Move to Jagran APP

रमजान में गुनाहों से तौबा करने का दूसरा अशरा शुरु

कोतवाली स्थित शाही जामा मस्जिद में रमजान के दूसरे जुमे को शहरी काजी ने रमजान की फजीलत बयान की। जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 06:27 AM (IST)
रमजान में गुनाहों से तौबा करने का दूसरा अशरा शुरु
रमजान में गुनाहों से तौबा करने का दूसरा अशरा शुरु

मेरठ। कोतवाली स्थित शाही जामा मस्जिद में रमजान के दूसरे जुमे को शहरी काजी ने रमजान की फजीलत बयान की। जामा मस्जिद समेत अन्य मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई।

loksabha election banner

शहर काजी प्रोफेसर जैनुस साजिदीन ने कहा कि रमजान का पहला अशरा समाप्त होकर दूसरा अशरा शुरू हो गया है। अब मगफिरत के दिन आरंभ हो गए हैं। शहर काजी ने कहा कि रमजान के मुकद्दस महीने के दिन और रात बहुत कीमती हैं। माफी के दस दिन हम खुदा की तिलावत कर गुनाहों की माफी मांगे। यदि इंसान को माफी मिल गई तो जिंदगी का मकसद हासिल हो जाएगा। उन्होंने लोगों से कोई ऐसा काम न करने की अपील की जिससे खुदा के हुक्म की नाफरमानी होती हो। शहर काजी ने कहा कि आपसी झगड़े झंझट से दूर रहना और पड़ोसियों से अच्छा व्यवहार इस्लाम की सबसे बड़ी तालीम है।

गुरुवार की रात जामा मस्जिद में पांच रोजा शबीना हाफिज मोहम्मद हारून ने पूरा किया। मौलाना मोहम्मद राशिद, मौलाना इफ्तखार कांधला से तशरीफ लाए और दुआ कराई। संचालन नायब शहर काजी जैनुर राशिदीन ने किया। मस्जिद में 12 रोज शबीना का आरंभ हुआ। अलीगढ़ से आए हफीजुर्रहमान कुरान शरीफ सुनाएंगे। हाजी इमरान सिद्दिकी, अशरफ गाजी, शोएब मलिक, अख्तर आलम, शिराज, अयूब अंसारी आदि मौजूद रहे। खैरनगर हौज खास मस्जिद, रेलवे रोड स्थित मनसबिया आदि मस्जिदों में नमाज अदा की गई।

क्षेत्र की सबसे बड़ी और खूबसूरत है अजराड़ा की रियाजुल जन्ना मस्जिद

मेरठ। मुंडाली क्षेत्र के अजराड़ा गांव स्थित रियाजुल जन्ना मस्जिद क्षेत्र की सबसे बड़ी मस्जिद होने के साथ ही अपनी खूबसूरती के लिए भी जानी जाती है। करीब 25 वर्ष पूर्व बनी इस मस्जिद में एक साथ करीब 15 सौ लोग नमाज अदा कर सकते हैं। रमजान महीने के हर जुम्मे को नमाज अदा करने के लिए आसपास के गांवों से सैकड़ों अकीदतमंद यहां पहुंचते हैं।

इस मस्जिद की संगे बुनियाद करीब 25 वर्ष पूर्व मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पहले अध्यक्ष काजी मुजाहिद उल इस्लाम ने रखी थी। दो वर्ष में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ। दस हजार वर्ग फीट में बनी इस मस्जिद में 21 सफे हैं, जिन पर एक साथ 15 सौ लोग नमाज अदा कर सकते हैं। मस्जिद के मुतवल्ली मौलाना असलम ने बताया की रमजान माह के दौरान पांचों वक्त की नमाज में के लिए यहां बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करते हैं, लेकिन जुमे के दिन जुमे की नमाज अदा करने लिए आसपास के गांवों से भी सैकड़ों लोग यहां पहुंचते हैं। जिसके चलते कई बार लोगों को मस्जिद के बाहर भी सफे बनाकर नमाज अदा करनी पड़ती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.