बच्चों को असफलता से निपटने का तरीका भी बताएं स्कूल
आज की शिक्षा ब''ाों को सफलता के लिए तैयार करती है, लेकिन असफलता की चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षा व्यवस्था फेल साबित हो रही है।
मेरठ । आज की शिक्षा बच्चों को सफलता के लिए तैयार करती है, लेकिन असफलता की चुनौतियों से निपटने के लिए शिक्षा व्यवस्था फेल साबित हो रही है। नतीजा बच्चे आगे चलकर समाज विरोधी या आत्महत्या के लिए भी कदम उठाने लगे हैं। रविवार को होटल कंट्री इन में मेरठ सीबीएसई स्कूल सहोदय, विद्या भारती और चौ. चरण सिंह विवि की ओर आयोजित संवाद में विशेषज्ञों ने इसे लेकर चिंता जताई।
विद्या भारती मेरठ प्रांत के संगठन मंत्री तपन कुमार ने कहा कि शिक्षा इस तरह से देनी चाहिए, जिसमें बच्चे सफलता और असफलता दोनों को सहज तरीके से स्वीकार सकें। चौ. चरण सिंह विवि के कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने कहा कि मौजूदा शिक्षा व्यवस्था की कई खामी है। हम अंतरराष्ट्रीय मानक से पिछड़ रहे हैं। शिक्षकों को छात्रों की कमजोरी को पहचानकर उसे दूर करने की जरूरत है। बच्चों की शिक्षा ऐसी हो जिससे वह नई सोच के साथ आने वाली किसी भी समस्याओं के समाधान तलाशने लायक बन सकें। बच्चों में कठिन परिश्रम करने की प्रवृत्ति उन्हें जीवन की चुनौतियों का सरलता से सामना करने योग्य बनाती है।
क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डा. सीमा शर्मा ने कहा कि अभिभावकों और शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों से मित्रवत व्यवहार करें। उनकी गलतियों पर उन्हें डाटने के बजाय उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। मल्टी टास्किंग से उन्होंने बच्चों को नुकसान बताया। डीआइओएस गिरजेश चौधरी ने सभी प्राइमरी स्कूलों में साइकोलॉजिस्ट नियुक्त किए जाने पर जोर दिया, ताकि बच्चे की रुचि का पता लगाया जा सके। सिटी वोकेशनल पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल प्रेम मेहता, सहोदय के सचिव राहुल केसरवानी, आशीष गुप्ता, बीएनजी के प्रिंसिपल अजय बंसल, राधा गोविंद स्कूल की प्रिंसिपल संगीता रेखी, एसएसडी गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल रेखा शर्मा, साइकोलॉजिस्ट रितु केला, सीजेडीएवी की प्रिंसिपल अल्पना शर्मा, शांति निकेतन शिक्षा ग्रुप के निदेशक विशाल जैन ने भी संबोधित किया। संचालन विद्वत परिषद मेरठ महानगर के संयोजक डा. नीरज शर्मा ने किया। इसमें सीबीएसई, आइसीएसई और यूपी बोर्ड के 130 स्कूलों के प्रिंसिपल और शिक्षक शामिल हुए। शिक्षा में नवाचार जरूरी
संवाद में शिक्षकों ने शिक्षा में नवाचार पर अपनी बात रखी। बाल संसद, लाइफ स्किल्स, सामाजिक सहभागिता, समर्थ भारत, मानसिक स्वास्थ्य, योग, सोशल मीडिया, इंटरनेट एडिक्शन आदि के विषय में बताया।
बड़े काम का है एप
इस दौरान कई एप की जानकारी दी गई। इनमें स्कॉलर एप, जेडआइआइइटी एप, एनसीईआरटी के ई पाठशाला, यूजीसी के स्वयं पोर्टल आदि के विषय में भी जानकारी दी गई।