अधिक तनाव होता है।
मुझे बनना है चार्टर्ड एकाउंटेंट
श्रेया शर्मा चार्टर्ड एकाउंटेंट बनना चाहती है। उन्हें 500 में से 487(97.4 फीसद) अंक मिले हैं। कहा कि मैंने अपनी तैयारी भी उसी को ध्यान में रखते हुए की। सीए के लिए आवेदन किया है। बोर्ड का रिजल्ट अच्छा रहा है तो लगता है कि डीयू के एसआरटीसी कालेज में दाखिला मिल जाएगा। कोचिंग में सीए की तैयारी भी कर रही हूं। मैंने अधिकतर विषयों को स्वयं ही पढ़ा और एकाउंटेंसी की कोचिंग भी ली थी। पूरे साल रेगुलर स्टडी में तीन से चार घंटे के क्रम को बरकरार रखा और परीक्षा के तीन महीने पहले से आठ से 10 घंटे के शेड्यूल को कायम रखा।गाना और डांस बेहद पसंद
पढ़ाई के अलावा मुझे गाना और डांस बेहद पसंद है। मुझे गाने की प्रतियोगिताओं में पुरस्कार भी मिल चुके हैं। पढ़ाई के दौरान अधिक तनाव होने से गाने सुनती थी। इसके अलावा मेरी दादाजी सरला शर्मा के साथ बैठती और उनके बातों से मेरा तनाव दूर हो जाता है। मेरे भाई ने भी इस साल आर्मी पब्लिक स्कूल से 12वीं उत्तीर्ण किया है। मेरे पिता देवेश कुमार शर्मा बिजनेसमैन हैं और माता रचना शर्मा नोबल पब्लिक स्कूल में शिक्षिका हैं।
आइएएस बनकर पूरा करूंगी माता-पिता का सपना
तनिषा सिंघल का कहना है कि उन्हें गणित और मार्केटिंग में 100 अंकों की अपेक्षा थी पर दोनों विषयों में कुछ अंक कम रह गए। उन्हें 500 में से 487 अंक (97.4 फीसद) अंक प्राप्त हुए हैं। कहा कि मुझे आइएएस बनकर माता-पिता का सपना पूरा करना है। मैं शुरू से उसी सपने के साथ पढ़ाई कर रही हूं। मेरे भाई अनमोल सिंघल ने भी इसी साल केएल इंटरनेशनल स्कूल से 12वीं की परीक्षा 90 फीसद अंकों के साथ उत्तीर्ण किया है। मैंने पढ़ाई के दौरान अधिकतर सेल्फ स्टडी पर फोकस रखा। रेगुलर तकरीबन आठ घंटे की पढ़ाई करने की कोशिश की।
गणित को हर दिन दो घंटे
गणित और एकाउंटेंसी की कोचिंग लेनी पड़ी। गणित मेरा पसंदीदा विषय है। गणित को मैंने हर दिन दो घंटे का समय दिया है। रिजल्ट अच्छा है तो आशा है कि डीयू के एसआरटीसी में दाखिला मिल जाएगा। पढ़ाई के अलावा मुङो बैडमिंटन खेलना बेहद पसंद है। पढ़ाई के दौरान कभी तनाव अधिक होने पर मैं कुछ समय मनोरंजन में टीवी का सहारा लेती या फिर बाहर थोड़ी देर घूमने निकल जाती हूं। मेरे पिता अरुन सिंघल बिजनेसमैन हैं और माता शैलजा सिंह गृहणी हैं।
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