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ईंधन और इलेक्टिक चार्ज के बगैर ही दौड़ती है यह बाइक Meerut News

आइटीआइ प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षकों से मिलकर दस हजार रुपये में सोलर बाइक तैयार की। जो बिना ईंधन व बिना किसी इलेक्टिक चार्ज के 40 की रफ्तार से दौड़ती है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 11:53 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 12:11 PM (IST)
ईंधन और इलेक्टिक चार्ज के बगैर ही दौड़ती है यह बाइक Meerut News
ईंधन और इलेक्टिक चार्ज के बगैर ही दौड़ती है यह बाइक Meerut News

मेरठ, [आकाश दुबे]। किसी खोज के लिए एक विचार की आवश्यकता होती है। उस खोज को मूर्त रूप देने के लिए कई प्रतिभावान लोगों की। आइटीआइ में एक ऐसी ही सोच का जीता जागता प्रमाण मौजूद है। प्रशिक्षुओं की मेहनत और प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन ने मिलकर कबाड़ से उठकर आई एक बाइक को सोलर बाइक में बदल डाला। जो बिना ईंधन व बिना किसी इलेक्टिक चार्ज के 40 की रफ्तार से दौड़ती है। बस बाइक को निकालिए और सवार होकर गंतव्य की ओर चल दीजिए। जी हां, यह बाइक पूरी तरह से सोलर चार्जिग की मदद से खुद को ऊर्जा देती है। इसे तैयार करने में कुल दस हजार रुपये की लागत आई है।

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ऐसे आया सोलर बाइक बनाने का विचार

सोलर बाइक को बनाने का विचार आइटीआइ के नोडल प्रधानाचार्य पीपी अत्रि को उस समय आया, जब वे एक गांव में पहुंचे। वहां उन्होंने ईंधन के अभाव से बंद पड़े वाहन को देखा। इस पर उन्हें एक ऐसा वाहन बनाने का विचार आया, जो बिना बिजली और ईंधन के चल सके। साथ ही वातावरण को प्रदूषित भी न करे। इस विचार को उन्होंने आइटीआइ आकर प्रधानाचार्य बनी सिंह चौहान व प्रशिक्षकों से साझा किया। मोटर मैकेनिक व्यवसाय के प्रशिक्षक प्रवीन कुमार व जयपाल सिंह ने चार प्रशिक्षु भारती, अभिषेक, अनम व सोनम को इस काम में लगाया। कबाड़ में पड़ी एक पुरानी बाइक को लाकर उसे सोलर बाइक में परिवर्तित करने की ठानी। करीब 25 दिन की कठोर मेहनत के बाद उन्होंने एक प्रारूप तैयार किया। इसे पहली बार जुलाई 2019 में चलाकर देखा गया। पहले ही प्रयास में बाइक ने प्रतिभा और श्रम के मेल से गति पकड़ ली। हाल में प्रशिक्षुओं द्वारा तैयार मॉडल की प्रदर्शनी में भी व्यावसायिक शिक्षा मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने भी बाइक के मॉडल की सराहना की थी।

पांच साल तक नो झंझट

बाइक में चार ड्राई बैट्री लगाई गई हैं, जिन्हें पांच साल तक बिना बदले आसानी से बाइक को चलाया जा सकता है। बाइक सड़क पर चलने के साथ ही इसमें सामने की ओर लगे सोलर पैनल से चार्ज होती रहती हैं। इससे समय और ईंधन दोनों की बचत होती है।

40 किमी प्रति घंटा है बाइक की अधिकतम रफ्तार

आइटीआइ के प्रधानाचार्य बनी सिंह चौहान ने बताया बाइक को तैयार करने में महज दस हजार रुपये का खर्च आया। बाइक को चलाने के लिए इसमें डीसी मोटर लगाई गई है, जो इसे 40 किमी. की रफ्तार से दौड़ा सकती है। इस पर दो लोग आसानी से सवार होकर सफर कर सकते हैं। इस पर 70 किलोग्राम तक भार ढोया जा सकता है।

धूप न मिलने पर भी 50 किमी तक जा सकेगी बाइक

बाइक को सुदूर इलाकों की परिस्थिति को देखते हुए तैयार किया गया है। इसमें बाइक को चार्जिग देने के लिए लगे सोलर पैनल को अगर धूप नहीं मिलती है तो भी वह 50 किलोमीटर तक ले जा सकती है। 


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