विडंबना : तीस गरीबों को दिलाई थी छत, लेकिन अब खुद ही शौचालय को तरस रहे Saharanpur News
उप ब्लाक प्रमुख रहे महीपाल ने अपने गांव में गरीबों के लिए 30 मकान शौचालय बनवाने के साथ हैंडपंप भी लगवाये लेकिन उनके घर में प्रशासन एक पक्का शौचालय नहीं बनवा सका।
विजेंद्र सैनी, सहारनपुर। गांव मुबारिकपुर के महीपाल सिंह की कहानी स्वच्छ भारत अभियान की कामयाबी पर दाग है। उप ब्लाक प्रमुख रहे महीपाल ने अपने गांव में गरीबों के लिए 30 मकान, शौचालय बनवाने के साथ हैंडपंप भी लगवाये, लेकिन स्वच्छ भारत अभियान से उनके घर में प्रशासन एक पक्का शौचालय नहीं बनवा सका। ऐसे में उनका परिवार पड़ोसी के शौचालय का प्रयोग कर रहा है। मकान में बिजली कनेक्शन भी नही है।
यह काम करवाए
ग्राम मुबारिकपुर के महीपाल सिंह 1998 में वह ब्लाक उपप्रमुख बने, तब प्रमुख केला देवी थीं। उन्होंने बसपा सरकार में अनशन कर अपने गांव में गरीबों के लिए 30 मकान, शौचालय व नल लगवाये, लेकिन आज वह अपने घर में शौचालय तक नहीं बनवा पा रहे हैं। परिवार पड़ोसी का शौचालय प्रयोग करता है। सन 2000 में इनके पिताजी बलजीत सिंह सह ग्राम प्रधान थे। गरीबी में जीवन काट रहे प्रमुख शौचालय के लिए सरकार की मदद की बाट जोह रहे हैं।
गरीबी में बुरा हाल
उन्होंने बताया कि उनका परिवार बीपीएल कार्ड धारक था। कई अपात्रों के गरीबी रेखा के कार्ड बने हैं, पर उनका नाम बीपीएल से कटने के कारण शौचालय भी नहीं मिल सका। गांव में अपात्रों के प्लाटों पर शौचालय बनवाये गए, जिनका प्रयोग न होने से उनमें उपले व लकड़ी भरी है या बंद पड़े हैं।
घर में अंधेरा, रोटी बमुश्किल
मकान भी जर्जर हालत में है। सरकार से बार बार मदद की गुहार लगाई गई है। लेकिन मिला कुछ नहीं, जबकि गरीबों के लिए सरकार की ओर से आवास योजना व शौचालय व बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं। महीपाल उन योजनाओं से वंचित हैं। उनके पास एक बीघा जमीन है, पत्नी एक चिकित्सक के यहां नर्स का काम करती हैं, जिससे केवल रोटी का ही जुगाड़ हो पाता है।
डीएम अखिलेश कुमार सिंह कहते हैं कि महीपाल सिंह के प्रकरण में जांच कराई जाएगी कि उन्हें पात्र होते हुये भी कैसे बीपीएल सूची से हटाया गया, उनके शौचालय निर्माण में आ रही बाधा को दूर कराया जाएगा। अगर वह पात्र हैं तो उन्हें शौचालय निर्माण का लाभ दिलाया जाएगा। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मुनेश कुमार का कहना है कि लिस्ट भेजी गई है, नाम आने पर शौचालय बनवा दिया जाएगा।