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अवैध है पूर्व सांसद के भाई का मीट प्लांट

मेरठ। तीन मजदूरों की कब्रगाह बना पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक के भाई राशिद का मीट प्लां

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 04:00 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 04:00 AM (IST)
अवैध है पूर्व सांसद के भाई का मीट प्लांट
अवैध है पूर्व सांसद के भाई का मीट प्लांट

मेरठ। तीन मजदूरों की कब्रगाह बना पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक के भाई राशिद का मीट प्लांट अवैध है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लखनऊ मुख्यालय को ई-मेल भेजकर अवगत करा दिया है। जल्द ही प्लांट मालिक समेत कई लोगों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।

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हापुड़ रोड के अल्लीपुर जिजमाना स्थित मीट प्लांट में तीन मजदूरों की मौत के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। सफाई देते हुए प्लांट मैनेजर सलाउद्दीन ने कहा था कि अल यासिर नाम से दो प्लांट हैं। अल यासिर द्वितीय प्रोसेसिंग मीट प्लांट एवं रेड¨रग प्लांट में हादसा हुआ है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी अभी मैनेजर के बयान के आधार पर ही जांच कर रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने चौंकाने वाला तथ्य सामने रखा है।

विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 2015-16 में इस प्लांट की एनओसी के लिए आवेदन किया था। मानक पूरे नहीं होने के कारण आवेदन वापस कर दिया गया था। क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से कई बार नोटिस भी भेजे गए, परंतु फिर भी एनओसी के लिए मानक पूरे नहीं किए गए। मामले की रिपोर्ट शुक्रवार को लखनऊ मुख्यालय भेज दी गई। वहां से मिले दिशा-निर्देशों के बाद प्लांट संचालक पर कार्रवाई की जाएगी। प्लांट सील करने की तैयारी कर ली गई है। बोर्ड की ओर से मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा। एक रजिस्ट्रेशन पर चल रहे थे दो प्लांट

अधिकारियों की मानें तो पूर्व सांसद के भाई ने अल यासिर नाम का एक पंजीकरण करा रखा है। उसी नाम पर यह दूसरा अवैध प्लांट चलाया जा रहा था। सवाल उठता है, इससे पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कहां था? पता होने के बाद भी तीन मजदूरों को मौत के कुंड में क्यों समाने दिया गया? प्रकरण में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठे हैं। अल फहीम के मानकों की जांच करेगा एमडीए

अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड के हादसे के बाद अब एमडीए भी जागा है। एमडीए मीट प्लांट के भवन के मानकों की जांच करेगा। वीसी साहब सिंह ने बताया कि जोनल अधिकारी को मानकों की जांच करके रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। इनका कहना--

मानक पूरे नहीं होने के कारण एनओसी नहीं दी गई थी। बोर्ड कई बार नोटिस भी दिया गया है। यह प्लांट पूरी तरह अवैध है। रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है।

-राकेश त्यागी, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड। प्लांट को कौन क्या बता रहा है, यह मुझे नहीं पता। हमारे पास पूरे कागजात हैं। अवैध होने की बात गलत है।

-शाहिद अखलाक, पूर्व सांसद


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